नाइजर में सेना के विभिन्न गुट शुक्रवार को सत्ता के लिए संघर्षरत दिखे। एक विश्लेषक और एक पश्चिमी सैन्य अधिकारी ने राष्ट्रपति गार्ड की ओर से तख्तापलट किये जाने के दो दिन बाद यह जानकारी दी। इस तख्तापलट के कारण देश में राजनीतिक अराजकता फैल गई है जिससे जिहादियों के खिलाफ देश की लड़ाई में बाधा आ सकती है और पश्चिम अफ्रीका में रूस का प्रभाव बढ़ सकता है। यह अब भी स्पष्ट नहीं है कि कौन प्रभारी नेता है और मध्यस्थता के लिए प्रयास शुरू किया गया है या नहीं। पड़ोसी देश नाइजीरिया का एक प्रतिनिधिमंडल आने के तुरंत बाद ही लौट गया और एक क्षेत्रीय निकाय की ओर से मध्यस्थ नामित किये गये बेनिन के राष्ट्रपति नहीं पहुंचे। एक वार्ता के दौरान प्रतिभागियों से बातचीत में एक विश्लेषक ने कहा कि तख्तापलट करने वाले राष्ट्रपति गार्ड के सदस्य सेना के साथ इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं कि किसे प्रभारी नेता होना चाहिए। विश्लेषक ने हालात की संवेदनशीलता के मद्देनजर अपना नाम नहीं उजागर करने के लिए कहा। एक पश्चिमी सैन्य अधिकारी, जिन्हें मीडिया में बोलने का अधिकार नहीं है, ने पुष्टि की कि कि विभिन्न सैन्य गुट वार्ता कर रहे हैं, ऐसा माना जा रहा है। उन्होंने कहा कि स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। पापुआ न्यू गिनी में बातचीत के दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने तख्तापलट की निंदा करते हुए इसे ‘‘पूर्ण रूप से अवैध और नाइजीरियाई लोगों के लिए बहुत खतरनाक’ करार दिया। मैक्रों ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति बजौम से कई बार बातचीत की और कैद में बंद नेता का स्वास्थ्य ठीक है। फ्रांस ने 1960 तक नाइजर पर एक उपनिवेश के रूप में शासन किया था। इस देश में फ्रांस के 1,500 सैनिक हैं, जो नाइजीरियाई लोगों के साथ संयुक्त अभियान चलाते हैं। बृहस्पतिवार को कई सौ लोग राजधानी नियामी में एकत्र हुए और रूसी झंडे लहराते हुए रूसी निजी सैन्य समूह वैगनर के समर्थन में नारे लगाए। इसके बाद उन्होंने कारों को जला दिया और राष्ट्रपति के राजनीतिक दल के मुख्यालय में तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों में से एक उमर इस्साका ने कहा, ‘‘हम तंग आ चुके हैं। ’’ उमर ने फ्रांसीसी मुर्दाबाद का नारा लगाते हुए कहा, ‘‘हम रूस के साथ सहयोग करने जा रहे हैं।’’ विद्रोही सैनिकों ने किसी नेता की घोषणा नहीं की है और राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम ने इस्तीफा नहीं दिया है। 1960 में फ्रांस से आजादी के बाद नाइजर में हुए पहले लोकतांत्रिक सत्ता हस्तांतरण के तहत दो साल पहले बजौम राष्ट्रपति चुने गए थे। पड़ोसी देश माली और बुर्किना फासो, दोनों ने फ्रांसीसी सेना को बाहर कर दिया है, जो पहले जिहादियों के खिलाफ उनकी लड़ाई में सहायता प्रदान करती थी। माली ने भी वैगनर से संपर्क किया है और माना जा रहा है कि उसके लड़ाके जल्द ही बुर्कीना फासो में मौजूद होंगे। अब चिंता जताई जा रही है कि कहीं नाइजर भी उनकी राह पर ना चल पड़े।
Pahal Today
ब्रिस्बेन। ऑस्ट्रेलियाई सेना का एक हेलीकॉप्टर क्वींसलैंड तट से दूर हैमिल्टन द्वीप पर जलक्षेत्र में उतरा गया, जिसके बाद से उसमें सवार चालक दल के चार सदस्य लापता हैं। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्ल्स ने बताया कि ‘एमआरएच-90 ताइपन हेलीकॉप्टर’ को शुक्रवार रात करीब साढ़े दस बजे हैमिल्टन द्वीप के पास आपात स्थिति में जलक्षेत्र में उतारा गया। अधिकारियों के मुताबिक, चालक दल के लापता सदस्यों की तलाश की जा रही है और उनके परिजनों को घटना के बारे में सूचना दे दी गई है। बचाव अभियान में शामिल एक हेलीकॉप्टर ने शनिवार सुबह विटसंडे द्वीप समूह में डेंट द्वीप के पास मलबा दिखाई देने की सूचना दी है। हेलीकॉप्टर ताइपन अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के द्विवार्षिक संयुक्त सैन्य अभ्यास में हिस्सा ले रहा था। ‘तलिस्मान सब्रे’ सैन्य अभ्यास अधिकतर क्वींसलैंड में होता है। इस वर्ष के अभ्यास में 13 देशों के 30,000 से अधिक जवान हिस्सा ले रहे हैं। मार्ल्स ने बताया कि हेलीकॉप्टर को आपात स्थित में जलक्षेत्र में उतारा गया। उन्होंने कहा, ‘‘रक्षा अभ्यास सैन्य बलों की तैयारियों के लिए बेहद अहम हैं। ये काफी मुश्किल होते हैं और इनमें काफी जोखिम भी होता है।’’ मार्ल्स के अनुसार, ‘‘हम अच्छी खबर की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन हम इस घटना की गंभीरता से भी अनजान नहीं हैं।’’ रक्षा बल के प्रमुख जनरल एंगस कैंपबेल ने बताया कि क्वींसलैंड राज्य के अधिकारी, जनता और अमेरिकी सैन्यकर्मी भी तलाश अभियान में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘इस वक्त हमारा पूरा ध्यान हमारे लोगों की तलाश करने और उनके परिवार व शेष टीम को सहयोग देने पर है।
धन की पेशकश कर अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के सदस्यों का धर्म परिवर्तन कराने के आरोप में गिरफ्तार पादरी महेंद्र कुमार की पत्नी सीमा को पुलिस ने हापुड़ से गिरफ्तार किया। एक पुलिस अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। इन्हीं आरोपों में इससे पहले बुधवार को पादरी महेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया गया था। मोदीनगर के अपर पुलिस आयुक्त (एसीपी) ज्ञान प्रकाश राय ने बताया कि पादरी और उसकी पत्नी 10 बैंक खाते संचालित कर रहे थे। पुलिस को जांच के दौरान उनके बैंक खातों में लाखों रुपये और डॉलर के लेन-देन का पता चला है। राय ने बताया कि पुलिस ने पादरी और उसकी पत्नी के पास से तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं और फोन के रिकॉर्ड की जांच कर रही है। अधिकारियों ने बताया कि उन्हें मुंबई और चेन्नई के एक-एक व्यक्ति के बारे में भी पता चला है, जो इस गिरोह का हिस्सा हैं। पादरी के खिलाफ कार्रवाई एक शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज होने के बाद शुरू की गई थी कि कुछ लोग मोदीनगर इलाके के गरीब लोगों पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव डाल रहे थे और उन्हें धन की पेशकश कर रहे थे। कुमार और कुछ अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ 23 जुलाई को मोदीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। मोदीनगर के एसीपी ने कहा था कि कुमार और उसकी पत्नी बेथलहम गॉस्पेल नाम से एक ट्रस्ट संचालित कर रहे थे और विदेशों से धन प्राप्त कर रहे थे जिसका इस्तेमाल गरीब लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए लालच देने के लिए किया जाता था। उन्होंने बताया था, ‘‘कुमार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और धर्मांतरण रोधी कानून की संबंधित धाराओं के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 2024 के लोकसभा चुनावों की तैयारी तेज करने के लिए आज अपनी नई टीम का ऐलान कर दिया। इस टीम में एक बार फिर डॉ. रमन सिंह और वसुंधरा राजे को उपाध्यक्ष बना कर भाजपा ने संकेत दिया है कि इस साल के अंत में होने वाले छत्तीसगढ़ और राजस्थान विधानसभा के चुनाव संभवतः नये नेतृत्व में लड़े जायेंगे। इसके संकेत इससे भी मिलते हैं कि झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को भी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर दी गयी है। हम आपको बता दें कि झारखंड में भाजपा अब नेतृत्व बाबूलाल मरांडी की सौंप चुकी है। इसके अलावा भाजपा की नई टीम में तेलंगाना में पार्टी अध्यक्ष पद से हाल ही में हटाये गये संजय बंदी और पूर्व रक्षा मंत्री तथा कांग्रेस नेता एके एंटनी के बेटे अनिल एंटनी का नाम भी शामिल है। हम आपको यह भी बता दें कि भाजपा अध्यक्ष पद पर नड्डा वैसे तो अपना तीन साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं लेकिन पिछले दिनों लोकसभा चुनाव तक उनका कार्यकाल बढ़ा दिया गया था। भाजपा आलाकमान ने हाल ही में कई दौर की मंथन बैठक भी की जिसमें नये लोगों को जिम्मेदारियां देने और कुछ पुराने लोगों की जिम्मेदारियों में फेरबदल का निर्णय लिया गया था। अब जो भाजपा की नई टीम आई है उसमें बहुत बड़ा बदलाव भले नहीं किया गया है लेकिन बड़े राजनीतिक संकेत जरूर दिये गये हैं। नई टीम के ऐलान के बाद यह भी साफ हो गया है कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में फिलहाल कोई फेरबदल नहीं होने जा रहा है। पहले इस बात की अटकलें थीं कि कुछ मंत्रियों को संगठन में भेजा जा सकता है लेकिन नई टीम में किसी केंद्रीय मंत्री का नाम शामिल नहीं है। हम आपको यह भी बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी मंत्रिपरिषद की बैठक भी की थी जिसमें उन्होंने सभी मंत्रियों से कामकाज तेज करने और चुनावों से पहले सभी वादे पूरे करने पर ध्यान लगाने को कहा था। जहां तक भाजपा की नई टीम की बात है तो आपको बता दें कि राष्ट्रीय पदाधिकारियों की नवगठित टीम में राष्ट्रीय उपाध्यक्षों में छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास, सौदान सिंह, बैजयंत पांडा, सांसद सरोज पाण्डेय, सांसद रेखा वर्मा, तेलंगाना से डी.के. अरुणा, नगालैंड से एम. चौबा एओ, केरल से अब्दुल्ला कुट्टी, सांसद लक्ष्मीकांत बाजपेई, छत्तीसगढ़ से लता उसेंडी, उत्तर प्रदेश विधान परिषद सदस्य तारिक मंसूर के नाम शामिल हैं। तारिक मंसूर अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति हैं। उनको बड़ी जिम्मेदारी मिलने से मुस्लिम समाज का बौद्धिक वर्ग भी भाजपा के साथ जुड़ सकता है। इसके अलावा, राष्ट्रीय महासचिवों की सूची में सांसद अरुण सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, दुष्यंत कुमार गौतम, तरुण चुग, विनोद तावड़े, सुनील बंसल, तेलंगाना के पूर्व भाजपा अध्यक्ष संजय बंदी और राधामोहन अग्रवाल के नाम शामिल हैं। इसके अलावा, संगठन महासचिव के रूप में पहले की तरह बीएल संतोष कामकाज देखते रहेंगे। उनके साथ शिवप्रकाश राष्ट्रीय सह-संगठन मंत्री का दायित्व संभालेंगे। पार्टी के कोषाध्यक्ष का पद राजेश अग्रवाल और सह-कोषाध्यक्ष का दायित्व उत्तराखंड के पार्टी नेता नरेश बंसल देखेंगे।
हैदराबाद: सिंचाई क्षेत्र में तेलंगाना के मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव की जीत की सराहना करते हुए, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि केसीआर ने उनके राज्य में कृषि क्षेत्र के हर हिस्से में सिंचाई के पानी की आपूर्ति करके सिंचाई के क्षेत्र में अविश्वसनीय उपलब्धि हासिल की है। केजरीवाल ने ज़ी नेशनल अचीवर्स अवार्ड्स में अपने संबोधन के दौरान तेलंगाना राज्य में कांति वेलुगु पहल को लागू करने में केसीआर और उनके अभिनव विचारों की सराहना की। अरविंद केजरीवाल ने कहा, “मुख्यमंत्री केसीआर ने अपने राज्य तेलंगाना में सभी कृषि क्षेत्रों में पानी उपलब्ध कराकर सिंचाई के क्षेत्र में शानदार काम किया है। जब मैं हाल ही में एक प्रमुख कार्यक्रम के लिए खम्मम में था, तो मुझे पता चला कि उनकी सरकार ने 4 करोड़ लोगों को मुफ्त आंखों की जांच प्रदान की है।” उन्होंने हर उस व्यक्ति को मुफ्त चश्में दिए, जिन्हें उनकी आवश्यकता थी, आवश्यकतानुसार आंखों की प्रक्रियाएं कीं और बीमारियों के अनुसार विशिष्ट नेत्र उपचार प्रदान किए, वह भी बहुत कम कीमत पर। केसीआर सरकार ने अपने राज्य में जो कुछ भी किया वह अविश्वसनीय है। मेरा मानना है कि हम सभी को तेलंगाना राज्य की सर्वोत्तम प्रथाओं से सीखना चाहिए। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने टिप्पणी की “केवल एक-दूसरे की आलोचना करने के बजाय, हमें इस देश में हर किसी से सीखना चाहिए, न कि केवल उनकी सरकार से। सिस्टम में कुछ गंभीर रूप से गलत है जब यह उन लोगों की आलोचना करता है जो अच्छा करने का प्रयास कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित करने के बजाय। हमारा सिस्टम प्रोत्साहित भी नहीं करता है एक स्टार्ट-अप उद्यमी, जो कुछ करने की कोशिश कर रहा है, चाहे वे राजनेता हों, व्यापारी हों या उद्यमी हों, और हमें सिस्टम में इस नकारात्मकता को बदलने की जरूरत है।
तमिलनाडु पुलिस ने शनिवार को राजनीतिक विश्लेषक और लेखक बद्री शेषाद्री को यूट्यूब पर एक साक्षात्कार के दौरान मणिपुर हिंसा और भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई चंद्रचूड़ पर उनकी कथित ‘भड़काऊ’ टिप्पणी के लिए गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक शेषाद्रि को धारा 153, 153A और 505(1)(B) के तहत गिरफ्तार किया गया है। इंटरव्यू में शेषाद्रि ने कहा, “सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर आप (सरकार) कुछ नहीं कर सकते, तो हम (कोर्ट) करेंगे। आइए चंद्रचूड़ को बंदूक दें और उन्हें वहां भेजें। देखते हैं कि क्या वह शांति बहाल कर सकते हैं।” आगे शेषाद्रि ने कहा था, “यह एक पहाड़ी और जटिल क्षेत्र है और वहां हत्याएं होंगी। हम हिंसा होने से नहीं रोक सकते।” इंडिया टुडे द्वारा प्राप्त प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) के विवरण में कहा गया है कि शेषाद्रि के खिलाफ शिकायत वकील कवियारासु द्वारा दायर की गई थी। शिकायत में वकील ने कहा कि उन्होंने 22 जुलाई को यूट्यूब इंटरव्यू क्लिप देखी, जिसमें शेषाद्रि ने सुप्रीम कोर्ट और सीजेआई चंद्रचूड़ की आलोचना की थी। इस बीच, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अन्नामलाई ने शेषाद्रि की गिरफ्तारी की निंदा की और कहा कि द्रमुक सरकार केवल गिरफ्तारी पर भरोसा कर रही है। अन्नामलाई ने ट्वीट किया “तमिलनाडु भाजपा आज सुबह तमिलनाडु पुलिस द्वारा प्रसिद्ध प्रकाशक और मंच वक्ता बद्री शेषाद्रि की गिरफ्तारी की कड़ी निंदा करती है। यह भ्रष्ट द्रमुक सरकार आम लोगों के विचारों को संबोधित करने की शक्ति के बिना केवल गिरफ्तारी पर भरोसा कर रही है। क्या तमिलनाडु पुलिस की है?” काम केवल भ्रष्ट द्रमुक सरकार के बदले के कदमों को लागू करना है?”
लखनऊ। यूपी की माटी से निकले वीरों का वंदन कर योगी सरकार युवाओं को महापुरुषों की वीरता का दीदार कराएगी। ‘मेरी माटी, मेरा देश’ कार्यक्रम के तहत योगी सरकार स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) को पंचायत व स्थानीय निकाय स्तर पर विविध आयोजन कराएगी। शहीदों के परिजनों का सम्मान कर जहां उनकी वीर गाथा से युवा फिर अवगत होंगे, वहीं वृक्षारोपण अभियान-2023 के तहत सभी ग्राम पंचायतों में एक स्थान चिह्नित कर 75 पौधरोपण कर अमृत वाटिका विकसित की जाएगी। आजादी के अमृत महोत्सव वर्ष के तहत योगी सरकार इस आयोजन को अद्वितीय व अविस्मरणीय बनाएगी। वृक्षारोपण अभियान-2023 से यूपी में हरियाली भी लाएगी योगी सरकार योगी सरकार ने वृक्षारोपण अभियान-2023 के तहत 22 जुलाई व 15 अगस्त को कुल 35 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें से 22 जुलाई को 30 करोड़ से अधिक पौधे लगाकर योगी सरकार ने इतिहास बनाया। अब 15 अगस्त को भी वसुधा वंदन के तहत सभी 57702 ग्राम पंचायतों में एक स्थान चिह्नित कर स्वदेशी प्रजाति के 75 पौधों का रोपण कर अमृत वाटिका विकसित की जाएगी। देश व प्रदेश के सभी हिस्सों से एकत्र की गई मिट्टी को अमृत वाटिका विकसित करने के लिए उपयोग किया जाएगा। वीरों का वंदन व राष्ट्र के प्रति दायित्वों का निर्वहन भी कराएगी यूपी सरकार 15 अगस्त को ही योगी सरकार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों, थल सेना, वायु सेना, केंद्रीय पुलिस बल व राज्य पुलिस के शहीदों के परिजनों का सम्मान भी करेगी। साथ ही कार्यक्रम स्थल पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर राष्ट्रगान भी कराया जाएगा। राष्ट्रधुन का वादन पुलिस-पीएसी-विद्यालयों के बैंड व अन्य स्थानीय बैंड के जरिए होगा। इसका उद्देश्य है कि वर्तमान व भावी पीढ़ी अपने आसपास, शहर, प्रदेश व देश के वीर जवानों की गाथाओं से परिचित हो। इसके साथ ही 15 अगस्त को समस्त 57702 ग्राम पंचायतों व 493 नगर पंचायतों में माटी कलश तैयार करने की योजना है। स्वतंत्रता दिवस पर स्थानीय कलाकारों की ओर से राष्ट्रभक्ति से ओतप्रोत सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होंगे। ग्राम विकास अधिकारी, पंचायत सचिव व लेखपाल होंगे समन्वयक पंचायत व स्थानीय निकाय स्तर पर इस आयोजन के लिए खंड विकास अधिकारी व अधिशासी अधिकारी द्वारा मनोनीत किए गए ग्राम विकास अधिकारी-पंचायत सचिव-लेखपाल व सफाई निरीक्षक इन कार्यक्रमों के समन्वयक होंगे। कार्यक्रम में ग्राम प्रधान, ग्राम स्तरीय कर्मचारी, कोटेदार की उपस्थिति अनिवार्य रूप से होगी। साथ ही ग्राम पंचायत व ग्राम सभी के सदस्यों से भी उपस्थित रहने का निवेदन किया गया है। सरकार की मंशा है कि स्वतंत्रता दिवस पर होने वाले आयोजनों में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों, पुलिस व सेना के शहीदों के परिजनों व अन्य विशिष्ट जनों की उपस्थिति इस कार्यक्रम में रहे। कार्यक्रम में समाज के अन्य लोगों के साथ स्वयं सहायता समूह, आंगनबाड़ी, आशा बहुएं, स्वच्छाग्राही, ग्राम सेवक, रोजगार सेवक, जिलेदार, ट्यूबवेल ऑपरेटर आदि का भी सहयोग लिया जाएगा।
मुंबई। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ‘उमेद’ अभियान के तहत महिला स्वयं सहायता समूहों को दी जाने वाली कार्यशील पूंजी (रिवॉल्विंग फंड) को दोगुना कर 30 हजार रुपये हर समुहो को देने की बड़ी घोषणा की। साथ ही समूह मे काम रहे कर्मचारी, विशेषज्ञ व्यक्तीयों के मानधन मे भी बढोतरी करने की घोषना आज विधानसभा सत्र में की। देश के विकास में महिलाओं की अहम भूमिका है। अपने बयान में मुख्यमंत्री का कहा, महाराष्ट्र राज्य ग्रामीण जीवनोन्नति अभियान के तहत स्वयं सहायता समूहों को प्रति समूह 15,000 रुपये का कार्यशील पूंजी दी जाती है। इसे बढ़ाकर प्रत्येक समूह के लिए 30 हजार रुपये दिये जाएगे। इस बढ़ोतरी के लिये राज्य सरकार 913 करोड़ रुपये का अतिरिक्त प्रावधान करेंगी। सैलरी में भी दोगुनी बढ़ोतरी स्वयं सहायता समूहों को दैनिक मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए कुल 46 हजार 956 सामुदायिक विशेषज्ञ व्यक्ति (सीआरपी) ग्राम स्तर पर काम कर रहे हैं। इन्हें 3 हजार रुपये प्रति माह मानधन दिया जाता है। सहकारी आंदोलन में उनके योगदान और मांग को देखते हुए उनका पारिश्रमिक बढ़ाकर 6 हजार रुपये प्रति माह किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इसके लिए 163 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने की भी घोषणा की। इस अभियान में राज्य स्तर से लेकर क्लस्टर(सामूहिक) स्तर तक एक स्वतंत्र, समर्पित और संवेदनशील व्यवस्था बनायी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में अभियान के तहत कुल 2741 संविदा कर्मचारी काम कर रहे हैं और उनके पारिश्रमिक में 20 प्रतिशत की वृद्धि की जाएगी और उनकी अन्य मांगें भी मान ली गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार भविष्य में स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं द्वारा उत्पादित उत्पादों के लिए मूल्य संवर्धन, गुणवत्ता बढ़ाने, आधुनिक पैकेजिंग और ब्रांडिंग को बढ़ावा देने और उत्पादों को उचित बाजार स्थान दिलाने जैसी गतिविधियों को लागू करके ग्रामीण महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए भी प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूली विद्यार्थियों के लिए गणवेश भी महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से उपलब्ध करायी जायेगी। बैंक ऋण का नियमित पुनर्भुगतान मुख्यमंत्री ने अपने बयान में कहा कि, ‘उमेद’ अभियान के तहत अब तक लगभग 6 लाख स्वयं सहायता समूह स्थापित किए जा चुके हैं, जिनमें 60 लाख से अधिक महिलाएं शामिल हैं. इसके अलावा 30 हजार 854 ग्राम संघ और 1 हजार 788 प्रभाग (वार्ड) संघ हैं। इन महिलाओं को आय उत्पन्न करने के लिए उमेद अभियान के और बँक की ओर से वित्तीय सहायता भी प्रदान की जाती है। स्वयं सहायता समूहों के गठन के 3 महीने बाद, उन्हें आंतरिक ऋण लेनदेन के वित्तपोषण के लिए 10,000 से 15,000 रुपये तक की कार्यशील (रिवॉल्विंग)निधि वितरित की जाती है। अब तक 3 लाख 91 हजार 476 समूहों को रुपये मिल चुके हैं। 584 करोड़ का रिवॉल्विंग फंड दिया गया है। साथ ही अब तक 80 हजार 348 समूहों को 577 करोड़ रूपये की सामुदायिक निवेश निधि दी जा चुकी है। राज्य में अब तक 4.75 लाख एस.एच.जी. को रुपये वितरित किये जा चुके हैं। 19 हजार 771 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया गया है। इसमें 2022-23 इस एक वर्ष में 2 लाख 38 हजार 368 स्वयं सहायता समूहों को रु. 5 हजार 860 करोड़ का बैंक लोन दिया गया है। अभियान के तहत 96% बैंक ऋण समय पर चुकाए जा रहे हैं और वर्तमान में अकार्यक्षम मालमत्ता (Non-Performing...
विपक्षी गठबंधन – भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन (INDIA) के 16 दलों के 20 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल 29 और 30 जुलाई को मणिपुर का दौरा करेगा। नेता हिंसा प्रभावित राज्य में जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे। 20 नेताओं के प्रतिनिधिमंडल में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी, गौरव गोगोई, फूलो देवी नेताम, के सुरेश, टीएमसी से सुष्मिता देव, आप से सुशील गुप्ता, शिवसेना (यूबीटी) से अरविंद सावंत, डीएमके से कनिमोझी करुणानिधि, जेडीयू नेता राजीव रंजन सिंह और अनिल प्रसाद हेगड़े, संदोश कुमार (सीपीआई), एए रहीम (सीपीआईएम), मनोज कुमार झा (आरजेडी), जावेद अली खान (समाजवादी पार्टी), महुआ माजी (जेएमएम), पीपी मोहम्मद फैजल (एनसीपी), ईटी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एनके प्रेमचंद्रन (आरएसपी), डी रविकुमार (वीसीके), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके) ) और जयंत सिंह (आरएलडी) शामिल हुए। अधीर रंजन चौधरी ने कहा, हम वहां राजनीतिक मुद्दे उठाने नहीं बल्कि मणिपुर के लोगों का दर्द समझने जा रहे हैं। उन्होंने विस्तार से बताया हम सरकार से मणिपुर में उभरी संवेदनशील स्थिति का समाधान खोजने की अपील कर रहे हैं। यह कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं है, बल्कि वहां सांप्रदायिक हिंसा है। इसका असर उसके पड़ोसी राज्यों पर भी पड़ रहा है। सरकार ने इसे पूरा नहीं किया है। यह जिम्मेदारी है। हम मणिपुर में जमीनी स्तर पर वास्तविक स्थिति का आकलन करने जा रहे हैं। सांसद नसीर हुसैन के मुताबिक, भारतीय सांसद शनिवार सुबह दिल्ली से रवाना होंगे और दोपहर तक इंफाल पहुंचेंगे। वे राज्य के पहाड़ी इलाकों और घाटी के हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे। कांग्रेस नेता ने कहा प्रतिनिधिमंडल रविवार को मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से भी मुलाकात करेगा। हुसैन के मुताबिक, सांसद अपने निष्कर्षों पर संसद में चर्चा करना चाहते हैं। हालांकि, अगर संसद में चर्चा की अनुमति नहीं दी गई, तो सांसद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। हुसैन ने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार संसद के मौजूदा मानसून सत्र में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की अनुमति नहीं देने के लिए ”जिद्दी” है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की और कहा कि मणिपुर में गंभीर हिंसा, महिलाओं के साथ बलात्कार और “जातीय सफाया” हुआ है लेकिन प्रधानमंत्री के पास राज्य के लिए “समय नहीं है”। नसीर हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री के पास मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे चुनावी राज्यों का दौरा करने का समय है जहां वह विपक्षी नेताओं के खिलाफ बोलते हैं, लेकिन मणिपुर के लोगों के लिए उनके पास कोई शब्द नहीं हैं। कांग्रेस सांसद ने कहा कि मणिपुर में एक प्रतिनिधिमंडल भेजने के विपक्ष के फैसले से संसद से राज्य के प्रभावित लोगों को संदेश जाएगा कि उनकी दुर्दशा को लेकर चिंता है। विपक्ष जातीय संघर्षग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर संसद में प्रधानमंत्री के बयान और उसके बाद इस पर पूर्ण चर्चा की मांग कर रहा है। पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की चपेट में है, जिसमें 160 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ विपक्ष अविश्वास प्रस्ताव लेकर...