भदोही। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा भदोही में आयोजित तीसरे अंतरराष्ट्रीय कालीन मेले की शुरुआत हो गई है। बुधवार को इस कालीन मेले के दूसरे दिन भी विभिन्न कालीन आयातक देशों से विदेशी ग्राहक प्रतिभाग करने के लिए पहुंचे। पूरे मेले परिसर में विदेशी आयातकों की चहल-पहल दिखाई दी।
चार दिनों तक चलने वाले इस अंतर्राष्ट्रीय कालीन मेले में पहले दिन लगभग 30 देशों से रिकॉर्ड संख्या में 153 विदेशी कालीन खरीदार मुख्य रूप से अर्जेंटीना, आस्ट्रेलिया, ब्राजील, फ्रांस, कनाडा, इसराइल, टर्की, जापान, रुस, यूएसए, यूके, इटली, स्वीडेन, जर्मनी, नीदरलैंड, पोलैंड और 185 खरीद प्रतिनिधियों ने इस ग्रामीण आधारित कुटीर क्षेत्र के लिए व्यवसाय उत्पन्न करने के लिए एक्सपो का दौरा किया। वैसे चार दिनों तक 67 देशों से 450 विदेशी खरीदारों के आने की संभावना है। मेले में 260 निर्यातकों द्वारा स्टाल लगाया गया है। दूसरे दिन भी विदेशी आयातकों की मेले में संख्या कुछ कम नहीं रही। काफी संख्या में विदेशी आयातकों के भारतीय प्रतिनिधियों ने भी कालीन मेले में प्रतिभाग किया। कालीन निर्यातक वासिफ अंसारी, संजय गुप्ता, रोहित गुप्ता, पंकज बरनवाल, परवेज खां, एजाज अहमद अंसारी, उमेश गुप्ता मुन्ना, आरिफ अंसारी, सुहेल अकबर, अरफा नसीम अंसारी, पीयूष बरनवाल, रूपेश बरनवाल, राशिद अंसारी, अशरफ अली, अब्दुल करीम, आसिफ अंसारी, आलोक बरनवाल, मो.नजम खां, शाहकार हुसैन शिबू, फिरोज अख्तर, वसीम अख्तर, खुर्शीद अंसारी, इफ्तेखार मुन्ना, मोहसिन अंसारी आदि की मानें तो मेला काफी अच्छा चल रहा है। अधिकांश कालीन निर्यातकों ने बताया कि पहले दिन की अपेक्षा दूसरे दिन मेले में विदेशी आयातकों की संख्या ज्यादा दिखाई दी। लगभग अधिकांश स्टालों पर विदेशी खरीदारों को सैंपलों को देखते और उनका रेट भाव तय करते हुए देखा गया। भदोही के निर्यातक तो यह पर फेयर आयोजित होने से काफी खुश दिखाई दिए। उनका कहना था कि दिल्ली के अपेक्षा भदोही का यह मेला काफी अच्छा है। डोमोटेक्स निरस्त होने के बाद सीईपीसी को चाहिए कि वह फरवरी या मार्च में एक बार फिर यहां पर मेले का आयोजन करें। इसका लाभ निर्यातकों को मिलेगा। हालांकि देखा जाए तो कालीन निर्यात संवर्धन परिषद का भी यह प्रयास है कि कालीन आयातकों के साथ-साथ निर्माता-निर्यातकों को विशेष व्यावसायिक वातावरण प्रदान करना है। जिससे इस अत्यधिक श्रम गहन ग्रामीण आधारित सुक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम कुटीर उद्योग में कार्यरत लगभग 2 मिलियन बुनकरों और कारीगरों को लाभ होगा। कुल मिलाकर भदोही का यह कालीन मेला का अच्छा चल रहा है। फेयर में स्टाल लगाने वाले निर्यातक भी काफी खुश दिखे।