वाराणसी/-जिला ग्राम्य विकास संस्थान परमानंदपुर में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत चयनित कृषि सखियों के प्राकृतिक खेती विषयक पांच दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर प्रशिक्षुओं को संबोधित करते हुए जिला प्रशिक्षण अधिकारी विमल कुमार सिंह ने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाकर आर्थिक एवं स्वास्थ्य की स्थिति को बेहतर बना सकती हैं सभी कृषि सखी दीदियां।प्रशिक्षण के पांच दिनों में कृषि सखियों को प्राकृतिक खेती क्या है और क्यों इसे अपनाना जरूरी है के बारे में तथा प्राकृतिक खेती में जीवामृत,बीजामृत,निमास्त्र,ब्रह्मास्त्र,वर्मीवास,वर्मी कम्पोस्ट आदि के बारे में कृषि विशेषज्ञ डॉक्टर नरेंद्र देव सिंह द्वारा जानकारी दी गई।प्रतिभागियों को कृषि विज्ञान केन्द्र कल्लीपुर का भ्रमण कराया गया जहां पर प्राकृतिक खेती से संबंधित व्यवहारिक जानकारी कृषि वैज्ञानिक डा श्री प्रकाश सिंह द्वारा दी गई।वही प्रतिभागियों को स्थानीय प्रगतिशील कृषक के यहां परमानंदपुर में भ्रमण कराया गया जहां पर ओम प्रकृति नर्सरी के संचालक मनोज कुमार सिंह ने पौधशाला व ग्राफ्टिंग करने के बारे में जानकारी दी।प्रशिक्षण के अंतिम सत्र में प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षुओं का प्रश्न पत्र के माध्यम से पांच दिनो में दी गई जानकारी पर आधारित परीक्षा ली गई।समापन अवसर पर जिला मिशन प्रबंधक विवेक कुमार सिंह,प्रगतिशील कृषक उदयभानु सिंह,सीसीओएफ उमाशंकर गुप्ता,सत्र प्रभारी अमरनाथ द्विवेदी,राज्य प्रशिक्षक केएल पथिक,सुरेश तिवारी,सुरेश पाण्डेय,कृषि सखी अंजली कुमारी,संध्या जायसवाल,प्रियंका देवी,रिंकी देवी,शाहजहां बेगम,रेखा देवी,मनीषा देवी,विमला मौर्या,कमला देवी सहित जनपद चंदौली के विकास खण्ड धानापुर,चहनिया व बरहनी से चयनित साठ कृषि सखियों की उपस्थिति रही।प्रशिक्षण का समापन जिला प्रशिक्षण अधिकारी एवं प्रशिक्षण टीम द्वारा प्रशिक्षुओं को ग्रुप फोटोग्राफ व यात्रा भत्ता वितरित कर किया गया।