बहराइच l “स्वस्थ और सुरक्षित बचपन ही एक मजबूत राष्ट्र की नींव है। मिजेल्स और रूबेला जैसी बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण सबसे प्रभावी तरीका है।” इसी संदेश के साथ जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. एसके सिंह ने सोमवार को कैसरगंज ब्लॉक के ग्राम बेरी महेशपुर स्थित पचंभा उपकेंद्र पर मिजेल्स-रूबेला कैच-अप राउंड अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर ग्राम प्रधान, यूनिसेफ प्रतिनिधि दिलीप मिश्रा, सीएचसी बीपीएम आदित्य, आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम और स्थानीय ग्रामीण भी मौजूद रहे।
अभियान के पहले दिन 106 टीकाकरण सत्रों के माध्यम से 9 महीने से 5 वर्ष तक के 1032 बच्चों को मिजेल्स और रूबेला का टीका लगाया गया। यह अभियान 6 दिसंबर तक जनपद के चार ब्लॉकों – जरवल, कैसरगंज, बलहा और मिहींपुरवा में संचालित होगा।
डॉ. एसके सिंह ने बताया कि यह अभियान उन बच्चों को टीका लगाने के लिए चलाया जा रहा है, जिन्हें अब तक मिजेल्स और रूबेला का टीका नहीं लग सका है। उन्होंने कहा कि मिजेल्स (खसरा) और रूबेला ऐसी बीमारियां हैं, जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं। खसरा से बुखार, चकत्ते और निमोनिया जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जबकि रूबेला बालिकाओं के लिए विशेष रूप से खतरनाक है। यदि बालिकाओं को बचपन में रूबेला का संक्रमण हो, तो भविष्य में गर्भावस्था के दौरान उनके शिशु में जन्मजात रूबेला सिंड्रोम का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण नवजात को हृदय रोग, सुनने की समस्या, दृष्टिहीनता और मानसिक विकास में बाधा जैसी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
डॉ. सिंह ने कहा, “मिजेल्स और रूबेला का टीकाकरण न केवल वर्तमान पीढ़ी को सुरक्षित करता है, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षा प्रदान करता है।”
डब्ल्यूएचओ एसएमओ डॉ. विपिन लिखोरे ने ग्रामीणों से अपील की कि वे अपने घरों में 9 महीने से 5 वर्ष तक के बच्चों को मिजेल्स और रूबेला का टीका अवश्य लगवाएं। साथ ही, इस अभियान के महत्व को अपने पड़ोसियों और समुदाय में भी साझा करें ताकि अधिक से अधिक बच्चे इस सुरक्षा कवच का लाभ उठा सकें।
इस अवसर पर सभी उपस्थित प्रतिभागियों ने अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।