
भदोही/ज्ञानपुर। जनपद के बेजवां स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका मुख्य विषय मृदा की देखभाल, माप ,निगरानी एवं प्रबंधन रहा। कार्यक्रम के शुभारंभ में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ रेखा सिंह ने बताया कि ग्रह और मानवता का अस्तित्व मिट्टी के साथ गहराई से जुड़ा हुआ है। कहा कि हमारे भोजन का 95% से अधिक हिस्सा मिट्टी से आता है जो पौधों को बढ़ने के लिए आवश्यक होता हैं इसलिए हमें इस मिट्टी की देखभाल करनी चाहिए। कहा किसान खेतो के मिट्टी की जांच कराएं तथा रसायनिक खाद का संतुलित प्रयोग करें। डॉ ए. के. चतुर्वेदी ने कहा मिट्टी केवल एक ढेर नहीं है, बल्कि यह हमारी पूरी खाद्य श्रृंखला और पारिस्थितिक संतुलन का आधार है। इसे संरक्षित करना हमारी जिम्मेदारी है इसलिए फसल चक्र में दलहनी फसल को शामिल करना जरूरी है। केंद्र के कृषि प्रसार विशेषज्ञ डॉ आर. पी. चौधरी ने मृदा सुधार के लिए जैविक और प्राकृतिक खेती को अपनाने और फसल की वैज्ञानिक खेती पर प्रकाश डाला। पशुपालन विशेषज्ञ, डॉ योगेश कुमार यादव ने मृदा में कम्पोस्ट प्रयोग के लिए देसी गाय के महत्व पर प्रकाश डाला। मृदा वैज्ञानिक ताराचंद बैरवा ने मृदा जांच को बढ़ावा देने के साथ ही संतुलित रासायनिक उर्वरकों व खाद के प्रयोग पर विस्तार से जानकारी दिया तथा मृदा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विभिन्न पहलुओं पर जानकारी दी तथा मृदा परीक्षण हेतु मृदा नमूना लेने की विधि को विस्तार पूर्वक बताया। डॉ किरण कुमार ने मृदा की उर्वरता के लिए अधिक से अधिक जैविक दवाओं के प्रयोग का आवाहन किया। सर्वेश बरनवाल ने कार्यक्रम को संचालित करते हुए बदलते जलवायु के कारण मृदा के भौतिक व रासायनिक गुणों में होने वाले परिवर्तन की जानकारी दी। कार्यक्रम में केंद्र के डॉ प्रभाष चंद्र सिंह, धनंजय प्रसाद सिंह, अमित सिंह सहित जनपद के विभिन्न गांवों से किसानों एवं महिलाओं ने भाग लिया।