September 19, 2024

पहल टुडे

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नई दिल्ली देश की राजधानी दिल्ली से हैरान करने वाला मामला सामने आया है। चालान नहीं काटने के एवज में रिश्वत लेते हुए पुलिसकर्मी की वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो वायरल होने के बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस रविवार को हरकत में आ गई। अधिकारियों ने आरोपी ट्रैफिक पुलिसकर्मी महेश चंद्र को निलंबित कर जांच के...
नयी दिल्ली। राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री मणिपुर पर कोई बयान देने या सवालों का जवाब देने से इनकार करते हैं, तो लोकतंत्र के मंदिर में ‘‘व्यवधान एवं हंगामा’’ पैदा होता है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने रविवार को कहा था कि लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए व्यवधान और हंगामे को रणनीतिक साधन रूपी हथियार बनाया जा चुका है। इसी के मद्देनजर सिब्बल ने यह बयान दिया। सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘‘उपराष्ट्रपति: ‘लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए हंगामे और व्यवधान को हथियार बनाया जा रहा है।’ ऐसा मंदिर, जहां प्रधानमंत्री मणिपुर पर बयान देने से इनकार कर देते हैं, सवालों का जवाब देने से मना कर देते हैं? तभी लोकतंत्र के मंदिर में ‘‘हंगामा और व्यवधान’’ होता है।’’ सरकार मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा के लिए सहमत हो गई है। इस दौरान गृह मंत्री जवाब देंगे, लेकिन विपक्ष पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा इस मामले पर बयान दिए जाने की मांग पर अड़ा हुआ है। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने रविवार को यहां जामिया मिल्लिया इस्लामिया के दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा था कि समाज के विकास के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने युवाओं से खुद को सशक्त बनाने की अपील की। धनखड़ ने कहा था, ‘‘जनता की भलाई के लिए संवाद, चर्चा, विचार-विमर्श और बहस लोकतंत्र है। व्यवधान और हंगामा निश्चित रूप से लोकतंत्र नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे आपको यह बताते हुए दुख और पीड़ा हो रही है कि लोकतंत्र के मंदिरों की छवि धूमिल करने के लिए व्यवधान और हंगामे को रणनीतिक साधन रूपी हथियार बनाया जा चुका है।’’ मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध के कारण लोकसभा और राज्यसभा में मानसून सत्र के दौरान कोई भी कामकाज नहीं हो पाया है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली राजस्थान सरकार ने 21 जुलाई को न्यूनतम गारंटी आय विधेयक, 2023 पारित किया, जो राज्य के परिवारों को हर साल 125 दिनों की रोजगार गारंटी प्रदान करता है। विधेयक, जो अब कानून बन गया है, एकल महिलाओं, बुजुर्ग महिलाओं और विकलांग महिलाओं को प्रति माह 1000 रुपये की वित्तीय सहायता देने का भी प्रावधान करता है। सरकार ने पेंशन में सालाना 15 प्रतिशत की बढ़ोतरी का प्रावधान भी समायोजित किया है। कहा जाता है कि कांग्रेस पार्टी, जो राजस्थान में सत्ता में है, का मानना है कि यह कानून “गेम चेंजर” होगा। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा “न्यूनतम आय गारंटी अधिनियम – जिसे हम महात्मा गांधी के नाम के तहत लाए हैं – राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (नरेगा) के तहत 100 दिनों का रोजगार सुनिश्चित करता है। हमने 25 दिन की गारंटी दी है। इंदिरा गांधी के नाम पर एक शहरी रोजगार योजना है – जो शहरों के लिए 125 दिनों की आय गारंटी प्रदान करती है। मुख्यमंत्री ने कहा, ”मैंने न्यूनतम पेंशन 1000 रुपये कर दी है, जो सालाना 15 फीसदी की दर से बढ़ेगी।’  राज्य कैबिनेट में मंत्री शांति धारीवाल ने कानून को “अतुलनीय और ऐतिहासिक” कहा, “पहली सरकार जो गरीबों के बारे में सोचती है और मुद्रास्फीति से निपटने के बारे में सोचती है”। बीजेपी ने कैसे दी प्रतिक्रिया? विपक्ष विशेषकर भाजपा ने योजना के कार्यान्वयन पर सवाल उठाया। भाजपा ने दावा किया कि सरकार की घोषणाएँ वित्तीय रूप से अलाभकारी हैं और दावा किया कि प्रमुख योजनाओं के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आवश्यकता है, जबकि राजस्थान में प्रति व्यक्ति कर्ज 2019 में 39,000 से बढ़कर 2022-23 में लगभग 71,000 रुपये हो गया। इस बीच, सत्तारूढ़ कांग्रेस ने पुष्टि की कि राज्य में शुरू की गई सामाजिक सुरक्षा योजनाएं स्केलेबल हैं और केंद्र की मोदी सरकार को सामाजिक सुरक्षा को राष्ट्रीय स्तर पर लाने पर विचार करना चाहिए। राजस्थान के मुख्यमंत्री ने कहा, “जब मैं सामाजिक सुरक्षा के बारे में बात करता हूं, तो हम यहीं नहीं रुकेंगे। अगर हमारी सरकार वापस आती है, तो हम इसे आगे बढ़ाएंगे और भारत सरकार पर दबाव डालेंगे।” अशोक गहलोत ने पूछा “आपको यह जानकर दुख हो सकता है कि भारत सरकार केवल 200 रुपये की पेंशन प्रदान करती है। मैं पिछले 20 वर्षों से यह देख रहा हूं। जब मुख्यमंत्री के रूप में मेरा पहला कार्यकाल था, तो यह 200 रुपये था। आज भी, 80 वर्ष से अधिक उम्र के कुछ लोगों के लिए यह 230 रुपये है। क्या यह सामाजिक सुरक्षा है?”
संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन भी हंगामेदार है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और विपक्षी दल मणिपुर हिंसा को लेकर एक-दूसरे पर हमले तेज कर रहे हैं। सत्र 20 जुलाई को मणिपुर की दो महिलाओं के एक वायरल वीडियो पर आक्रोश के बीच शुरू हुआ, जिन्हें भीड़ द्वारा नग्न घुमाया गया था। मणिपुर मुद्दे पर हंगामे के बीच शुक्रवार को लोकसभा और राज्यसभा को स्थगित कर दिया गया था। हालांकि, आज भी इस मुद्दे को लेकर हंगामा देखने को मिला। हंगामा करने को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को संसद के मानसून सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया है। आज क्या हुआ विपक्षी दलों के हंगामे के कारण सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही एक बार के स्थगन के बाद दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित हो गया। एक बार के स्थगन के बाद जब बैठक दोपहर 12 बजे शुरू हुई तो सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल शुरू करवाया। किंतु इसी बीच विपक्ष के सदस्य मणिपुर मुद्दे पर हंगामा और नारेबाजी करने लगे। हंगामे के बीच सदन के नेता पीयूष गोयल ने आम आदमी पार्टी के संजय सिंह को वर्तमान सत्र की शेष अवधि के लिए निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को सदन ने ध्वनिमत से पारित कर दिया। सुबह सदन की कार्यवाही आरंभ होते ही तृणमूल कांग्रेस के नवनिर्वाचित सदस्य साकेत गोखले ने उच्च सदन की सदस्यता की शपथ ली और इसके बाद सभापति धनखड़ ने आवश्यक दस्तावेज सदन के पटल पर रखवाए। आप ने क्या कहा संजय सिंह के निलंबन को लेकर दिल्ली के मंत्री और आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि अगर सच के लिए आवाज उठाने पर संजय सिंह को निलंबित किया जाता है तो हम परेशान नहीं होंगे। हमारी कानूनी टीम इस मामले को देखेगी, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है। संसद में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि विपक्ष मणिपुर पर चर्चा चाहता था और सरकार इस पर सहमत थी। अब, अगर इस मुद्दे (महिलाओं के खिलाफ अत्याचार) पर समग्रता से चर्चा की जाती है तो उन्हें क्या समस्या है? सत्‍येंद्र जैन को सुप्रीम कोर्ट से राहत, 5 सप्ताह और बढ़ाई अंतरिम जमानत सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जांच किए गए मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दिल्ली के पूर्व मंत्री सत्येन्द्र जैन की अंतरिम जमानत सोमवार को पांच सप्ताह के लिए बढ़ा दी। न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी की पीठ को जैन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सूचित किया कि 21 जुलाई को उनकी रीढ़ की हड्डी की सर्जरी हुई थी और उन्हें ठीक होने के लिए समय चाहिए। ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि वह अंतरिम जमानत बढ़ाने का विरोध नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसी चाहती है कि एआईआईएम या किसी अन्य अस्पताल द्वारा जैन के स्वतंत्र मूल्यांकन की मांग करने वाले उसके आवेदन पर अगली तारीख पर सुनवाई हो। पीठ ने मामले की सुनवाई पांच सप्ताह बाद तय की। शीर्ष अदालत ने 10 जुलाई को चिकित्सा आधार पर जैन को दी गई अंतरिम जमानत 24 जुलाई तक बढ़ा दी थी। शीर्ष अदालत ने 26 मई को जैन को चिकित्सा आधार पर छह सप्ताह के लिए अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि एक नागरिक को अपने खर्च पर निजी अस्पताल में अपनी पसंद का इलाज कराने का अधिकार है। ईडी ने जैन को कथित तौर पर उनसे जुड़ी चार कंपनियों के माध्यम से धन शोधन के आरोप में पिछले साल 30 मई को गिरफ्तार किया था। एजेंसी ने जैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत 2017 में उनके खिलाफ दर्ज की गई सीबीआई एफआईआर के बाद गिरफ्तार किया था। सीबीआई द्वारा दर्ज मामले में उन्हें 6 सितंबर, 2019 को ट्रायल कोर्ट द्वारा नियमित जमानत दी गई थी।
नयी दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का सोमवार की सुबह बेंगलुरु में निधन हो गया। वह 81 वर्ष के थे। आरएसएस के एक बयान के अनुसार, 81 वर्षीय मदन दास देवी ने 24 जुलाई को सुबह करीब पांच बजे बेंगलुरू के राष्ट्रोत्थान अस्पताल में अंतिम श्वांस ली। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आरएसएस के वरिष्ठ नेता श्री मदन दास देवी के निधन पर दुख व्यक्त किया है। आरएसएस ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘ उनका पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए आज दोपहर 1.30 बजे से 4.00 बजे तक संघ के प्रान्त कार्यालय केशव कृपा (बेंगलुरू) में रखा जाएगा।’’ इसमें बताया गया है कि उनका अन्तिम संस्कार मंगलवार, 25 जुलाई को पुणे (महाराष्ट्र) में किया जाएगा। संघ ने कहा, ‘‘ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सह-सरकार्यवाह एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के पूर्व राष्ट्रीय संगठन मंत्री मदन दास देवी के निधन का समाचार अत्यंत पीड़ादायक है। उनके निधन से अभाविप कार्यकर्ताओं ने अभिभावक तुल्य छत्र खोया है।’’ कौन थे  मदन दास देवी बयान के अनुसार, मदन दास देवी का जन्म 9 जुलाई 1942 को हुआ था। वे मूलत: महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के करमाला गांव के रहने वाले थे। प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने उच्च शिक्षा के लिए पुणे के प्रसिद्ध बीएमसी कॉलेज में 1959 में प्रवेश लिया। एमकॉम के बाद उन्होंने आईएलएस विधि कॉलेज से एलएलबी की डिग्री हासिल की। मदन दास देवी ने 1964 से मुंबई में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) में कार्य प्रारंभ किया। अभाविप के कर्णावती राष्ट्रीय अधिवेशन (सन 1968 ई.) में उन्हें पूर्णकालिक कार्यकर्ता व पश्चिमांचल क्षेत्रीय संगठन मंत्री का दायित्व दिया गया। बाद में वह राष्ट्रीय संगठन मंत्री बने। उन्होंने 1992 से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय सह प्रचारक प्रमुख का तथा 1993 में संघ के सह सरकार्यवाह के दायित्व का भी निर्वहन किया।  नरेन्द्र मोदी ने मदन दास देवी के निधन पर शोक जताया  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मदन दास देवी के निधन पर शोक जताया। उन्होंने ट्वीट किया, “मदन दास देवी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करे।
मणिपुर तीन महीनों से हिंसा की आग में सुलग रहा था। लगातार वहां पर दोनों कुकी और मैतेई समुदायों के बीच आपसी संघर्ष की खबरें सामने आ रही है। मणिपुर संघर्ष की आग तब पूरे भारत मैं फैल गयी जब मानसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले इंसानियत को शर्मसार करने वाला मणिपुर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। वीडियो में एक आदमियों के समूह ने दो महिलाओं को नग्न करके सड़क पर परेड कराई और उनका सामूहिक बलात्कार भी किया। परेड कराते वक्त कई लोगों ने महिलाओं के प्राइवेट पार्ट के साथ बेहत गंदे तरहे से छेड़छाड भी की। इस वीडियो को जिसने देखा उसकी रुह कांप गयी। हर कोई वीडियो में दिखने वाले  दरिंदों के खिलाफ सजा की मांग कर रहा था। इसके अलावा भी यौन उत्पीड़न की कई घटनाएं सामने आई हैं। विभिन्न संगठनों ने दावा किया है कि 3 मई को मणिपुर में हिंसा फैलने के बाद से कम से कम सात कुकी-ज़ोमी महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया है। हालाँकि, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने दावा किया है कि बलात्कार की केवल एक घटना दर्ज की गई है, जाहिर तौर पर पिछले हफ्ते सामने आए वायरल वीडियो में देखी गई पीड़िताओं में से एक के यौन उत्पीड़न का जिक्र है। बीरेन सिंह ने इंडिया टुडे एनई को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया, ”राज्य भर में हत्या, आगजनी और दंगों की शिकायतों के साथ दर्ज 6,068 एफआईआर में से बलात्कार की केवल एक घटना पाई गई है।” 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोगों की जान चली गई है और कई घायल हुए हैं, जब मेइतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किया गया था। मणिपुर की आबादी में मैतेई लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी, जिनमें नागा और कुकी शामिल हैं, 40 प्रतिशत हैं और ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं।  यहां मणिपुर हिंसा के शीर्ष 5 घटनाक्रम हैं– रिपोर्ट के अनुसार, 23 जुलाई को वैपेई पीपुल्स काउंसिल, यंग वैपेई एसोसिएशन, ज़ोमी स्टूडेंट्स फेडरेशन और कुकी स्टूडेंट्स फेडरेशन ने दावा किया कि हिंसा फैलने के बाद से सात कुकी महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया है। उनके दावों के अनुसार, 27 पीड़ित महिलाओं में से सात के साथ बलात्कार किया गया, आठ को पीट-पीटकर मार डाला गया, दो को जलाकर मार दिया गया, पांच को गोली मार दी गई और तीन को पीट-पीटकर मार डाला गया। उन्होंने बताया कि बाकी पीड़ितों की मौत का कारण अज्ञात है। सीएम बीरेन सिंह ने इंडिया टुडे एनई को एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में बताया, ”राज्य भर में हत्या, आगजनी और दंगों की शिकायतों के साथ दर्ज 6068 एफआईआर में से बलात्कार की केवल एक घटना पाई गई है।” एक अन्य मामले के बारे में पूछे जाने पर जहां कार वॉश के अंदर दो लड़कियों के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया था, बीरेन सिंह ने कहा कि शव परीक्षण रिपोर्ट में बलात्कार या किसी भी प्रकार के यौन उत्पीड़न से इनकार किया गया है। इंफाल में कार धोने का काम करने वाली मणिपुर के कांगपोकपी की दो युवा आदिवासी महिलाओं का कथित तौर पर 4 मई को उनके कार्यस्थल पर अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या कर दी गई, जो स्ट्रिप-परेड की भयावहता के साथ मेल खाती है। पूर्व उग्रवादियों के एक संगठन द्वारा मेइती लोगों को “अपनी सुरक्षा” के लिए अपने गृह राज्य छोड़ने के लिए कहने के बाद बड़ी संख्या में मेइती अब मिजोरम छोड़ रहे हैं। मिज़ोरम में पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्नीज़ एसोसिएशन (पीएएमआरए) ने राज्य में रहने वाले मेइती लोगों को अपने गृह राज्य में लौटने के लिए कहा है, यह कहते हुए कि 4 मई की घटना को लेकर “मिज़ो युवाओं में गुस्सा है”।...
कोर्टिसोल हार्मोंन को स्ट्रेस हार्मोन के रूप में भी जाना जाता है, यह शरीर को तनावपूर्ण स्थितियों में पर्याप्त रूप से प्रतिक्रिया करने में मदद करती है। सामान्यतौर पर माना जाता है कि अगर आपका कोर्टिसोल बढ़ा हुआ रहता है तो आपको चिंता विकार, तनाव और डिप्रेशन जैसी समस्याओं के होने का खतरा भी अधिक हो सकता है। भले ही  कोर्टिसोल को स्ट्रेस हार्मोंन के रूप में जाना जाता है पर शरीर में इसके कई अन्य कार्य भी होते हैं। यानी इसकी अधिकता और कमी दोनों ही स्थितियां शरीर के लिए हानिकारक दुष्प्रभावों वाली हो सकती हैं। मेडिकल रिपोर्ट्स से पता चलता है कि हमारा शरीर अन्य हार्मोंन्स की तरह इसका भी निरंतर उत्पादन करता रहता है। यह शरीर के लगभग हर अंग और ऊतक को प्रभावित करता है। तनाव प्रतिक्रिया को नियंत्रित करने के साथ शरीर में फैट, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के उपयोग, मेटाबॉलिज्म, नमक और पानी के संतुलन, वजन और स्मृति को भी नियंत्रित करने में इसकी भूमिका होती है। कोर्टिसोल हार्मोन के बारे में जानिए कोर्टिसोल हार्मोन एड्रिनल ग्रंथि द्वारा निर्मित होता है। स्वस्थ व्यक्ति में कोर्टिसोल, दिन के अलग-अलग समय पर बढ़ता और घटता रहता है। लाइफस्टाइल और कुछ शारीरिक स्थितियां कोर्टिसोल के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं, जैसे हाइपोथायरायडिज्म, संक्रमण और व्यायाम में कमी आदि। बढ़ा हुआ स्तर हृदय के लिए समस्याकारक  जिन लोगों में कोर्टिसोल हार्मोंन का स्तर अक्सर बढ़ा हुआ रहता है उनमें अन्य लोगों की तुलना में हृदय रोगों की समस्या होने का खतरा भी बढ़ जाता है। असल में तनाव की प्रतिक्रिया में कोर्टिसोल हार्मोन स्रावित होता है। अध्ययनों से पता चलता है कि लंबे समय तक तनाव या कोर्टिसोल का उच्च स्तर ब्लड कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स, ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा देता है, ये हृदय रोगों के जोखिम कारक हैं। इससे वजन बढ़ने का भी रहता है खतरा कोर्टिसोल हार्मोन का बढ़ा हुआ स्तर आपके मीठे, वसायुक्त और नमकीन खाद्य पदार्थों के खाने की इच्छा को काफी बढ़ा देता है। यही कारण है कि तनावग्रस्त व्यक्ति को इन चीजों की तीव्र इच्छा होती है। इसका मतलब यह भी है कि आप संतुलित भोजन की तुलना में उन चीजों का अधिक सेवन करने लगते हैं, जिनसे शरीर में फैट बढ़ने का खतरा अधिक होता है। इससे कुछ ही समय में आपका वजन तेजी से बढ़ने लगता है। यहां गौर करने वाली बात यह भी है कि अधिक वजन की समस्या भी कोर्टिसोल के स्तर को बढ़ाने का कारण बन सकती है। हाई कोर्टिसोल के इन लक्षणों के बारे में भी जानिए कोर्टिसोल का स्तर बढ़ने की स्थिति में पूरे शरीर पर इसका असर हो सकता है। ऐसे कई संकेत और लक्षण हैं जो बताते हैं कि आपके शरीर में  कोर्टिसोल स्तर बढ़ा हुआ हो सकता है। चेहरे में सूजन, मूड में बदलाव, थकान और कम नींद आने की दिक्कत, अनियमित मासिक धर्म, हाई ब्लड प्रेशर, अत्यधिक प्यास लगना भी संकेत है कि आपके हार्मोन का स्तर ठीक नहीं है। ऐसी स्थितियों में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।
नयी दिल्ली। रामकृष्ण फोर्जिंग्स लिमिटेड ने सोमवार को कहा कि उसने मल्टीटेक ऑटो प्राइवेट लिमिटेड और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी माल मेटालिक्स प्राइवेट लिमिटेड का 205 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। मल्टीटेक ऑटो और माल मेटालिक्स गाड़ियों के लिए असेंबली टॉप कवर, शिफ्ट सिलेंडर, असेंबली गियर, डिफरेंशियल केस और डिफरेंशियल कवर जैसे विभिन्न हिस्सों का विनिर्माण करते हैं। रामकृष्ण फोर्जिंग्स ने एक बयान में कहा कि उसने मल्टीटेक ऑटो प्राइवेट लिमिटेड और उसकी पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी माल मेटालिक्स का 205 करोड़ रुपये में अधिग्रहण किया है। बयान के मुताबिक, यह अधिग्रहण कंपनी की वृद्धि रणनीति के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसका उद्देश्य अपनी उत्पाद श्रृंखला का विस्तार करना और यात्री वाहनों, हल्के वाणिज्यिक वाहनों तथा भारी वाणिज्यिक वाहनों के क्षेत्र में अपनी उपस्थिति को मजबूत करना है। कंपनी ने आगे कहा कि उसने सात करोड़ रुपये में माल ऑटो प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड का भी अधिग्रहण कर लिया है।
नयी दिल्ली। जीएमआर पावर एंड अर्बन इंफ्रा लिमिटेड (जीपीयूआईएल) ने सोमवार को कहा कि उसकी सहायक कंपनी जीएमआर स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन को उत्तर प्रदेश में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए 7,593 करोड़ रुपये का ठेका मिला है। इस स्मार्ट मीटर परियोजना को भारत सरकार की संशोधित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत सुरक्षित किया गया है। कंपनी ने बताया, सहायक कंपनी जीएमआर स्मार्ट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को 7,593 करोड़ रुपये का प्रतिष्ठित ठेका मिला है। डीबीएफओओटी (डिजाइन, निर्माण, वित्त, स्वामित्व, परिचालन और हस्तांतरण) मॉडल के तहत मिले ठेके में दो बिजली वितरण कंपनियों- दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीयूवीवीएनएल) में 75.69 लाख प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाने हैं। इस परियोजना के दायरे में राज्य के 22 जिले शामिल हैं, जिनमें वाराणसी, प्रयागराज, आगरा, मथुरा और अलीगढ़ प्रमुख हैं। जीएमआर समूह के चेयरमैन (ऊर्जा) श्रीनिवास बोम्मिडाला ने कहा, ये उपलब्धि ग्राहक-केंद्रित वृद्धि रणनीति के साथ हरित और प्रौद्योगिकी-आधारित ऊर्जा व्यवसाय में आगे बढ़ने की जीएमआर की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
बहुप्रतीक्षित 2023 रॉयल एनफील्ड बुलेट 350 भारत में लॉन्च के लिए तैयार है। जानकारी के मुताबिक यह 30 अगस्त को लॉन्च की जाएगी। यह नई पीढ़ी की मोटरसाइकिल 350cc इंजन के साथ रॉयल एनफील्ड के कोर प्लेटफॉर्म रिवाम्प का हिस्सा है। 2023 बुलेट 350 में 346cc का इंजन होगा जो 19bhp की पावर और 28Nm का टॉर्क जेनरेट करता है। इंजन शक्तिशाली होने के साथ साथ स्मूथ भी माना जा रहा है। यह जे-प्लेटफॉर्म पर आधारित होगा, जिसका इस्तेमाल पहले से ही रॉयल एनफील्ड क्लासिक 350, रॉयल एनफील्ड मीटिओर 350 और रॉयल एनफील्ड हंटर 350 में किया जा रहा है। किक और इलेक्ट्रिक स्टार्ट मिलेंगे 2023 बुलेट 350 किक स्टार्ट (केएस) और इलेक्ट्रिक स्टार्ट (ईएस) वेरिएंट में आएगी। इस तरह की संभावनाए जताई जा रही है। 2023 बुलेट 350 में सिंगल-पीस सीट, हैलोजन हेडलैंप और नया स्विचगियर समेत अन्य सुविधाएं होंगी। नई बुलेट 350 में महत्वपूर्ण सुधारों में से एक फ्यूल गेज को शामिल करना है, एक ऐसी सुविधा जो पिछले मॉडल में गायब थी। बाइक की फिट और फिनिश में भी काफी सुधार किया गया है। बाइक के फ्यूल टैंक और पैनल पर पारंपरिक हाथ से पेंट की गई पिनस्ट्राइप्स बनी रहेंगी, जिससे इसका आइकॉनिक लुक बरकरार रहेगा। मिलेगा शानदार माइलेज 2023 बुलेट 350 से 38 किमी प्रति लीटर का माइलेज मिलने की उम्मीद है। 2023 बुलेट 350 के फ्रंट में टेलिस्कोपिक सस्पेंशन और रियर में ट्विन शॉक्स मिलेंगे। फ्रंट में 280mm डिस्क और रियर में 153mm ड्रम होगा। मोटरसाइकिल में सिंगल-चैनल ABS की सुविधा होगी। 2023 बुलेट 350 की कीमत 1.95 लाख रुपये (एक्स-शोरूम) से शुरू होगी। कंपनी द्वारा जारी किए गए टीज़र में इसके लोगो के पुराने संस्करण का पता चलता है, जो मोटरसाइकिल की रेट्रो अपील को उजागर करता है।