September 23, 2024

पहल टुडे

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मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘उमेद’ अभियान के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को दी जाने वाली कार्यशील पूंजी (रिवॉल्विंग फंड) को दोगुना कर 30 हजार रुपये हर समुहो को देने की बड़ी घोषणा की। साथ ही समूह मे काम रहे कर्मचारी, विशेषज्ञ व्यक्तीयों के मानधन मे भी बढोतरी करने की घोषना आज विधानसभा सत्र में की। देश के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। अपने बयान में मुख्यमंत्री का कहा, महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 15,000 रुपये का कार्यशील पूंजी दी जाती है। इसे बढ़ाकर प्रत्येक समूह के लिए 30 हजार रुपये दिये जाएगे। इस बढ़ोतरी के लिये  राज्य सरकार  913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करेंगी। सैलरी में भी दोगुनी बढ़ोतरी स्वयं सहायता समूहों को दैनिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कुल 46 हजार 956 सामुदायिक विशेषज्ञ व्यक्ति (सीआरपी) ग्राम स्तर पर काम कर रहे हैं। इन्हें 3 हजार रुपये प्रति माह मानधन दिया जाता है। सहकारी आंदोलन में उनके योगदान और मांग को देखते हुए उनका पारिश्रमिक बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रति माह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 163 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। इस अभियान में राज्य स्तर से लेकर क्लस्टर(सामूह‍िक) स्तर तक एक स्वतंत्र, समर्पित और संवेदनशील व्यवस्था बनायी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में अभियान के तहत कुल 2741 संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं और उनके पारिश्रमिक में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी और उनकी अन्य मांगें भी मान ली गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भविष्य में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित उत्पादों के लिए मूल्य संवर्धन, गुणवत्ता बढ़ाने, आधुनिक पैकेजिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा देने और उत्पादों को उचित बाजार स्थान दिलाने जैसी गतिविधियों को लागू करके ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों के लिए गणवेश भी महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी। बैंक ऋण का नियमित पुनर्भुगतान मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि, ‘उमेद’ अभियान के तहत अब तक लगभग 6 लाख स्वयं सहायता समूह स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 60 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा 30 हजार 854 ग्राम संघ और 1 हजार 788 प्रभाग (वार्ड) संघ हैं। इन महिलाओं को आय उत्पन्न करने के लिए उमेद अभियान के और बँक की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। स्वयं सहायता समूहों के गठन के 3 महीने बाद, उन्हें आंतरिक ऋण लेनदेन के वित्तपोषण के लिए 10,000 से 15,000 रुपये तक की कार्यशील (रिवॉल्विंग)निधि वितरित की जाती है। अब तक 3 लाख 91 हजार 476 समूहों को रुपये मिल चुके हैं। 584 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड दिया गया है। साथ ही अब तक 80 हजार 348 समूहों को 577 करोड़ रूपये की सामुदायिक निवेश निधि दी जा चुकी है। राज्य में अब तक 4.75 लाख एस.एच.जी. को रुपये वितरित किये जा चुके हैं। 19 हजार 771 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है। इसमें 2022-23 इस एक वर्ष  में 2 लाख 38 हजार 368 स्वयं सहायता समूहों को रु. 5 हजार 860 करोड़ का बैंक लोन दिया गया है। अभियान के तहत 96% बैंक ऋण समय पर चुकाए जा रहे हैं और वर्तमान में अकार्यक्षम मालमत्ता (Non-Performing...
विपक्षी गठबंधन – भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के 16 दलों के 20 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29 और 30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा। नेता हिंसा प्रभावित राज्य में जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे। 20 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, फूलो देवी नेताम, के सुरेश, टीएमसी से सुष्मिता देव, आप से सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) से अरविंद सावंत, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह और अनिल प्रसाद हेगड़े, संदोश कुमार (सीपीआई), एए रहीम (सीपीआईएम), मनोज कुमार झा (आरजेडी), जावेद अली खान (समाजवादी पार्टी), महुआ माजी (जेएमएम), पीपी मोहम्मद फैजल (एनसीपी), ईटी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी), डी रविकुमार (वीसीके), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके) ) और जयंत सिंह (आरएलडी) शामिल हुए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों का दर्द समझने जा रहे हैं। उन्होंने विस्तार से बताया हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं। यह कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं है, बल्कि वहां सांप्रदायिक हिंसा है। इसका असर उसके पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ रहा है। सरकार ने इसे पूरा नहीं किया है। यह जिम्मेदारी है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं। सांसद नसीर हुसैन के मुताबिक, भारतीय सांसद शनिवार सुबह दिल्ली से रवाना होंगे और दोपहर तक इंफाल पहुंचेंगे। वे राज्य के पहाड़ी इलाकों और घाटी के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा प्रतिनिधिमंडल रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात करेगा। हुसैन के मुताबिक, सांसद अपने निष्कर्षों पर संसद में चर्चा करना चाहते हैं। हालांकि, अगर संसद में चर्चा की अनुमति नहीं दी गई, तो सांसद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। हुसैन ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने के लिए ”जिद्दी” है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की और कहा कि मणिपुर में गंभीर हिंसा, महिलाओं के साथ बलात्कार और “जातीय सफाया” हुआ है लेकिन प्रधानमंत्री के पास राज्य के लिए “समय नहीं है”। नसीर हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे चुनावी राज्यों का दौरा करने का समय है जहां वह विपक्षी नेताओं के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन मणिपुर के लोगों के लिए उनके पास कोई शब्द नहीं हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि मणिपुर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के विपक्ष के फैसले से संसद से राज्य के प्रभावित लोगों को संदेश जाएगा कि उनकी दुर्दशा को लेकर चिंता है। विपक्ष जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर संसद में प्रधानमंत्री के बयान और उसके बाद इस पर पूर्ण चर्चा की मांग कर रहा है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ  विपक्ष    अविश्वास प्रस्ताव लेकर...
शिमला मौसम का कहर लगातार जारी है। भारी बारिश और भूस्खलन से चार नेशनल हाईवे और 468 सड़कों पर यातायात बंद हो गया है। नदी-नाले उफान पर हैं। गुरुवार रात को हमीरपुर की दरब्यार पंचायत में स्टेलपोश मकान गिरने से सो रहे एक ही परिवार के छह सदस्य मलबे में दब गए। ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद सुरक्षित निकाला। शिमला जिले से सबसे ज्यादा 220 और कुल्लू में 115 सड़कें बंद हैं। वहीं, राज्य में 552 बिजली ट्रांसफार्मर भी ठप हैं। 224 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित चल रही हैं। शिमला, कुल्लू व मंडी में सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद पड़े हैं। पौंग बांध से तीसरे दिन भी पानी छोड़ा शुक्रवार को पौंग बांध से तीसरे दिन भी पानी छोड़ा गया। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने प्रदेश के कई इलाकों के लिए शनिवार को भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। 30 जुलाई से मौसम में कुछ सुधार होने से राहत के आसार हैं। किन्नौर के नाथपा गांव की पहाड़ी से पिछले चार दिनों से लगातार चट्टानें गिरना जारी है। इससे गांव को खतरा पैदा हो गया है। शुक्रवार सुबह 5:15 बजे पहाड़ी से भूस्खलन होने पर नाले के साथ मौजूद गांव के पांच मकान खाली करवाए गए। कोटसारी में भूस्खलन से मकानों में दरारें आने से तीन परिवार बेघर हो गए हैं। लोअर कोटी गांव में मकान क्षतिग्रस्त वहीं लोअर कोटी गांव में प्रदीप ठाकुर का मकान भी क्षतिग्रस्त हुआ है। नाथपा गांव में पहाड़ी दरकने से ग्रामीणों ने खौफ के साये में रात गुजारी। कक्षस्थल में पहाड़ से चट्टानें गिरने से दोमंजिला मकान क्षतिग्रस्त हुआ है। दंपती, बेटे और 6 मजदूरों ने भागकर अपनी जान बचाई। नेशनल हाईवे पांच रामपुर के ब्रौनी खड्ड में भूस्खलन से फिर बंद हो गया है। इसके अलावा कुल्लू-मनाली, कुल्लू-आनी और चंबा-भरमौर एनएच भी ठप पड़ा है। उधर, किन्नौर प्रशासन ने खतरे को भांपते हुए बाढ़ग्रस्त कांधार, खुडणा और शीलाभावी गांव में मकान खाली करवा दिए हैं। चंडीगढ़-मनाली मार्ग दो स्थानों पर मलबा गिरने से बंद सरपारा पंचायत घर और मंदिर में प्रभावितों के रहने का इंतजाम किया गया है। उधर, मंडी जिला में भारी बारिश के चलते चंडीगढ़-मनाली मार्ग दो स्थानों पर मलबा गिरने से बंद है। मंडी-पठानकोट हाईवे की सड़क पर ऐहजू, चौंतड़ा व बीड़ मार्ग पर भारी बारिश से जलभराव से दुकानों में पानी घुस गया। सरकाघाट की सुलपुर जबोठ पंचायत में बारिश में एक पेजयल योजना जबोठी खड्ड में बह गई है। बल्ह क्षेत्र में कलखर से रिवालसर मार्ग आठ घंटे बाधित रहा। मनाली के बाहंग नाले में बाढ़ से पानी सड़क पर आ गया शुक्रवार को मनाली सहित कई इलाकों में बारिश का दौर जारी रहा। मनाली के बाहंग नाले में बाढ़ से पानी सड़क पर आ गया। पार्वती घाटी के छरोड़नाला में एक मकान भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हो गया है। वहीं पार्वती व तीर्थन घाटी में लोगों के घरों के आसपास दरारें पड़ने से खतरा बढ़ गया है। राजधानी शिमला में शुक्रवार को मौसम मिलाजुला रहा। सुबह के समय शहर में बादल बरसे। दोपहर को मौसम साफ हुआ। शाम को फिर बारिश हुई। पुलिस लाइन सोलन के पास चौथी बार धंसा हाईवे का हिस्सा वहीं, कालका-शिमला नेशनल हाईवे-5 पर सोलन बाईपास में पुलिस लाइन के पास चौथी बार ट्रक ले-बाय धंस गया है। हाल ही में हुई बारिश के बाद हाईवे को काफी क्षति हो गई है। इसी के साथ दर्जनों क्षेत्रों में सड़क धंस चुकी है। इससे वाहन चालकों को यहां से निकलने में दिक्कत पेश आ रही है। लोग जान जोखिम में डालकर हाईवे से गुजर रहे हैं। वहीं शहर के दोहरी दीवार पर लगातार भूस्खलन हो रहा है। लगातार डंगे से भी पत्थर गिर रहे हैं। ऐसे में यहां पर खतरा बना हुआ है। इसे देखते हुए प्रशासन ने ऑटो और बस स्टैंड का स्थान भी बदल दिया है। वहीं कुमारहट्टी में वीरवार देर शाम भूस्खलन हुआ है। जिलेभर में शुक्रवार सुबह भी बारिश हुई है। प्रदेश में अब तक 5,361.16 करोड़ रुपये का नुकसान इस बार मानसून में 24 जून से 28 जुलाई तक प्रदेश में 5536.15 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। 184 लोगों की जान गई है। 211 लोग जख्मी हुए हैं। बाढ़ से 699 मकान ढह गए, जबकि 7093 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस दौरान भूस्खलन की 71 और अचानक बाढ़ की 51 घटनाएं सामने आई हैं।
लखनऊ यूपी विधानमंडल का मानसून सत्र 7 से 11 अगस्त तक चलेगा। मानसून सत्र में बजट सत्र के बाद प्रदेश सरकार की ओर से जारी 13 अध्यादेश भी विधेयक के रूप में सदन में रखे जाएंगे। इनमें उत्तर प्रदेश दंड विधि (अपराधों का शमन और विचारणों का उपशमन)...
लखनऊ 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे पर रफ्तार भरने के लिए दोपहिया वाहनों को भी टोल टैक्स देना पड़ेगा। टोल शुल्क न्यूनतम पांच रुपये और अधिकतम 310 रुपये है। चौबीस घंटे में वापसी पर टोल शुल्क में 25 फीसदी की छूट दी जाएगी। दोपहिया वाहनों पर टोल टैक्स की दरें यूपीडा ने तय कर दी हैं। एक्सप्रेस वे पर पहला प्रमुख और अंतिम टोल के बीच छोटे-बड़े 13 टोल प्लाजा हैं। इसमें न्यूनतम 5 रुपये का टोल तय किया गया है। अधिकतम 310 रुपये अदा करने होंगे। ये दरें 25 रुपये, 40 रुपये, 50 रुपये, 55 रुपये, 90 रुपये 125 रुपये, 175 रुपये, 185 रुपये, 210 रुपये, 260 रुपये, 295 रुपये और 310 रुपये है। दोपहिया वाहनों के लिए अलग-अलग प्वाइंट से गुजरने पर टोल की दरें अलग-अलग रहेंगी।
लखनऊ लोकसभा चुनाव -2024 को लेकर हुई एनडीए की बैठक के बाद सहयोगी दलों में सीटों को लेकर मंथन शुरू हो गया है। सुभासपा और निषाद पार्टी के साथ ही अपना दल (एस) भी सीटों के चयन में जुट गया है। किसके कोटे में कितनी सीटें आएंगी यह तो तय नहीं है, पर सहयोगी दलों ने अपने लिए उपयुक्त सीटों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं, अपना दल (एस) पिछली बार की तुलना में इस बार अधिक सीटें चाहता है। इतना ही नहीं 2019 में मिली सोनभद्र सीट भी बदलना चाहता है। सूत्रों का कहना है कि 18 जुलाई को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ हुई बैठक में पार्टी अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने अपनी दावेदारी कर दी है, लेकिन अभी तक फैसला नहीं हुआ है। अनुप्रिया ने भाजपा नेताओं से यह भी अनुरोध किया कि इस बार सीटें तय करते हुए उनके दल के विधायकों की संख्या बल का भी ध्यान रखा जाए। यानि दूसरे सहयोगी दलों से उन्हें अधिक सीट मिलनी चाहिए । उनके प्रस्ताव पर भाजपा ने हामी भी भरी है। 2019 में सोनभद्र सीट से अपना दल के कोटे से पकौड़ी लाल कोल सांसद हैं। अगर ऐसा हुआ तो कोल मैदान से बाहर हो जाएंगे। पार्टी नेतृत्व सोनभद्र के बदले बुंदेलखंड की कोई कुर्मी बहुल सीट लेना चाहता है। वैसे पार्टी की पहली पसंद जालौन है। इसके अलावा प्रतापगढ़ पर भी दावेदारी है। यह सीट 2014 में अपना दल के पास थी, लेकिन 2019 में इसे वापस लेकर भाजपा ने अपना दल के ही विधायक संगमलाल गुप्ता को लड़ाया था। पांच सीटों पर दावेदारी सूत्रों के मुताबिक मिर्जापुर से खुद अनुप्रिया सांसद हैं। इसके अलावा प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, फतेहपुर और जालौन सीट पर दावेदारी की है। पार्टी का मानना है कि जब 6 व 8 विधायकों वाले दूसरे दलों को दो से तीन सीटें देने की बात हो रही है तो 13 विधायकों वाले अपना दल को तो कम से कम पांच सीटें मिलनी चाहिए।
लखनऊ  सुभासपा के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर और सपा छोड़कर भाजपा में शामिल हुए दारा सिंह चौहान को मंत्रिमंडल में शामिल करने और योगी मंत्रिमंडल के विस्तार पर शुक्रवार को दिल्ली में मंथन हुआ। वहीं दारा सिंह के इस्तीफे से खाली हुई मऊ जिले की घोसी सीट और बसपा सांसद अफजाल अंसारी की सदस्यता रद्द होने से खाली हुई गाजीपुर सीट पर उप चुनाव को लेकर भी पार्टी के प्रदेश और शीर्ष नेतृत्व के बीच चर्चा हुई। मुताबिक सुभासपा के एनडीए में शामिल होने के बाद अब दबाव है कि विधानमंडल के मानसून सत्र से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार कर ओमप्रकाश राजभर को मंत्री बनाया जाए। सुभासपा सदन में सरकार में सहयोगी के रूप में उपस्थित रहना चाहती है। दारा सिंह चौहान को भी मंत्री बनाया जाना है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं का मानना है कि बतौर मंत्री दारा सिंह को घोसी से उप चुनाव लड़ाने से चुनाव में राजनीतिक फायदा मिलेगा। उधर, योगी सरकार 1.0 में जलशक्ति मंत्री रहे महेंद्र सिंह, पूर्व एमएसएमई मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पूर्व ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा सहित सरकार के युवा विधायक भी मंत्री बनने की दौड़ में हैं। सूत्रों के मुताबिक पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को मंत्रिमंडल विस्तार और उप चुनाव के साथ आगामी दिनों में यूपी के सांसदों के साथ होने वाली बैठक के मद्देनजर दिल्ली बुलाया है। चौधरी से सांसदों के संबंध में भी फीडबैक लिया गया है। बीते दिनों बीएल संतोष के दो दिवसीय लखनऊ प्रवास में सामने आए फीडबैक के आधार पर आगे की रणनीति तय करने पर भी चर्चा हुई है। उल्लेखनीय है कि नड्डा और भूपेंद्र चौधरी के बीच बृहस्पतिवार को भी मुलाकात हुई थी।
चंडीगढ़। दिल्ली-जम्मू तवी राजधानी एक्सप्रेस में शुक्रवार रात बम होने की सूचना मिलने के बाद हरियाणा के सोनीपत रेलवे स्टेशन पर ट्रेन की गहन जांच की गई। राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि दिल्ली-जम्मू तवी राजधानी एक्सप्रेस शुक्रवार रात नौ बजकर 34 मिनट पर सोनीपत रेलवे स्टेशन पहुंची। उन्होंने कहा कि बम निरोधक दस्ते ने एक श्वान दस्ते के साथ ट्रेन की गहन जांच की। अधिकारी के मुताबिक, दिल्ली-जम्मू तवी राजधानी एक्सप्रेस में कोई विस्फोटक नहीं मिला। उन्होंने बताया कि ट्रेन को देर रात एक बजकर 48 मिनट पर सोनीपत रेलवे स्टेशन से रवाना कर दिया गया।
महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शनिवार सुबह एनएच 6 पर दो लक्जरी ट्रैवल बसों की टक्कर में दो महिलाओं सहित छह लोगों की मौत हो गई और 25 घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह दुर्घटना जिले के मलकापुर शहर में एक फ्लाईओवर पर देर रात करीब 2.30 बजे हुई। महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में बस दुर्घटना में 6 लोगों की मौत, 20 घायल महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले में शुक्रवार देर रात दो निजी बस की टक्कर में छह लोगों की मौत हो गई और 25 लोग घायल हो गए। एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी। पुलिस अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना शुक्रवार देर रात करीब ढाई बजे मल्कापुर कस्बे के एक फ्लाईओवर पर हुई। अमरनाथ से लौट रहे थे यात्री अधिकारियों ने बताया कि एक बस अमरनाथ से हिंगोली लौट रही थी जबकि दूसरी बस नासिक की तरफ जा रही थी। उन्होंने बताया कि नासिक जा रही बस ने एक ट्रक से आगे निकलने की कोशिश की और इसी क्रम में वह सामने से आ रही दूसरी बस से टकरा गई। इस टक्कर में दो महिलाओं सहित पांच लोगों की मौत हो गई और 20 लोग घायल हो गए। जिले के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को पास के अस्पताल ले जाया गया। उन्होंने बताया कि हादसे की वजह के कुछ देर के लिए सड़क पर यातायात बाधित रहा। अधिकारियों ने बताया बताया कि नासिक की ओर जा रही बस ने एक ट्रक को ओवरटेक करने की कोशिश की और दूसरी बस के सामने आ गई, जिसके परिणामस्वरूप टक्कर हो गई। सूचना मिलने पर पुलिस और अधिकारी मौके पर पहुंचे और घायलों को अस्पताल पहुंचाया। इस मार्ग पर यातायात प्रभावित हो गया और वाहनों का परिचालन बाधित हो गया। इस महीने की शुरुआत में, महाराष्ट्र में समृद्धि महामार्ग एक्सप्रेसवे पर एक बस में आग लगने से कम से कम 26 लोगों की मौत हो गई थी और कई अन्य घायल हो गए थे। बस यवतमाल से पुणे जा रही थी। यह घटना राज्य के बुलढाणा जिले में शनिवार देर रात करीब 2 बजे हुई थी। पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे के तौर पर 5 लाख रुपये की घोषणा की गई थी। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने उपमुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस के साथ दुर्घटनास्थल का दौरा किया था। मुख्यमंत्री ने घटना की जांच के भी आदेश दिये हैं।