सोनभद्र। अपर जिलाधिकारी सहदेव मिश्र ने बताया कि, शासन से मिले दिशा निर्देश के क्रम में जिले में तपती गर्मी से बचने उसके उपाय बताए गए हैं जिनमे में- 1.सभी रेडियो सुनिये, टी0बी0 देखिए, तथा स्थानीय मौसम समाचारों की जानकरी के लिए समाचार पत्रों को अवश्य पढे़। पर्याप्त रूप से पानी पीये भले ही प्यास न लगे। खुद को हाईड्रेटेड रखने के लिए ओआरएस (ओरल डिहाईडेªशन सॉल्यूशन), लस्सी, तारानी (चावल का पानी) नीबू पानी, छाछ इत्यादि घरेलू पेय पदार्थो का उपयोग करे। हल्के वजन, हल्के रंग के ढ़ीले सूती कपड़ें पहने। धूप में अपना सिर ढ़ककर रखेें। जिसके कपड़े टोपी या छतरी का इस्तेमाल करेे। 2.नियोक्ता एवं श्रमिकों के लिए- कार्यस्थल के पास ठण्डा पेयजल उपलब्ध करायें।
श्रमिको/कर्मचारियों को सीधे धूप से बचने को कहें।
ऽअत्यधिक परिश्रम वाले कार्य हेतु दोपहर के स्थान पर सुबह एवं शाम का समय निर्धारित करें। बाहरी कार्यो को करने के दौरान समय-समय पर छायादार स्थान पर रूकें।
ऽगर्भवती महिला एवं वृद्व श्रमिकों से यथासम्भव कार्य न लेे, अथवा आवश्यकता पड़ने पर उचित आपातकालीन चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराये। 3.अन्य सावधानियॉ-
ऽजितना हो सके अपने घर के अन्दर रहे। अपने घर को ठण्डा रखेें। धूप को रोकने के लिए परदे सटर आदि का प्रयोग करे एवं हवा के आने जाने के लिए खिडिकियों को खुला रखेे। घर की निचली मंजिलो में रहने का प्रयास करें।
पंखे का प्रयोग करे एवं ठण्डे पानी से स्नान करें। चक्कर या कमजोरी महसूस होने पर तुरन्त डाक्टर को दिखाये। पशुओं को छाया में रखें और उन्हे पीने के लिए भरपूर पानी दे।
क्या न करें। धूप में विशेष तोैर रूप से दोपहर 12 बजे से 3 बजे बाहर जाने से बचे। दोहपर में बाहर जाने पर कठोर परिश्रम वाले कार्य को करने से बचे। नंगे पॉव न रहे। धूप में खुले सिर न रहे। दिन में जब तापमान अधिक होता है तो इस दौरान खाना पकाने से बचें। खाना पकाने के लिए दरवाजे खिड़िकियों वाले हवादार क्षेत्र को चूनें। शराब चाह काफी और कार्बोनेटेड शीतल पेय पदाथों के सेवन से बचे, जो शरीर को निर्जीलीकृत करता है। उच्च प्रोटीन वाले भोजन से बचे। बासी भोजन न करे। पार्किंग में खड़े किये वाहनों में बच्चों या पालतू जानवरो को न छोडे़ क्योंकि वे लू से प्रभवित हो सकते है। हीटवेव एक मेडिकल इमरजेन्सी है। खतरे के बारे में जागरूक रहे ओैर यदि आप पालन करते हेै तो तत्काल चिकित्सा की तलाश करे। यदि व्यस्कों में भटकाव, भ्रम, और आंदोलन चिडचिडापन। गतिभग , कोमा के दौर के साथ व परिवर्तित मानसिक संवेदना। गर्मलाल और शुष्क त्वाचामुख शरीर का तापमान। 40 डिग्री से0 या 104 डिग्री0 फारेनहाईट बहुत तेज सिर दर्द। चिन्ता, चक्कर आना, बेहोसी और हल्का सिंर चक्कर आना। दर्द मांसपेशियों में कमजोरी या ऐठन, मिचली ओैर उल्टी
ऽतेजी से गर्मी की धडकन/तेज उठली सांस लेना। बच्चों द्वारा खेलने से इंनकार, अधिक चिडचिडापन, मूत्र उत्पादन में कमी, सूक्ष्म मोैखिक श्लेष्मा, और आस/धडी हुई आखों की अनपस्थि, सुस्ती/परिवर्तित, सैसरियम, ब्रामदगी, किसी जगह भी से खून बहना। सावधानी/चेतावनी लू (हीट-वेव-भ्मंज ॅंअम) हो तो क्या करें- कड़ी धूप में बाहर न निकले, खासकर दोपहर 12ः00 बजे से 3ः00 बजे तक के बीच।
गरम हवा के स्थिति जानने के लिये रेडियो सुने, टी0वी देखे, समाचार पत्र पर स्थानीय मौसम पूर्वानुमान की जानकारी लेते रहे। जितने बार हो सके पानी पीये,प्यास न लगा हो तभी पानी पीये ताकि शरीर मे पानी की कमी से होने वाली बीमारी से बचा जा सके। हल्के रगं के ढीले ढाले सूती वस्त्र पहने ताकि शरीर तक हवा पहुचे और पसीने को सोख कर शरीर को ठंडा रखे। धूप में बाहर जाने से बचे, अगर बहुत जरुरी हो तो गमछा, चश्में,छाता, टोपी एवं जूते या चप्पल पहनकर ही घर से बाहर निकले। शराब, चाय, कॉफी जैसे पेय पदार्थो का इस्तमाल न करे, यह शरीर को निर्जलित कर सकते है। यात्रा करते समय अपने साथ बोतल में पानी जरुर रखें। गीले कपड़े को अपने चेहरे, सिर और गर्दन पर रखेें।
गर्मी के दिनों में ओ0आर0एस0 का घोल पिये। अन्य घरेलू पेय जैसे, नीबू पानी, कच्चे आम का बना लस्सी आदि का प्रयोग करे, जिससे शरीर में पानी की कमी न हो। अगर आपकी तबीयत ठीक न लगे, तो गर्मी से उत्पन्न हाने वाले विकारों, बीमारियों को पहचाने। तकलीफ होने पर तुरन्त चिकित्सकीय परामर्श ले। जानवरों को छायादार स्थान में रखें, उन्हे पीने के लिये पर्याप्त मात्रा में पानी दें। अपने घर को ठंडा रखें, घर को पर्दे सेढक कर या पेन्ट लगाकर 3-4 डिग्री तक ठंडा रखा जा सकता है तथा रात में अपने घरो की खिड़िकियो को अवश्य खुली रखें। फैन, ढीले कपडे़ का उपयोग करे। ठंडे पानी से बार-बार नहाएं। क्या न करें-
धूप मे, खडें वाहने में बच्चे एवं पालतू जानवरों को न छोडें।
खिड़की की रिफलेक्अर जैसे एल्युमुनियम पन्नी, गत्ते इत्यादि से ढककर रखे, ताकि बाहर की गर्मी का अन्दर आने से रोका जा सके। उन खिड़कियो दरवाजे पर जिनसे दोपहर के समय गर्म हवाएं आती है, काले कपडे़/पर्दे लगाकर रखना चाहिए। जिला आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण/स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सूनें और आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सर्तक रहें। आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लें। जहॉ तक सम्भव हो घर में ही रहे, सूर्य के सर्म्पक से बचें। सूर्य की तापमान से बचने के लिए जहॉ तक सम्भव हो घर की निचली मंजिल में ही रहें, सबसे उपरी मंजिल में कदापि न रहें, ताप के प्रभाव से लू (हीट-वेव) का शिकार होने की सम्भावना प्रायः बनी रहती है। संतुलित हल्का व नियमित भोजन करें तथा दिन के 11 बजे से 3 बजे के बीच बाहर न निकले। गहरे रंग के भारी एवं तंग वस्त्र पहनने से बचें। खाना बनातें समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे खुले रखे, जिससे हवा का आना जाना बना रहे। नशीले पदार्थ, शराब तथा अल्कोहल के सेवन से बचें। उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन करने से बचें। बासी भोजन न करें।