गुरुग्राम। दिल्ली -जयपुर हाईवे पर ट्रैफिक पुलिस की ओर से शराब पीकर वाहन चलाने वालों की जांच के लिए बैरियर लगाया गया था। यहां पर आने-जाने वालों की जांच की जा रही थी। बुधवार की रात 32 माइल स्टोन के पास वाहन चालकों की एल्कोहल की जांच करने के दौरान एक वाहन चालक बेरिकेडिंग तोड़कर निकल गया। पास खड़े पुलिस के जवान उसे रोकने का प्रयास कर रहे थे। चालक की इस घटना से मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी बाल-बाल बचे। मौके पर तैनात सिपाही विजय कुमार ने सिविल लाइन थाने में सरकारी काम में बाधा डालने का मामला दर्ज किया है। पुलिस आस-पास लगे सीसीटीवी में कैद तस्वीर के आधार पर आरोपी तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
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नई दिल्ली तिहाड़ जेल से गैंगस्टरों का अब गैंग चलाना पुराने दिन की बात होने वाली है। जेल प्रशासन ने कैदियों के मोबाइल को डब्बा बनाने के लिए 15 जैमर लगाने का काम शुरू कर दिया है। गैंगस्टर जेल में चोरी छिपे मोबाइल का इस्तेमाल कर बाहर मौजूद अपने गैंग के सदस्यों से बातचीत कर संगीन वारदातों को अंजाम देते थे। यहां तक कि जेल से ही वह कारोबारियों को फोन के जरिए धमकी देकर उनसे उगाही भी करते थे। जेल में ही रहकर दूसरे गैंगस्टर की हत्या की साजिश रचते थे। अमर उजाला ने हाल ही में कैदियों के जेल में रहते फोन पर लगातार बात करने का खुलासा किया था। उसके बाद हरकत में आए जेल प्रशासन ने 15 जैमर लगाने का फैसला किया है। कैदियों के फोन के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए तिहाड़ जेल प्रशासन ने तीन जैमर लगाया हुआ था। दो जैमर तिहाड़ जेल में जबकि एक मंडोली जेल में लगा हुआ है। बावजूद कैदी लगातार फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। इस साल प्रशासन जेल से करीब 700 से अधिक फोन बरामद कर चुका है। कैदी जेल में कैसे फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं, इसको लेकर जेल प्रशासन ने जांच शुरू की। जांच में यह बात सामने आई कि जैमर लगे होने के बावजूद कुछ ऐसे ब्लैक स्पॉट मौजूद थे, जिसका फायदा उठाकर कैदी जैमर को मात देने में कामयाब हो रहे थे। जेल अधिकारियों ने बताया कि जांच करने पर 40 ऐसे ब्लैक स्पॉट मिले, जहां जैमर काम नहीं कर रहा था और कैदी चोरी छिपे वहां से मोबाइल फोन का इस्तेमाल कर रहे थे। ऐसे 40 ब्लैक स्पाॅट को चिन्हित करते हुए जेल प्रशासन ने यहां जैमर लगाने का फैसला किया है। जेल प्रशासन ने भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से 15 जैमर खरीदे हैं। फोन या इलेिक्ट्रक डिवाइस का पता लगाने में मदद करेगा नॉन लीनियर जंक्शन डिटेक्टर जेल अधिकारी ने बताया कि 10 नॉन लीनियर जंक्शन डिटेक्टर खरीद रहे हैं, जो आमतौर पर जेल की दीवारों या फर्श के अंदर छिपे किसी भी फोन या इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस का पता लगाने में मदद करेंगे। जेल अधिकारियों ने बताया कि ब्लैक स्पाॅट पर जैमर लगाने के लिए तकनीकी एजेंसियाें से संपर्क किया गया। कई एजेंसियों ने इसमें रुचि दिखाई और जैमर लगाने के लिए राजी हो गए। जैमर के काम नहीं करने पर कंपनी पर होगा आर्थिक जुर्माना सूत्रों का कहना है कि जिस कंपनी को जैमर लगाने की जिम्मेदारी दी गई है, उन्हें साफतौर पर कह दिया गया है कि जैमर लगाने के बाद जेल में कोई भी नेटवर्क काम नहीं करना
महिलाएं हर उम्र में ज्वेलरी पहनने और खरीदने का शौक रखती है। एक समय पर महिलाएं हैवी ज्वेलरी पहनती थीं। तब हैवी ज्वेलरी का चलन था। लेकिन वर्तमान समय में ऐसी ज्वेलरी ट्रेंड में हैं जो आप एथनिक के साथ ही वेस्टर्न के साथ भी कैरी कर सकती हैं। यह ज्वेलरी महिलाओं को भी काफी ज्यादा पंसद आ रही हैं। यही वजह है कि अब हैवी ज्वेलरी की जगह महिलाएं हल्की ज्वेलरी लेना पसंद करती
जब स्किन केयर प्रोडक्ट्स की बात होती है तो उसमें रोज़ वाटर या नी गुलाब जल का नाम अवश्य लिया जाता है। अपनी स्किन को ठंडक पहुंचाने से लेकर उसे टोन व क्लीन करने के लिए भी गुलाब जल का इस्तेमाल किया जाता है। खासतौर से, गर्मी के दिनों में गुलाब जल का इस्तेमाल करना स्किन के लिए काफी अच्छा माना जाता है। अमूमन हम इसे स्किन पर ऐसे ही लगाते हैं या फिर किसी अन्य इंग्रीडिएंट के साथ इन्हें मिक्स करके अपनी स्किन पर अप्लाई करते हैं। हालांकि, ऐसे भी कई इंग्रीडिएंट होते हैं, जिनके साथ रोज वाटर को मिक्स नहीं करना चाहिए। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको ऐसे ही कुछ इंग्रीडिएंट्स के बारे में बता रहे हैं, जिनके साथ आपको गुलाब जल मिक्स नहीं करना चाहिए- एसेंशियल ऑयल के साथ ना करें मिक्स गुलाब जल को एसेंशियल ऑयल के साथ मिक्स करना बिल्कुल भी अच्छा आइडिया नहीं माना जाता है। हो सकता है कि कुछ लोगों को ऐसा करने से समस्या ना हो। लेकिन अगर किसी को फ्रेगरेंस से एलर्जी है या फिर अस्थमा की समस्या है तो इससे उन्हें परेशानी हो सकती है। इसलिए, बेहतर होगा कि आप एसेंशियल ऑयल के साथ गुलाब जल को मिक्स करने की भूल ना करें। बेकिंग सोडा आज के समय में हम बेकिंग सोडा को भी अपने स्किन केयर रूटीन का हिस्सा बनाते हैं। लेकिन बेकिंग सोडा के साथ गुलाब जल को मिक्स करना बिल्कुल भी अच्छा नहीं माना जाता है। दरअसल, बेकिंग सोडा का पीएच स्तर लेवल काफी हाई होता है और जब इसे गुलाब जल के साथ मिक्स किया जाता है तो इससे आपकी स्किन कठोर और रूखी हो जाती है। जिसके कारण आपको स्किन में जलन या इरिटेशन की समस्या हो सकती है। नींबू का रस नींबू का रस बहुत अधिक एसिडिक होता है, जिसके कारण इसके इस्तेमाल से स्किन पर जलन की समस्या हो सकती है। इसके साथ जब गुलाब जल को मिक्स किया जाता है, तो इससे स्किन में सेंसेटिविटी से लेकर जलन आदि की समस्या हो सकती है। एक्सफोलिएंट के साथ ना करें मिक्स कई बार हम एक्सफोलिएंट के साथ गुलाब जल को मिक्स करते हैं। जबकि हार्श एक्सफोलिएंट जैसे चीनी या नमक आदि को मिक्स नहीं करना चाहिए। ये आपकी स्किन में जलन और सूजन पैदा कर सकते हैं और कई तरह की अन्य समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।
नोएडा ब्रेजा सवार युवक ने पहले पीछे से वैगनआर में टक्कर मारी, विरोध करने पर युवक को कार की बोनट पर करीब 300 मीटर तक घसीटते हुए ले गया। बुधवार रात इसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसके बाद मामले की जांच पुलिस ने शुरू कर दी। देर रात पुलिस ने आरोपी चालक को गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही ब्रेजा को भी कब्जे में ले लिया है। प्रत्यक्षदर्शियों ने घटना के बारे में बताया प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक गढ़ी चौखंडी के पास वैगनआर कार में एक युवक अपनी पत्नी और बच्चे के साथ जा रहा था। इस दौरान ब्रेजा कार चालक ने पीछे से वैगनआर में टक्कर मार दी। ब्रेजा में और भी युवक सवार थे। हादसे में वैगनआर में बैठे बच्चे को चोट आ गई। वैगनआर सवार युवक बाहर निकलकर ब्रेजा के बोनट के सामने खड़ा हो गया और विरोध करने लगा। घटना के बाद सड़क लगा लंबा जाम इस दौरान ब्रेजा चालक ने उसे टक्कर मारते हुए बोनट पर घसीटते हुए काफी तक दूर तक ले गया। इस घटना से मौके पर अफरा-तफरी मच गई और सड़क पर जाम लग गया। इसी दौरान किसी ने इस पूरी घटना का वीडियो बना लिया और उसे सोशल मीडिया पर अपलोड कर
गाजियाबाद। महात्मा गांधी सभागार कलेक्ट्रेट में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह की अध्यक्षता में जिला शुल्क नियामक समिति गाजियाबाद की बैठक आयोजित की गई। बैठक में अभिभावक ने दिल्ली पब्लिक स्कूल राजनगर ज्यादा फीस लेने और सुविधाएं न देने का आरोप लगाया। जिस पर डीएम ने जिला विद्यालय निरीक्षक को डीपीएस राजनगर को नोटिस जारी करने और अभिभावक की शिकायतों का निराकरण करने के निर्देश दिए हैं।शिकायतकर्ता अभिभावक मनीषा ने बताया कि डीपीएस राजनगर में पिछले पांच सालों में अपना सारा पुराना स्टाफ, कर्मचारी, शिक्षक व प्रधानाचार्य बदल दिए गए हैं। विद्यालय अधिक फीस ले रहा है। शिकायतकर्ता के पाल्यों को होम वर्क, क्लास वर्क, पलानर र्सक्यूलर, टाईम-टेबिल अन्य आवश्यक सूचनाएं ईआरपी ऐप पर शेयर की जाती है। परन्तु शिकायतकर्ता के बच्चों का ऐप लोगिन नही किया गया है जिससे उन्हे पढ़ने के लिए कुछ भी ओपन नहीं हो रहा है। तीन अप्रैल से बच्चे लगातार स्कूल जा रहे हैं लेकिन विद्यार्थियों को अभी तक आईडी कार्ड और पीआईडी कार्ड नहीं दिया गया है। इसके साथ ही स्कूल के खिलाफ अन्य बिन्दुओं पर भी शिकायत की गयी। बैठक में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने निर्देशित किया कि वह विद्यालय के फीस विनियमन के लिए जरूरी दस्तावेज प्राप्त करने के लिए नोटिस जारी करें। विद्यालय से प्राप्त दस्तावेजों की समीक्षा चार्टर्ड अकाउन्टेंट से कराते हुए जिला शुल्क नियामक समिति को अवगत करायें। बैठक में राजेश कुमार श्रीवास जिला विद्यालय निरीक्षक, मंजित कौर वित्त लेखा अधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग, राजा राम मुख्य अभियंता लोक निर्माण विभाग, प्रदीप सहानी चार्टर्ड अकाउंटेंट, डीपीएस राजनगर स्कूल के प्रधानाचार्य एवं अभिभावक शिकायतकर्ता मौजूद रहे।
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