ललितपुर- जिला प्रोबेशन अधिकारी नंदलाल द्वारा जनपद ललितपुर के लोगो से अपील की गई है कि बाल विवाह एक कुप्रथा है, बाल विवाह न होने दे, न ही करवायें। शादी के लिये लड़के की आयु 21 वर्ष एवं लड़की की आयु 18 वर्ष से कम नही होनी चाहिए। बताया गया है कि सामान्यतया समाज में लड़कियों को बोझ के रूप में देखा जाता है और समाज की रूढ़िवादी परम्परा के कारण लड़कियों की शादी जितनी जल्दी हो सके करा दी जाती है। शिक्षा की कमी और कानूनी जानकारी के अभाव के कारण भी बाल विवाह होते है। बाल विवाह कराने वाले और बाल विवाह में शामिल होने वालो व्यक्तियों जैसे- पण्डित, मौलवी, पादरी, पिता एवं रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि के विरूद्ध दण्ड के रूप में दो साल का कठोर कारावास अथवा रूपए एक लाख जुर्माना या दोनो का प्रावधान है। इस तरह के बाल विवाह का दुष्परिणाम यह होेता है कि कम उम्र में बाल विवाह करने सें लड़कियां परिपक्व न होने के कारण ज्यादा बच्चे भी पैदा हो जाते है और बच्चे कुपोषित पैदा होते है। जिससे जनसंख्या वृद्धि भी होती है। बाल विवाह एक ज्वलंत मुद्दा है। इस प्रकार का मामला आने पर उसे पुलिस विभाग, बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी, प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट, बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्ड लाइन 1098, पुलिस हेल्पलाईन नम्बर 112, 1090, 181 महिला हेल्पलाईन एवं जिलाधिकारी को लिखित या मौखिक रूप से सूचना दे सकते है। बाल विवाह को रोकने तथा बाल विवाह कें दुष्परिणामों सें आम जनता को जनजागरूक करने के लिये ब्लाक एवं तहसील स्तर पर बैठको का आयोजन विभागीय कर्मचारियों द्वारा किया जाता है।