महराजगंज तराई( बलरामपुर )/सुरक्षित प्रसव और जननी सुरक्षा को लेकर जहां सरकार गंभीर है वहीं जिले के अफसर बेफिक्र हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर पहुंचने वाली महिलाओं को प्रसव के बाद कम से कम दो दिन भर्ती रखने का प्रावधान है।साथ ही उन्हें दोनों वक्त का खाना मुहैया कराना होता है। मगर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र महराजगंज तराई में ऐसा नहीं हो रहा है।वैसे अधिकारी दावा जरूर कर रहे हैं कि प्रसूताओं को खाना दिया जाता है। जबकि अस्पतालों में खाना मुहैया कराने के लिए संस्था नामित है। लेकिन संस्था का कार्य अवधि पूर्ण हो जाने के कारण अधिकारियों ने उसको नवीनीकरण ना करके प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर कम प्रसव होने का बहाना बनाकर बंद कर दिया।इसे लेकर सवाल जरूर खड़े हो रहे हैं। प्रसव कराने आयी आयशा खातून ग्राम हरिहर नगर रुखसाना निवासी अंबरनगर , नीलम निवासी लोहेपनिया ,पूनम मिर्जापुर, गुड़िया उदई पुर ने बताया कि वह अस्पताल की व्यवस्था देखकर प्रसव के बाद ही घर चली गई है। डॉ बालमुकुंद मौर्य ने बताया की भोजन न बनने की जानकारी विभाग के उच्च अधिकारियों को दे दी गई है । अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ संतोष कुमार श्रीवास्तव ने बताया प्रकरण संज्ञान में आया है जांच कराया जा रहा है।