September 22, 2024

पहल टुडे

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नई दिल्ली: बारिश के दिनों में दूषित जल और खाद्य पदार्थों से होने वाली बीमारियों का बढ़ना स्वाभाविक है। इस समय पेट दर्द और संक्रमण की शिकायतें बढ़ जाती हैं और यह समस्या देश के ज्यादातर हिस्सों में है। इसे स्टमक फ्लू भी कहा जाता है। दस्त, पेचिस और उल्टी की दिक्कत देखी जा रही है। दस्त के साथ ब्लड आने की भी शिकायत देखी जाती हैं। इन दिनों पीलिया होने पर एक-दो दिन बुखार रहता है और फिर उल्टियां होती हैं। इसके बाद आंखों, त्वचा और यूरिन के पीला होने की दिक्कतें आने लगती हैं। इस मौसम में हेपेटाइटिस-ए और ई के भी मामले सामने आते हैं। पीलिया का मुख्य कारण है-दूषित भोजन और पानी का सेवन। दूषित खाद्य से बढ़ती समस्या अगर बुखार चार-पांच दिन से ऊपर चला जाता है, तो टायॉइड होने की आशंका बढ़ जाती है। विषाक्त भोजन, दूषित जल, बाहरी पानी-पूरी या गन्ने का जूस पीने से भी पेट का संक्रमण हो सकता है। मौसमी परिवर्तन के चलते कॉलरा (हैजा) की आशंका रहती है। पेट के संक्रमण से बचाव का आसान तरीका यही है कि भोजन से पहले और बाद में हाथों को अच्छी तरह से साफ करें। भोजन को ढककर रखें। इन दिनों भोजन चार से पांच घंटे में खराब होने लगता है। इसलिए भोजन को फ्रिज में रखें। हवा की नमी से जोखिम आर्द्रता अधिक होने से खान-पान और शारीरिक श्रम दोनों को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है। हवा में नमी बढ़ने से बैक्टीरिया पनपने की गुंजाइश अधिक रहती है। इससे संक्रमण की आशंका बढ़ जाती है। जो लोग सर्दी-खांसी से पीड़ित हैं, उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि छींकते या खांसते समय ड्रॉपलेट इधर-उधर न गिरने दें। उन गंदे हाथों से चेहरे को न छुएं। बचाव के लिए मास्क का प्रयोग कर सकते हैं। डायबिटीज और ब्लड प्रेशर में अधिक सतर्कता मधुमेह, कैंसर या किडनी आदि बीमारियों से जूझ रहे लोगों की प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी) पहले से कम हो चुकी होती है। ऐसे लोगों को नियमित दवाएं लेने के साथ-साथ खानपान का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। कोविड टीकाकरण की ही तरह कई अन्य बीमारियों के लिए भी मरीजों को टीका दिया जाता है। टीकाकरण बेहतर उपाय मानसून में इन्फ्लूएंजा यानी फ्लू जैसी दिक्कतें सामान्य हैं। इन दिनों निमोनिया और टायफॉइड भी बढ़ता है। इन तीनों बीमारियों के लिए टीकाकरण बेहतर विकल्प है। कम उम्र के मधुमेह रोगियों और खासकर, जो लोग अक्सर बाहर का भोजन करते हैं, उन्हें हेपेटाइटिस-ए का टीकाकरण जरूर कराना चाहिए। ध्यान रखने वाली जरूरी बातें अगर सिरदर्द, बुखार या ठंड लग रही है, तो सिर्फ पैरासिटामोल की ही गोली लें। निमूस्लाइड, कांबिफ्लेम जैसी दवाएं जो तुरंत बुखार को कम कर देती हैं, वे कभी-कभी खतरनाक हो सकती हैं। बिना डॉक्टर की सलाह के उनका सेवन न करें। पैरासिटामोल की गोली 24 घंटे में तीन से चार बार ली जा सकती है। अगर एक-दो दिन में बुखार नहीं उतर रहा है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। उल्टी और दस्त की ही समस्या है, तो भी खुद से दवा न लें। डॉक्टर से परामर्श करें, क्योंकि ये लक्षण हेपेटाइटिस के भी हो सकते हैं। हेपेटाइटिस अगर गंभीर हो जाता है, तो लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। ध्यान रखें छोटा सा संक्रमण कई बार लापरवाही की वजह से गंभीर रूप ले सकता है। इन बातों का रखें ध्यान अगर किसी बीमार व्यक्ति से मिल रहे हैं, तो स्वच्छता का ध्यान रखें। सामान्य वायरल डायरिया एक दिन बाद ठीक हो जाता है। इसमें मरीज को दूध से परहेज कर दही का सेवन करना चाहिए।...
शिमला हिमाचल प्रदेश में रविवार को बारिश थमने से राहत तो मिली, लेकिन अगले चार दिन बादल बरसने का दौर जारी रहेगा। 27 जुलाई तक का येलो अलर्ट जारी हुआ है। 29 तक पूरे प्रदेश में मौसम खराब रहेगा। इससे दुश्वारियां फिर बढ़ेंगी। उधर, पिछले दिनों खराब रहे मौसम के चलते जिला कुल्लू समेत प्रदेश के कई क्षेत्रों में अभी भी जनजीवन पटरी पर नहीं लौटा है। बिजली और पानी की आपूर्ति कई क्षेत्रों में बाधित है। प्रदेश में 696 सड़कें, 1,052 बिजली के ट्रांसफार्मर और 370 पेयजल योजनाएं...
भारत जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को लेकर अपनी प्रतिबद्धता को पूरा करने के लिए मजबूती से आगे बढ़ रहा है। भारत को अपने वैश्विक ग्रिड प्रस्ताव ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय ग्रिड “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड (OSOWOG) को बनाने की पहल को भी अन्य देशों से काफी उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया मिली है। ये जानकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में जारी जी-20 ऊर्जा मंत्रियों की बैठक को संबोधित करने के दौरान दी है। उन्होंने कहा कि हम इस क्षेत्र में अपने पड़ोसी देशों के साथ पारस्परिक रूप से सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं। इस दिशा में हमें उत्साहजनक परिणाम दिख रहे हैं। हमारी विभिन्न वास्तविकताओं के बावजूद, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऊर्जा के उद्देश्य अभी भी वही हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ”भविष्य, स्थिरता या वृद्धि और विकास के बारे में कोई भी बात ऊर्जा के बिना पूरी नहीं हो सकती। यह व्यक्तियों से लेकर राष्ट्रों तक हर स्तर पर विकास को प्रभावित करता है।” गौरतलब है कि वर्ष 2021 के नवंबर में संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन के मौके पर 140 देशों को जोड़ने वाले वैश्विक सौर ग्रिड का अनावरण किया गया था। ये सौर ऊर्जा को हासिल करने और बढ़ावा देने और भारत की अब तक की सबसे महत्वाकांक्षी नवीकरणीय परियोजना होने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड और ग्रीन ग्रिड पहल इस समय की जरुरत भी है। स्वच्छ और हरित भविष्य की ओर दुनिया को बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय ग्रिड महत्वपूर्ण समाधान के तौर पर सामने आए है। ग्लासग्लो में अपने भाषण के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में ये जानकारी दी थी। जानें क्या है भारत की महत्वाकांक्षी वैश्विक ग्रिड परियोजना “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड” ऐसी परियोजना है, जो वैश्विक स्तर पर इंटरकनेक्टेड सौर ऊर्जा ग्रिड का पहला अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क है। ये बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा संयंत्रों, विंड संयंत्रों, छत पर ग्रिड के साथ लगने वाले सोलर पैनल, सामुदायिक ग्रिड को एकीकृत करेगा। इससे स्वच्छ ऊर्जा की भरोसेमंद और उचित मूल्य स्रोत की गारंटी दी जा सकेगी। इस “वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड” योजना का मोटो “सूरज कभी अस्त नहीं होता” है, जो इस योजना को खास प्रेरणा देता है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (आईएसए) और विश्व बैंक समूह के सहयोग से भारत और यूके की सरकारें मिलकर इस परियोजना को संचालित कर रही है। स्वच्छ ऊर्जा द्वारा संचालित दुनिया के लिए आवश्यक नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में तेजी लाने के लिए राष्ट्रीय सरकारों, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय और तकनीकी संगठनों, विधायकों, बिजली प्रणाली ऑपरेटरों और ज्ञान नेताओं के वैश्विक गठबंधन को एक साथ लाएगी। वैश्विक ग्रिड के रोडमैप को विकसित करने का काम फ्रांस की बिजली उपयोगिता कंपनी, ईडीएफ की अध्यक्षता में होगा। ईडीएफ फ्रांसीसी कंपनी एईटीएस और भारतीय संगठन द एनर्जी एंड रिसोर्सेज इंस्टीट्यूट (TERI) से मिलकर बनी है। बता दें कि वर्ष 2030 के लिए वैश्विक ग्रिड योजना द्वारा सौर निवेश के लिए 1 ट्रिलियन डॉलर की राशि दी गई है। ये है परियोजना का उद्देश्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2018 के अंत में आईएसए की पहली असेंबली में वैश्विक सौर ग्रिड का विचार प्रस्तुत किया था। वैश्विक स्तर पर सौर ऊर्जा को साझा करने के लिए वन सन वन वर्ल्ड वन ग्रिड अंतर-क्षेत्रीय ऊर्जा प्रणालियों को बनाने और स्केल करने की योजना बना रहा है जो विभिन्न देशों और क्षेत्रों के बीच मौजूद विभिन्न समय क्षेत्रों, मौसमों, संसाधनों का उपयोग करते हैं। इस योजना की बदौलत दुनिया के ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के सबसे बड़े स्रोत-ऊर्जा उत्पादन को डीकार्बोनाइज़ करने में मदद करेगा। गौरतलब है कि ग्रीन ग्रिड इनिशिएटिव और ओएसओडब्ल्यूओजी ने दुनिया भर के अन्य संगठनों के साथ अपने प्रयासों और गतिविधियों के समन्वय के लक्ष्य के साथ एकल जीजीआई-ओएसओडब्ल्यूओजी पहल बनाने के लिए साझेदारी की है। आईएसए वेबसाइट के अनुसार इसका उद्देश्य है कि लो कार्बन, इनोवेटिव सोलर प्रोजेक्ट, और कुशल श्रमिकों को सौर ऊर्जा से संचालित आर्थिक सुधार के लिए साथ लाना है। यह निवेश को भी बढ़ावा दे सकता है और लाखों नई हरित नौकरियाँ पैदा कर सकता है। ऐसे करेगा काम इस समग्र ग्रिड प्रणाली के तीन चरण हैं। मध्य पूर्व-दक्षिण एशिया-दक्षिण पूर्व एशिया इंटरकनेक्शन पहले चरण का फोकस है। इसका उद्देश्य है कि बिजली की जरुरतों, विशेष रूप से अधिकतम मांग को पूरा करना है। इसके लिए सौर ऊर्जा जैसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की जरुरत होगी। तीसरा और अंतिम चरण दुनिया भर में इंटरकनेक्शन के बारे में है। परियोजना का दूसरा चरण MESASEA ग्रिड को अफ्रीकी बिजली पूलों से जोड़ने से संबंधित है। जानकारी के मुताबिक पश्चिम में ओमान के लिए एक समुद्री लिंक कनेक्शन भी मूल योजनाओं का हिस्सा था। पीएम मोदी का दृष्टिकोण दक्षिण एशिया पर केंद्रित है। इसमें सीमा पार ऊर्जा वाणिज्य को प्रोत्साहित करना शामिल है। वहीं बिजली जरूरतों को पूरा करने के लिए भारत बांग्लादेश और नेपाल को भी बिजली की आपूर्ति कर रहा है। इसके अलावा दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (सार्क) भी इस कदम का समर्थन कर रहा है, जिसमें पाकिस्तान शामिल नहीं है
देहरादून बीते रात पुरोला क्षेत्र के अकरु जंगल में बादल फटने के कारण छाड़ा खड्ड, कमल नदी, माल गाड़ सहित अन्य गदेरे अचानक उफान पर आ गए। इसके चलते खेतों, सेब के बगीचों को भारी नुकसान पहुंचा है। वहीं नगर क्षेत्र में कई घरों पानी और मलबा घुस गया। कई लोगों ने घरों से भाग कर अपनी जान बचाई। नहरें, सड़क और पुल क्षतिग्रस्त हो गए। गाड़ियां व मोटर साइकिल बह गए। प्रदेशभर में बारिश से नुकसान हुआ है। धनारी क्षेत्र में धनपति नदी के उफान पर आने के कारण देवीधार में मोक्ष घाट बह गया। तो वहीं बड़कोट के गंगनानी में भारी मलबा आने के कारण 19 घरों और दुकानों सहित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में घुसा। उधर, टिहरी के घनसाली में भी मलबा आने से बारिश के कारण 14 मकानों को खतरा पैदा हो गया है। थौलधार ब्लाक के चापड़ा गांव में एक आवासीय मकान ढह गया। गनीमत यह रही कि उस वक्त घर में कोई नहीं था। पीड़ित के घर का अधिकतर सामान मलबे में दब गया। यमुनोत्री हाईवे सहित 299 सड़कें बंद प्रदेश में यमुनोत्री हाईवे समेत 299 सड़कें बंद हैं। बदरीनाथ हाईवे पीपलकोटी, पागलनाला, छिनका, नंदप्रयाग में अवरुद्ध हुआ था, जिसे दोपहर एक बजे खोल दिया गया। हाईवे में करीब आठ घंटे तक पांच हजार से अधिक यात्री फंसे रहे। शाम छह बजे नंदप्रयाग के पास बंद हुआ था, जिसे करीब आठ बजे खोल दिया गया। केदारनाथ हाईवे पर भी कई जगह मलबा आया है, लेकिन भूस्खलन क्षेत्रों में तैनात जेसीबी ने मलबा हटाकर हाईवे खोल दिया। यमुनोत्री हाईवे कई जगह अवरुद्ध हुआ है। कुछ स्थानों में तो खोल दिया, लेकिन गंगनानी में भारी मात्रा में मलबा आने के कारण मशीनें अब तक काम कर रही है। ओजरी डाबरकोट में लगातार पत्थर गिरने के कारण हाईवे खोलने का काम भी नहीं शुरू हो पाया है। प्रदेशभर में भारी बारिश का अलर्ट प्रदेश भर में 23 जुलाई को भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विभाग ने रविवार को पूरे प्रदेश में भारी बारिश का यलो अलर्ट जारी किया गया है।
भतरौंजखान। पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण भतरौंजखान-रामनगर हाईवे गड्ढा मुक्त सड़कों के दावों की पोल खोल रहा है। यह सड़क गड्ढों से पटी है और इस पर यात्री और पर्यटक जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने के लिए मजबूर हैं। भतरौंजखान से चौड़ी घट्टी तक पूरी सड़क गड्ढों से पटी है। गड्ढों में पानी भरने से दुर्घटना का खतरा कई गुना बढ़ गया है। कई दोपहिया चालक रपटने से चोटिल हो चुके हैं लेकिन इसके सुधारीकरण के अब तक प्रयास नहीं हुए। विभाग की इस लापरवाही के चलते लोगों में खासा आक्रोश है। व्यापार मंडल उपाध्यक्ष हरीश भट्ट सहित अन्य लोगों ने कहा कि कई बार सड़क सुधारीकरण की मांग के बाद भी इस पर गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। वहीं लोनिवि रानीखेत के सहायक अभियन्ता बीसी भट्ट ने कहा कि डामरीकरण के लिए टेंडर हो चुके हैं। बारिश के बाद डामरीकरण होगा।
चौखुटिया (अल्मोड़ा)।गनाई-जौरासी सड़क में दोनों ओर झाडि़यों के कारण लोगों को परेशानी हो रही है। चालक की थोड़ी से चूक बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकती है। सामाजिक कार्यकर्ता गणेश ढौंडियाल का कहना है कि संबंधित अधिकारियों से गुहार लगाने के बावजूद झाड़ियों का कटान नहीं हो पा रहा है।
द्वाराहाट। वरिष्ठ नागरिकों ने नगर की यातायात व्यवस्था पर नाराजगी जताते हुए इसे बेहतर करने की मांग की। उन्होंने थानाध्यक्ष राजेश कुमार यादव को ज्ञापन दिया। उन्होंने कहा कि नगर में बिना हेलमेट के कई लोग दोपहिया वाहन अनियंत्रित गति से दौड़ा रहे हैं जिससे दुर्घटना का खतरा बना हुआ है। ऐसे में बुजुर्ग लोगों के लिए खतरा अधिक है। सड़क पर निर्माण सामग्री डालने, बगैर दस्तावेजों के बाहरी राज्यों से खरीदे गए वाहनों के संचालन पर रोक लगाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि क्षेत्र में सामाजिक सौहार्द बनाए रखने के लिए बाहरी लोगों का सत्यापन कराया जाना भी बेहद जरूरी है। इस मौके पर केपीएस अधिकारी, पीएस मेहरा, जेएस बिष्ट सहित कई वरिष्ठ नागरिक शामिल रहे।
बीती रात हुई भारी बारिश के बाद बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग कई जगहों पर बाधित हो गया है। गोचर के कमेड़ा में हाईवे करीब 20 मीटर तक ध्वस्त हो गया है। यहां भारी मात्रा में हाईवे पर मलबा आ गया है। इसके अलावा छिनका में भी पहाड़ी से मलबा और पत्थर आने से हाईवे बाधित है। हाईवे बंद होने पर जगह-जगह 1000 से अधिक तीर्थयात्री फंसे हुए हैं। स्थानीय लोगों को भी आवाजाही में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। दूसरी तरफ यमुनोत्री हाईवे पर ओजरी डाबरकोट पर लगातार बोल्डर और मलबा आने के कारण पिछले तीन दिनों से बंद है। यमुनोत्री धाम सहित गीठ पट्टी के कई गांव का सम्पर्क कट गया है। हाईवे बंद होने के कारण करीब 300 यात्री स्यानाचट्टी से लेकर जानकीचट्टी के बीच में फंसे हैं। प्रशासन का कहना सबको सुरक्षित स्थानों पर रुकवाया गया है। रविवार रात हुई भारी बारिश से चमोली जिले में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे कमेड़ा के पास करीब 200 मीटर से अधिक भूस्खलन से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहां पर 2011 में बनाई गई लाहे की पुलिया भी बह गई है। वहीं, कर्णप्रयाग-ग्वालदम हाईवे सिमलसैंण, बैनोलीबैंड, हरमनी, मल्यापौड़ में मलबा आने से बंद है। ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे मलबा आने से उमट्टा के पास बंद हो गया है। उमट्टा में सड़क बंद होने से कर्णप्रयाग, गौचर व सिमली क्षेत्र से आने वाले स्कूली बच्चे एसजीआरआर जयकंडी नहीं जा सके। इन दोनों राजमार्गों पर कई वाहन फंसे हैं। साथ ही बारिश से गौचर में हवाई पट्टी के आसपास के घरों में पानी भर गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकांश सड़कें बंद हो गई है। कर्णप्रयाग बाजार में मलबा व कीचड़ आने से वाहनों और पैदल आवाजाही करने वाले लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं, गैरसैंण के पास कालीमाटी में कर्णप्रयाग-रानीखेत हाईवे अभी तक नहीं खुल पाया है। धारचूला (पिथौरागढ़): पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से जीप चालक घायल रविवार देर शाम बूंदी से धारचूला को लौट रहा एक जीप चालक कैलाश खंपा धारचूला तवाघाट मोटर मार्ग में  पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आने से घायल हो गया। सूचना मिलने पर धारचूला से पुलिस एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम घायल की मदद के लिए रवाना हुई लेकिन रास्ता बंद होने के कारण समय से मौके पर नहीं पहुंच पाई। इसके बाद पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दान सिंह और प्रेम सिंह ने घायल को अपने कमरे में रखा। घायल को धारचूला लाया जा रहा है और उसकी हालत खतरे से बाहर है।
मुंबई। मुंबई में पिछले 24 घंटे में कई जगहों पर भारी बारिश हुई और मौसम विभाग ने सोमवार को मध्यम से भारी बारिश का अनुमान जताते हुए शहर के लिए ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है। बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के एक अधिकारी ने कहा कि सोमवार सुबह आठ बजे समाप्त हुई 24 घंटे की अवधि में मुंबई और पूर्वी एवं पश्चिमी उपनगरों में क्रमश: औसतन 58.42 मिलीमीटर, 69.15 मिलीमीटर और 70.41 मिलीमीटर बारिश हुई। सुबह मुंबई में कुछ जगहों पर हल्की वर्षा या रुक-रुककर भारी वर्षा हुई, जबकि कुछ जगहों पर बारिश नहीं हुई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुंबई केंद्र ने सोमवार के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है और मुंबई में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। बीएमसी के अधिकारियों ने कहा कि आईएमडी मुंबई ने सोमवार सुबह के अपने दैनिक मौसम पूर्वानुमान में अगले 24 घंटे में मध्यम से भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। नगर निगम के एक अधिकारी ने कहा कि मुंबई में कहीं भी जलजमाव की सूचना नहीं है। अधिकारियों के मुताबिक, मध्य रेलवे एवं पश्चिम रेलवे और बृहन्मुंबई विद्युत आपूर्ति एवं यातायात (बेस्ट) उपक्रम की बस सेवाएं सामान्य रहीं।