September 22, 2024

पहल टुडे

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पुणे। दिल्ली में आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर मुहिम चला रहे पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता विजय गोयल यहां पुणे में इसी तरह की समस्या का सामना कर रही एक आवासीय सोसाइटी पहुंचे। इस सोसायटी ने आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर उच्चतम न्यायालय तक गुहार लगाई है। वडगांवशेरी इलाके में ब्रम्हा सनसिटी सोसाइटी के दौरे के दौरान मंगलवार को गोयल ने कहा कि इस समस्या पर अंकुश लगाने के लिए 10 सूत्री कार्यक्रम लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समस्या से निपटना प्रशासनिक अधिकारियों की जिम्मेदारी है। गोयल ने कहा, ‘‘इस मुद्दे को हल करने के लिए 10 सूत्रीय कार्यक्रम की आवश्यकता है, जिसमें आवारा कुत्तों की 100 प्रतिशत नसबंदी, रेबीज-रोधी इंजेक्शनों का प्रबंधन, कुत्ता पालने की कुशल नीति शामिल हैं और साथ ही सरकार को कुत्ते के हमले का शिकार हुए पीड़ितों को मुआवजा देना चाहिए।’’ उन्होंने कहा कि आवारा कुत्ते सड़कों पर घूमते रहते हैं और इनकी वजह से बुजुर्गों और बच्चों के लिए जोखिम की स्थिति रहती है। उन्होंने कहा कि कई बार तो ऐसे कुत्ते जानलेवा भी हो जाते हैं, खास कर छोटे बच्चों की कुत्तों के हमले में जान जाने के मामले आए दिन सामने आ रहे हैं। गोयल ने कहा कि आवारा कुत्तों की समस्या से निपटना नगर निकाय की जिम्मेदारी है, लेकिन उनकी ओर से कोई कदम नहीं उठाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि पशु कल्याण बोर्ड हाल ही में पशु जन्म नियंत्रण नियमावली लेकर आया है, इसकी वजह से भी इस मुद्दे का समाधान खोजने में बाधाएं आ रही हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हमने हाल ही में संबंधित मंत्री से मुलाकात कर अनुरोध किया कि इन नियमों और दिशानिर्देशों में संशोधन किया जाए।’’ स्थानीय निवासियों के अनुसार, इस साल फरवरी में सोसाइटी के एक लड़के पर आवारा कुत्तों ने हमला कर दिया था। स्थानीय निवासियों ने इसकी शिकायत पुणे नगर निगम (पीएमसी) से भी की। इसके बाद पीएमसी 50 से 60 आवारा कुत्तों को अपने साथ ले गई थी, लेकिन पशुओं के कल्याण के लिए काम करने वाले एक कार्यकर्ता ने इसके खिलाफ बम्बईउच्च न्यायालय में याचिका दायर कर दी। उच्च न्यायालय ने कुत्तों को छोड़ने का आदेश दिया था। उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने के लिए स्थानीय निवासियों ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया। सोसायटी के सदस्यों में से एक नागेंद्र रामपुरिया ने बताया कि आवारा कुत्तों की समस्या को लेकर गोयल द्वारा शुरू किए गए आंदोलन को देखकर वे दिल्ली में उनसे मिले थे और उन्हें अपनी पीड़ा से अवगत कराया।
वाराणसी: रेकिट इंडिया और जागरण पहल के संयुक्त तत्वाधान में संचालित परियोजना डेटॉल बनेगा...
वाराणसी: सहकारी समितियों का ग्रामीण क्षेत्र के विकास मे महत्वपूर्ण योगदान है।सहकारी समितियो के...
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे वाराणसी।बाल विकास पुष्टाहार सुपरवाइजर एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के आहवान...
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे वाराणसी।जनपद वाराणसी के भेलूपुर थानाक्षेत्र में बैजनत्था क्षेत्र की...
दिल्ली के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश से संबंधित बिल सोमवार (31 जुलाई) को संसद में पेश किया जायेगा। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी बै। बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस विधेयक को लोकसभा में पेश करेंगे। 19 मई को केंद्र की ओर से राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सरकार संशोधन अध्यादेश जारी किया था। हालांकि, इसको लेकर राजनीति भी खूब हुई। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार इसका खूब विरोध कर रहे हैं। विपक्षी गठबंधन इंडिया के सभी दल भी केजरीवाल के साथ खड़े हैं।  अध्यादेश में क्या है केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंगलवार को दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश की जगह लेने वाले विधेयक को मंजूरी दे दी थी। 19 मई को जारी केंद्र के अध्यादेश में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलटने की मांग की गई थी, जिसने अधिकारियों के स्थानांतरण और पोस्टिंग सहित सेवा मामलों में दिल्ली सरकार को कार्यकारी शक्तियां दी थीं। प्रस्तावित विधेयक अध्यादेश की जगह लेगा और सेवा मामलों पर दिल्ली सरकार के फैसले से अलग होने और पुनर्विचार के लिए फाइलें वापस भेजने की उपराज्यपाल वीके सक्सेना की शक्ति को मजबूत करेगा। अध्यादेश में दिल्ली, अंडमान और निकोबार, लक्षद्वीप, दमन और दीव और दादरा और नगर हवेली (सिविल) सेवा (DANICS) कैडर के ग्रुप-ए अधिकारियों के स्थानांतरण और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए एक राष्ट्रीय राजधानी सिविल सेवा प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान है। सुप्रीम कोर्ट में भी मामला 20 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र के अध्यादेश को चुनौती देने वाली दिल्ली सरकार की याचिका को पांच जजों की संविधान पीठ के पास भेज दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि संविधान पीठ इस बात की जांच करेगी कि क्या संसद सेवाओं पर नियंत्रण छीनने के लिए कानून बनाकर दिल्ली सरकार के लिए “शासन के संवैधानिक सिद्धांतों को निरस्त” कर सकती है। 23 जुलाई को आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ को पत्र लिखकर केंद्र के अध्यादेश को बदलने वाले विधेयक को संसद के उच्च सदन में पेश करने की अनुमति नहीं देने का आग्रह किया।
भारत अपनी S-400 श्रेणी की वायु रक्षा प्रणाली विकसित कर रहा है, जो लगभग 400 किलोमीटर की स्ट्राइक रेंज में दुश्मन के विमानों या मिसाइलों को नष्ट करने में सक्षम होगी। 20,000 करोड़ रुपये से अधिक का प्रस्ताव उन्नत चरण में है और अगले कुछ वर्षों में तैयार होने की उम्मीद है। वायु रक्षा प्रणाली में तीन अलग-अलग प्रकार की मिसाइलें होंगी, जिनमें से प्रत्येक अलग-अलग दूरी और दूरी पर दुश्मन के लक्ष्यों को मार गिराने में सक्षम होगी, जिनमें से अधिकतम 400 किलोमीटर के करीब होगी। भारतीय वायु सेना (IAF) इस वायु रक्षा प्रणाली के लिए प्रमुख एजेंसी बनने जा रही है, जो चीन और पाकिस्तान दोनों सीमाओं पर भारतीय तैयारियों को और बढ़ावा देगी। इस प्रणाली को तीनों सेनाओं की मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल (एमआरएसएएम) सहित मौजूदा वायु रक्षा प्रणालियों द्वारा काफी मदद मिलेगी और यह पहले से ही चालू है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि पहले तीन स्क्वाड्रन क्रमशः उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में पहले ही संचालित हो चुके हैं और हवाई अभ्यास में भी भाग ले चुके हैं। भारतीय वायुसेना को हाल के दिनों में सिमुलेटर के साथ तीन स्क्वाड्रन मिले हैं। यह प्रणाली विभिन्न रेंज की मिसाइलों के साथ 400 किलोमीटर तक की दूरी पर उड़ने वाले दुश्मन की बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों, लड़ाकू विमानों और मानव रहित हवाई वाहनों का सामना कर सकती है। रूस ने कहा था कि ‘अमेरिका के दबाव की परवाह किए बिना समय पर भारत को एस-400 सौंपा गया। भारत ने तीन वर्षों में रूस से एस-400 वायु रक्षा मिसाइलों के कबूतर स्क्वाड्रन हासिल करने के लिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं और सभी इकाइयों की डिलीवरी अगले वित्तीय वर्ष तक खत्म होने की उम्मीद है। एस-400 श्रेणी की वायु रक्षा प्रणालियों को भारतीय वायुसेना द्वारा गेम चेंजर माना जाता है, जिसने पिछले कुछ वर्षों में स्वदेशी एमआरएसएएम और आकाश मिसाइल प्रणालियों के साथ-साथ इजरायली स्पाइडर त्वरित-प्रतिक्रिया सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल प्रणालियों के आगमन के साथ वायु रक्षा क्षमताओं के मामले में खुद को बड़े पैमाने पर मजबूत किया है।
संसद के मानसून सत्र के पांचवें दिन भी हंगामा जबरदस्त तरीके से जारी रहा। हालांकि हंगामे के बीच ही संसद के दोनों सदनों में कामकाज जारी रहा। एक ओर जहां विपक्षी दल मणिपुर को लेकर प्रधानमंत्री के बयान की मांग करते रहे और उनका हंगामा जारी रहा तो वहीं दूसरी ओर सरकार की तरफ से दोनों सदनों में कई विधेयक भी पेश किए गए हैं। साथ ही साथ पारित भी किए गए। लेकिन आज भी दोनों सदनों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर लगातार जारी रहा। इन सब के बीच विपक्षी दलों की ओर से केंद्र सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया जिसको लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है। माना जा रहा है कि आने वाले समय में इस पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा खबर यह भी है कि दिल्ली को लेकर केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में पेश कर सकते हैं। लोकसभा की कार्यवाही – कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ बुधवार को लोकसभा में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकृति प्रदान की। सदन में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई द्वारा पेश इस प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि वह सभी दलों के नेताओं से बातचीत करके इस पर चर्चा की तिथि के बारे में अवगत कराएंगे। – लोकसभा ने बुधवार को मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री के बयान और चर्चा की मांग कर रहे विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच ‘वन (संरक्षण) संशोधन विधेयक, 2023’को ध्वनिमत से मंजूरी दे दी। सदन में केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने विधेयक को चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया। – सरकार ने बुधवार को कहा कि इस साल एक अप्रैल तक केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के पास कुल 19,233 शिकायतें और अपीलें लंबित थीं। कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी बताया कि आयोग में सूचना आयुक्तों के चार स्थान रिक्त हैं। – सदन में हंगामे के बीच ही सरकार ने छह विधेयक भी पेश किये। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने ‘जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023’ पेश किया। गृह राज्य मंत्री राय ने ‘जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023’ और ‘जम्मू कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023’ भी प्रस्तुत किये। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री डॉ वीरेंद्र कुमार ने ‘संविधान (जम्मू कश्मीर) अनुसूचित जाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023’ और जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा ने‘संविधान (जम्मू कश्मीर) अनुसूचित जनजाति आदेश (संशोधन) विधेयक, 2023’ सदन में शोर-शराबे के बीच ही पेश किये। कोयला और खान मंत्री प्रह्लाद जोशी ने ‘खान और खनिज (विकास और नियमन) संशोधन विधेयक, 2023’ पेश किया। राज्यसभा की कार्यवाही...
गोरखपुर (चिल्लूपार) गोरखपुर जिले में बड़हलगंज थाना क्षेत्र के रूदौली, मझवलियां गांव के पास राप्ती नदी के किनारे से मंगलवार की रात से ट्रैक्टर ट्राली से खनन हो रहा है। इस बीच ट्रैक्टर चालक अश्लील गाना बजा रहे थे। जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया। इस बात को लेकर बुधवार की सुबह बगल के गांव दवनाडीह के कुछ लोग बोलेरो गाड़ी से बड़ी संख्या में असलहा लेकर पहुंच गए। उन्होंने रूदौली गांव में घुसकर गाली-गलौच करने लगे। इसी बीच गांव के राजकिशोर (45) पुत्र रामकेवल ने इसका विरोध किया। नाराज बदमाशों ने मारपीट शुरू कर दी। इस बीच एक व्यक्ति ने असलहा निकालकर फायर कर दिया, जिससे राजकिशोर के सीने में गोली लग गई। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं गांव के अरविंद, सूर्यप्रकाश व सुभाष घायल हो गए। घायलों को सीएचसी बड़हलगंज लाकर इलाज कराया जा रहा है। पुलिस शव को कब्जे में लेकर पोटमार्टम को भेज दिया है। रुदौली में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात है। मृतक राजकिशोर चार बच्चों का पिता था। वह मनरेगा में मजदूर था। ग्रामीणों ने किया सड़क जाम नाराज ग्रामीणों ने सेमरा- साउखोर मार्ग जाम कर दिया। मौके पर एसडीएम गोला रोहित मौर्य, सीओ गोला अजय कुमार सिंह, बड़हलगंज, गगहा, गोला, उरूआ की पुलिस फोर्स मौके पर मौजूद है। ग्रामीणों ने दो ट्रैक्टर व ट्राली, एक मोटरसाइकिल व एक बोलेरो को क्षतिग्रस्त कर दिया है। सात नामजद व पांच अज्ञात के विरुद्ध दर्ज हुआ मुकदमा मृतक राजकिशोर के पुत्र अनुराग की तहरीर पर पुलिस सुनील यादव, अरविंद यादव, रामनाथ यादव पुत्रगण जवाहीर, राजेश पुत्र रामनाथ, अरविंद, गोविंद पुत्रगण राजेश, मोनू यादव पुत्र जवाहर निवासीगण डवनाडीह व पांच अज्ञात के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया गया है।