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निमोनिया के प्रति बढ़ाएं जागरूकता का स्तर, समय से हो मरीज की पहचान- सीएमओ 

गोरखपुर। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर राजेश झा ने सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में बुधवार को निमोनिया नियंत्रण अभियान के शुभारंभ कार्यक्रम की अध्यक्षता की। इस दौरान सीएमओ ने समुदाय में निमोनिया के प्रति जागरूकता का स्तर बढ़ाने के निर्देश दिए। निमोनिया नियंत्रण अभियान के तहत बीआरडी मेडिकल कॉलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र, जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जय कुमार व डॉ अजय देवकुलियार और पिपराईच सीएचसी के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। साथ ही सांस कार्यक्रम के अन्तर्गत विषय विशेषज्ञों ने निमोनिया नियंत्रण, पहचान, उपचार और प्रबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इसी क्रम में सीएमओ ने डीएचएस की कार्यकारी इकाई की बैठक में स्वास्थ्य इकाइयों को निर्देश दिया कि भरपूर साफ-सफाई रखें। स्वास्थ्य कार्यक्रमों का गुणवत्तापूर्ण संचालन करें और कंडम सामानों की सूची तैयार कर उनका नियमानुसार निस्तारण करें।
जिले में 28 फरवरी तक प्रस्तावित निमोनिया नियंत्रण अभियान के शुभारंभ अवसर पर बीआरडी मेडिकल कॉलेज से आए विशेषज्ञ डॉ भूपेंद्र शर्मा ने कहा कि बच्चों को शीघ्र स्तनपान, छह माह तक सिर्फ स्तनपान, पूरक आहार, नियमित टीकाकरण, स्वच्छता और प्रदूषण मुक्त हवा देकर निमोनिया से बचाया जा सकता है। अगर किसी भी बच्चे की तेजी से सांस चल रही हो, तेज बुखार हो, पसली चले या छाती तेजी से नीचे धंसे, खांसी और जुकाम निरंतर बढ़ रहा है तो यह निमोनिया भी हो सकता है। ऐसे बच्चों का त्वरित इलाज किया जाए। अगर गंभीर निमोनिया है तो उचित चिकित्सा इकाई पर समुचित तरीके से संदर्भन किया जाए।
जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जय कुमार ने कहा कि हमेशा तेजी से सांस चलना निमोनिया का लक्षण नहीं होता है। गंभीर निमोनिया की समय से पहचान आवश्यक है। इन मामलों में स्टेडराइड्स का इस्तेमाल सिर्फ जीवन बचाने की स्थिति में ही होना चाहिए। जिला महिला अस्पताल के ही विशेषज्ञ डॉ अजय देवकुलियार ने कहा कि गंभीर निमोनिया के मामलों में बिना ऑक्सीजन के संदर्भन न करें और ध्यान रहे कि मरीज एम्बुलेंस के जरिए ही अस्पताल जाए।
सीएमओ डॉ राजेश झा ने कहा कि समुदाय में यह संदेश जाए कि पांच साल तक के बच्चों में मृत्यु के सबसे बड़े कारकों में निमोनिया भी एक है। इसलिए बच्चों में निमोनिया के लक्षण दिखते ही उसे स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास या नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र में ले जाएं। नियमित टीकारण कार्यक्रम को सुदृढ़ कर बच्चों को इस बीमारी से बचाया जा सकता है। इसलिए ध्यान रखना होगा कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे।
जिला स्वास्थ्य समिति की कार्यकारी इकाई की बैठक की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ ने कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि किसी भी चिकित्सा इकाई पर कोई कंडम सामग्री न पड़ी हो। जो भी कंडम चीजें हैं उनके निस्तारण की प्रक्रिया पर यथाशीघ्र काम हो। मानकों के अनुसार जिन कंडम सामानों का निस्तारण जिला और राज्य स्तर से होना चाहिए उनकी भी प्रक्रिया पर काम हो। अस्पतालों के सभी संसाधान साफ-सुथरे हों, बेड शीट निरंतर बदली जाए और कहीं भी गंदगी न हो। दवाएं और उपकरण क्रियाशील रहें। अगर कोई दिक्कत आती है तो इसकी सूचना अवश्य दें। सीएमओ ने सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा की और खराब सूचकांक वाले ब्लॉक को सुधार के लिए चेतावनी भी दी।
इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डीटीओ डॉ नंदलाल कुशवाहा और डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश कुमार सहित विभिन्न कार्यक्रमों के नोडल और अधिकारी एवं राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रतिनिधिगण तथा सहयोगी संस्थाओं के लोग भी प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

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