October 23, 2024
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उरई। ग्रीष्म ऋतु आते ही सूर्य देव अपना पूरा प्रभाव दिखने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे जिसकी वजह से दिन प्रतिदिन टेंपरेचर बढ़ता ही जा रहा है। ऐसे में पशु पक्षी एवं बुद्धिजीवी मनुष्य भी बेहाल दिखाई दे रहा है। साथ ही जब नौतपा का प्रभाव चल रहा हो तो ऐसे में कई बेजुबान जानवर एवं पक्षियों सहित मनुष्यों की मौत भी होना प्रारंभ हो जाती है। इसके अलावा शरीर को जुंझला देने वाली तीव्र सूर्य की गर्मी न जाने कितनी चर्म रोगों को जन्म देती है जिसके लिए आमतौर पर सभी इस प्रभाव से बचने के लिए कोई न कोई उपाय जरूर करता है लेकिन इस सुंदर जीवन एवं प्रकृति को देखने के लिए अपने नेत्रों की सुरक्षा करना भूल जाता है ऐसे में हम सभी को चाहिए कि चेहरे एवं शरीर की सुंदरता के साथ-साथ अपने नेत्रों की भी सुरक्षा अवश्य करें।
इस संबंध में जनपद जालौन के जिला नेत्र चिकित्सालय में तैनात वरिष्ठ परामर्शदाता एवं नेत्र सर्जन डॉ ताहिर खान से खास मुलाकात कर ऐसे मौसम में अपने नेत्रों की सुरक्षा के संबंध में ख़ास बातचीत की। इस दौरान डॉक्टर ताहिर खान ने बताया कि जिस प्रकार हम सभी अपने शरीर की सुंदरता को बचाने के लिए हर प्रकार की कोशिश करते हैं ठीक उसी प्रकार कुछ बातों को ध्यान में रखते हुए हम अपने नेत्रों को भी साफ एवं स्वच्छ एवं दूषित वातावरण से प्रभावित होने से बचा सकते हैं। इस संबंध में उन्होंने बताया कि गर्मी और लू में स्किन के साथ-साथ आंखों की भी खास देखभाल की जरूरत होती है ऐसे मौसम में आंखों पर धूप और प्रदूषण का बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे आंख से संबंधित कई तरह की समस्याएं होने लगती है। जिसमें से लोगों के आंखों में जलन, आंखें लाल होना, आंखों से पानी आने की समस्या सबसे ज्यादा परेशान करती है। इसके अलावा आंखों में ड्राइनेस की भी समस्या खूब देखने को मिलती है। इसलिए इन समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है कि हम अपनी आंखों का खास ख्याल रखें। इसके लिए गर्मी से आंखों में होने वाली बीमारी एवं नुकसान से बचने के लिए लोगों को तेज धूप के सीधे संपर्क में नहीं आना चाहिए और खासकर वह लोग जिन्होंने हाल ही में कॉर्निया का ऑपरेशन कराया है उन्हें धूप से बचने की ज्यादा आवश्यकता है। इस दौरान डॉक्टर ताहिर ने बताया कि घर से जब भी बाहर निकलें तो धूप वाले चश्मे पहनकर निकले, पानी का प्रचुर मात्रा में प्रयोग करें और बाहर से लौटने पर आंखों को साफ सादा पानी से धोना भी लाभकारी रहेगा एवं जलन या लाल आंखें होने पर बर्फ को सूती कपड़े में लपेटकर पलकों के ऊपर सिकाई करें। जिससे आंखों को लाभ मिलेगा और यदि समस्या ज्यादा समझ में आए तो अपने निकटतम नेत्र चिकित्सक से सलाह लेकर ही दवाइयां का प्रयोग करें।

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