September 17, 2024

पहल टुडे

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रामनगर। मणिपुर राज्य में केंद्र और मणिपुर सरकार के इशारे पर देश को शर्मसार और कलंकित करने वाली घटना के विरोध मे पूर्व विधायक रणजीत रावत के नेतृत्व में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। इस दौरान रणजीत रावत ने कहा कि मणिपुर की घटना देश को शर्मसार और कलंकित करने वाली है उन्होंने कहा कि जिस तरीके से 77 दिनों से मणिपुर जल रहा है उस पर मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना महाभारत काल की घटना को याद दिलाती है। उन्होंने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर ऐसे कौन से कारण है कि सरकार के नुमाइंदे इस शर्मसार करने वाली घटना पर खामोश है। उन्होंने मणिपुर सरकार को तत्काल भंग करने की मांग की। कहा नारी प्रधान देश में आज नारियों को निर्वस्त्र घुमाना मणिपुर में जंगलराज का गवाह है। इन्होंने कहा की दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र भारत पर यह सबसे बड़ा कलंक है। जिन्होंने नारा दिया पढ़ाओ, बेटी बचाओ वह किस तरीके से बेटियों को बचा रहे हैं ये आज दुनिया देख रही है यह हमारे इतिहास का हमारे स्वतंत्रता का बहुत ही काला दिन है इसलिए हमने आज यहां पर इस गूंगी बहरी सरकार का पुतला दहन किया है। इस दौरान नगर अध्यक्ष भुवन शर्मा, ब्लॉक अध्यक्ष देशबंधु रावत, नगर अध्यक्ष महिला कांग्रेस ललिता उपाध्याय, सतेस्वरी रावत, बीना रावत, एंडी पंत, बाली राम, नवीन सनवाल, उमाकांत ध्यानी, प्रताप बिष्ट, कमल नेगी, कमल तिवारी, देवेंद्र चिलवाल, कुंदन नेगी, राहुल नेगी, अनुभव बिष्ट, अमरजोत, धीरज उपाध्याय, सभासद गुलाम सादिक, रमेश नेगी, अंकुश अग्रवाल, नज़ाकत अली, धीरज मोलीखी, राजेंद्र बिष्ट, मोहम्मद मुजीब, महेश पाण्डे, ललित जोशी, रघुवर दत्त चोनियाल, राजेश नेगी, बबलू तिवारी, चांद खान मौजूद रहे।
देहरादून । पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने कहा है कि उत्तराखंड पुलिस, महिला और बाल सुरक्षा को लेकर पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। डीजीपी के अनुसार, बाल यौन शोषण सामग्री (सीएसएएम) पर साइबर टिपलाइन रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) भारत और नेशनल सेंटर फॉर मिसिंग एंड एक्सप्लॉइटेड चिल्ड्रेन (एनसीएमईसी), यूएसए के बीच समझौता हो चुका है। इसका मकसद भारत से संबंधित जानकारी साझा करने के साथ-साथ ऐसे अपराधियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करना है। इससे जानकारी प्राप्त करने के बाद एनसीआरबी राज्य के पुलिस अधिकारियों को यह सूचना भेजती है। डीजीपी कुमार के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्मार्ट पुलिसिंग के विजन को पूरा करते हुए उत्तराखंड पुलिस अपने एप के माध्यम से गौरा शक्ति सुविधा प्रदान कर रही है जहां 1.2 लाख से अधिक महिलाओं ने अपना पंजीकरण कराया है। क्या है साइबर टिपलाइन साइबर टिपलाइन बाल यौन शोषण के मामलों के लिए एक रिपोर्टिंग तंत्र है, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक रूप में बच्चों को यौन कृत्य या आचरण में चित्रित करने वाली सामग्री को प्रकाशित या प्रसारित करना शामिल है। उत्तराखंड एसटीएफ के तहत साइबर क्राइम थाना, चाइल्ड पोर्नोग्राफी से संबंधित सभी शिकायतों को स्कैन करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। प्रक्रिया में यह हुआ इस प्रक्रिया में उत्तराखंड पुलिस ने 113 प्रथम रिपोर्ट सूचना (एफआईआर) दर्ज की हैं। इस साल 49 से ज्यादा एफआईआर स्वयं दर्ज करायी गईं तो 38 शिकायतों पर जल्द ही अलग-अलग जिलों में एफआईआर होंगी। पीड़ित उन्मुख पुलिसिंग (वीओपी) के लिए 906 जीरो एफआईआर और 472 ई-एफआईार साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई हैं। कानूनी पहलू की बात करें तो चाइल्ड पोर्नोग्राफी कानून (आईटी एक्ट सेक्शन 67बी) गैर जमानती अपराध है। डीजीपी का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस प्रवर्तन (केस पंजीकरण, गिरफ्तारी) और शिक्षा (साइबर, यातायात, नशीली दवाओं, महिलाओं/बच्चों से संबंधित मुद्दों पर जागरूकता) के लिए राज्यव्यापी अभियान चला रही है।
गाजीपुर । उ0प्र0 राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, लखनऊ के निर्देशानुसार तथा माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष,...
देश की राजधानी दिल्ली में यमुना नदी के रौद्र रूप के चलते बाढ़ का आपदाकाल चल रहा है। यमुना नदी में जल ने वर्ष 1978 के रिकॉर्ड 207.49 मीटर को तोडकर 208.66 मीटर के नये रिकॉर्ड तक जलस्तर बढ़ने से देश का दिल राजधानी दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी बाढ़ की मार को झेलने के लिए मजबूर है। आज दिल्ली की 20 फीसदी आबादी यमुना के जल के प्रकोप से किसी ना किसी रूप से त्रस्त है। दिल्ली में यमुना के आसपास के क्षेत्रों में रह रहे लोगों के सामने यमुना नदी की बाढ़ एक बड़ी चुनौती के रूप में आकर खड़ी है। दिल्ली में यमुना नदी के रौद्र रूप के चलते जबरदस्त बाढ़ आ गयी है, शहर की कॉलोनियों में जल भराव की गंभीर समस्या खड़ी हो गयी है। जिसके बाद से ही देश में दिल्ली की बाढ़ पर राजनेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का बहुत ही जबरदस्त सियासी घमासान मचा हुआ है। दिल्ली की राजनीति में सक्रिय कोई भी राजनीतिक दल आपदा के इस अवसर पर अपनी सियासत चमकाने में पीछे नहीं रहना चाहता है। लेकिन हर वर्ष देश में कहीं ना कहीं बाढ़ की मार झेलने वाले आम आदमी के बीच देश में बाढ़ से बचाव के उचित प्रबंधन क्यों नहीं है, इस ज्वलंत मुद्दे के बारे में चर्चा हो रही है, लोग बाढ़ प्रबंधन को समय की मांग बता रहे हैं। वैसे भी देखा जाए तो संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार देश में विभिन्न प्रकार की आपदाओं के कारण औसतन वार्षिक आर्थिक हानि 9.8 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जिसमें से अकेले ही 7 अरब डॉलर से अधिक का बहुत बड़ा नुकसान तो देश में समय-समय पर आने वाली बाढ़ के कारण ही हो जाता है, जो स्थिति हम सभी के लिए बेहद चिंताजनक है और जिस पर हमें व हमारे देश के सिस्टम को समय रहते लगाम लगाने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने चाहिए, क्योंकि भारत जैसे गरीब देश के लिए हर वर्ष इतनी बड़ी आर्थिक क्षति से मुक्ति पाना बेहद जरूरी है। वैसे भी जब से देश में अंधाधुंध अव्यवस्थित शहरीकरण तेजी से बढ़ा है तब से शहरी क्षेत्रों में जरा सी बारिश के बाद ही बाढ़ जैसा माहौल बन जाना एक आम बात होती जा रही है। इसके चलते ही पिछले कुछ वर्षों से जरा भी तेज बारिश के बाद ही दिल्ली के साथ देश के अन्य शहरों में बाढ़ जैसी गंभीर समस्या तत्काल उत्पन्न हो जाती है। देश में अचानक से आई बाढ़ पलक झपकते ही अपने रास्ते में आना वाले जान-माल सभी कुछ को जल प्रवाह के द्वारा लील कर अपने साथ बहाकर ले जाने के लिए तत्पर नज़र आती है। हालांकि वास्तव में बाढ़ नदी के पानी का वह अतिप्रवाह है, जिसमें आमतौर पर सूखी रहने वाली भूमि भी डूब जाती है और नदी किनारे के क्षेत्रों में बाढ़ आने पर परिस्थितियाँ अचानक से गंभीर नहीं हो जातीं, लोगों को बाढ़ से जान-माल के बचाव करने का भरपूर समय मिलता है। वैसे भी किसी भी नदी का जैसे-जैसे
देहरादून । उत्तराखंड में आज (शुक्रवार) को भी नहीं होगा मौसम में सुधार। देहरादून के साथ ही 7 जिलों में झमाझम बारिश की आशंका जताई जा रही है। देहरादून, टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, नैनीताल, चंपावत और ऊधमसिंह नगर के लिए भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। कल यानी 22 जुलाई को उत्तरकाशी, देहरादून और हरिद्वार के लिए मौसम विभाग ने बारिश का ऑरेंज और अन्य जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। मौसम विज्ञान केंद्र की ओर से मिली जानकारी के अनुसार इन सात जिलों में बिजली चमकने और तेज गर्जन के साथ कई दौर की बौछार वाली बारिश होने की आशंका है। जबकि अन्य जिलों में तेज गर्जन और बिजली चमकने के साथ हल्की बारिश हो सकती है।
देहरादून । 16 लोगों की मौत के जिम्मेदार आरोपियों के खिलाफ अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्तर से कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री धामी के निर्देश पर मुख्य महाप्रबंधक, उत्तराखंड जल संस्थान ने अपर सहायक अभियन्ता हरदेव लाल और उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन के महाप्रबंधक ने प्रभारी अवर अभियन्ता विद्युत वितरण खंड गोपेश्वर, कुन्दन सिंह रावत को तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया है। इस सम्बन्ध में गुरुवार को जारी आदेश में मुख्य महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया है कि प्रथम दृष्ट्या अपर सहायक अभियन्ता हरदेव लाल द्वारा विभागीय कार्यों एवं दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही बरते जाने का दोषी पाया गया है। हरदेव के पास एसटीपी का संचालन एवं रखरखाव करने वाली फर्म के कार्यों के समुचित अनुश्रवण का दायित्व था।