हाथरस। ज़िला बागला अस्पताल लगता है खुद ही बीमार हो गया है। बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिलाधिकारी अर्चना वर्मा व सीडीओ साहित्य प्रकाश मिश्र के निरीक्षण के बाद भी सरकारी अस्पताल मे तैनात डाक्टरों का इलाज नहीं हो पा रहा है।प्रदेश सरकार के अधिकारियों को दिए गए सख्त दिशा निर्देश जनपद के स्वास्थ्य विभाग के जिला अस्पताल में हवा हवाई नजर आ रहे हैं। जहां ड्यूटी टाइम के भी घंटो बाद भी डॉक्टर अपने वर्किंग कक्षा में नहीं पहुंचते , जबकि 8 बजे से शुरू होने वाली ड्यूटी 2 बजे समाप्त हो जाती है।
अस्पताल मे समय से डाक्टरों के न आने के कारण ओपीडी सेवाएं शुरू नहीं हो पाती है। ओपीडी खुलने के बाद डाक्टरों के चैम्बर मे न रहने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। निर्देशों के अनुसार ज़िला बागला अस्पताल मे सुबह 8 बजे ओपीडी सेवा शुरू हो जानी चाहिए, लेकिन डॉक्टर हमेशा देरी से ही पहुंचते है। जिसके चलते जिले के सेकड़ों मरीजों को भटकना पड़ता है।हालांकि प्रशासनिक अधिकारियो का ध्यान इस ओर नहीं है। जिससे प्रतिदिन मरीजों की परेशानी बढ़ती जा रही है। जिला अस्पताल मे दिखाने आये मरीजों ने डाक्टरों पर मनमानी का आरोप लगाते हुए कहा है कि ओपीडी सेवा समय सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक रहती है लेकिन कोई भी डाक्टर समय से अपने कमरे मे मौजूद नहीं रहता है। जिले भर के मरीज गर्मी मे घंटो डाक्टरो के इंतजार मे कमरों के बाहर बैठे रहते है। तीमारदारों का कहना है कि डाक्टरों की लापरवाही के चलते हमें प्राइवेट अस्पताल मे फीस देकर इलाज कराना पड़ता है। ज़िला अस्पताल मे केवल फीस तो नहीं देनी पड़ती और दवाई भी बाजार से लानी पड़ जाती है। अब देखना यह होगा की क्या कार्यवाही के नाम पर स्पष्टीकरण से निपट जायेगा मामला।