उपायुक्त उद्योग जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केंद्र मऊ राजेश रोमन ने बताया कि प्रदेश के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र के स्थानीय दस्तकारों तथा पारम्परिक कारीगरों के विकास हेतु विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना वर्ष 2024-25 के संचालित किये जाने का निर्णय लिया गया है इस योजना के अन्तर्गत जनपद मऊ के परम्परागत दस्तकारों जैसे- बढ़ई, दर्जी, कुम्हार, लोहार, नाई, हलवाई, टोकरीबुनकर एवं राजमिस्त्री हस्तशिल्पियों के आजीविका के साधनों को सुदृढ़ीकरण हेतु कारिगरों को कौशल वृद्धि हेतु प्रशिक्षण देकर दक्ष बनाया जाना है। प्रशिक्षण अवधि का मानदेय देय है तथा प्रशिक्षण के पश्चात सभी प्रशिक्षार्थियों को उन्नत प्रकार के टूलकिट प्रदान किये जायेंगे।
इसके अलावा उन्होंने बताया कि आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष होनी चाहिए। आवेदक को पारम्परिक, बढ़ई, दर्जी, कुम्हार, लोहार, नाई, हलवाई, टोकरी बुनकर एवं राजमिस्त्री हस्तशिल्पी आदि व्यवसाय से जुड़ा होना चाहिए। एक परिवार का एक सदस्य ही योजनान्तर्गत आवेदन हेतु पात्र होगा। योजनान्तर्गत पात्रता हेतु जाति एक मात्र आधार नहीं होगा। परम्परागत कारिगरी से जुड़े होने के प्रमाण के रूप में ग्राम प्रधान, अध्यक्ष नगर पंचायत अथवा नगर पालिका/नगर निगम के सम्बन्धित वार्ड के सदस्य द्वारा निर्गत किया गया प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा।
आवेदन-पत्र केवल वेबसाईड www.diupmsme.upsdc.gov.in पर आनलाईन भरा जायेगा। उन्होंने यह भी बताया कि आवेदन करने की अन्तिम तिथि 29 जून 2024 सांय 5:00 बजे तक है। अधिक जानकारी हेतु कार्यालय-जिला उद्योग प्रोत्साहन तथा उद्यमिता विकास केन्द्र, मऊ में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क किया जा सकता है।