भदोही। रमज़ान शरीफ के दूसरे अशरे की 12 वीं रमजान की शब मोहल्ला पचभैया स्थित अहाते वाली मस्जिद में हाफ़िज़ अब्दुल माबूद ने तरावीह मुकम्मल कि। तरावीह मुकम्मल होते ही हाफ़िज़ साहब ने बारगाहे परवरदिगार में आलमे इस्लाम के लिए दुआ कि और अपने रब से कहा ऐ मेरे पालनहार दुनिया में जो परीशान है उनकी परेशानियो को दूर कर दे।जो रोज़ी से परेशान है उन्हें रिज़्के हलाल अता कर जो नमाज़ नहीं पढ़ते उन्हें नमाज़ पढ़ने कि तौफ़ीक़ अता कर जो लोग मजहबे इस्लाम के क़वानीन से वाबस्ता नहीं है तू अपने करम से उन्हें वाबस्तगी अता कर। हम गुनाहो में डूबे हुए है हम सियाकार है बदकार है लेकिन तेरे महबूब स.के उम्मत में है हमारी खताओं को बख्श दे। ऐ अल्लाह हम गुनाहगार तेरे सामने खड़े है हम तुझ से ही मदद मांगते है। रहम कर करम कर मेरे मौला। इस मौके पर उस्ताद हाफिज परवेज अच्छे ने लोगो से खेताब करते हुए कहा जिस हाफ़िज़े क़ुरआन के सीने में मुकम्मल क़ुरआन जज़्ब है समझो वो बहुत ही खुशनसीब है।कहा ये अल्लाह कि बहुत ही बड़ी नेअमत है। कहा क़ुरआन हमें ज़िन्दगी जीने का सलीक़ा सिखाता है क़ुरआन को पढ़ने वाला और सुनने वाला अल्लाह के नज़दीक मोतबर हुआ करता है इसलिए अपने बच्चों को क़ुरआन के तालीमात से रोशनास करो ज़िन्दगी संवरती हुई नज़र आएगा। कहा नमाजे तरावीह सुन्नते मुकेदा है जिसे पढ़ना सुन्नत पे अमल करना होता है और रमजान के महीने में हर लफ्ज और इबादत का सवाब 70 गुना बढ़ा दी जाती है। कहा पूरा महीना इबादतों और कुरान की तिलावत में गुजारे और अपने रब की कुर्ब को हासिल करें। हाफिज अब्दुल माबूद ने अपने उस्ताद हाफिज परवेज के गले मिल कर दुआएं हासिल की तो वहीं उस्तादे मोहतरम ने उन्हें दुआओं से नवाजा। इस पुर फेज़ा मंज़र में हाफिज अरफ़ात हुसैन, हाफिज दानिश, समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव आरिफ सिद्दीकी, सभासद पति अलाउद्दीन खां अलाउ, पुर्व साभासद दानिश सिद्दीकी रूमी, इदरीस खां, इसरार उर्फ इस्सू सिद्दीकी, आदिल सिद्दीकी, अरसलान खां उर्फ अरसू, सलीम खां, शमशाद हसन उर्फ शानू खां, तारिक खां मुज्जु, जमाल खां, सुब्बू सिद्दीकी, रईस सिद्दीकी, अली सिद्दीकी, एहतेशाम सिद्दीकी, अकबर उर्फ बल्ला, इरशाद अंसारी, सैयद नासिर हुसैन, रियाज़ उर्फ लल्लन खां, अफजल खां, चांद बाबा आदि लोगो ने हाफ़िज़ साहब को फूल माला पहनाते हुए गले लगा कर मुबारकबाद दी तो वहीँ उस्तादे मोहतरम हाफ़िज़ परवेज़ उर्फ़ अच्छे मियाँ हाफ़िज़ अशफ़ाक़ रब्बानी हाफ़िज़ अली रज़ा सहित वालीदे मोहतरम महबूब उर्फ मब्बू भाई, बड़े अब्बू महमूद उर्फ डीएम, मकबूल खां ने गले लगा कर दुआओं से नवाजते हुए मुबारकबाद दी। तो वहीँ हाफ़िज़ अब्दुल माबूद घर पे अपनी अम्मी जान तथा बड़ी अम्मी व चाची जान से मिले जहां बारगाहे परवरदिगार में अहले खाना ने अपने बच्चों के हक़ में दुआ-ए-खैर कि।