आईआरसीटीसी के वेबसाइट के सर्वर की फूल रहीं सांसें, खामियाजा भुगत रहे यात्री, एजेंट उठा रहे फायदा
लखनऊ
आईआरसीटीसी की वेबसाइट के ठीक तरह से काम न करने से यात्रियों को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर से टिकट बनाने वाले ज्यादा पैसे लेकर फायदा उठा रहे हैं।
उदयगंज निवासी पवन यादव को लखनऊ से नई दिल्ली के लिए लखनऊ मेल में थर्ड एसी का टिकट बनवाना था। वह पिछले तीन दिनों से आईआरसीटीसी एप पर प्रयास कर रहे थे, लेकिन टिकट नहीं बना। बुधवार को उन्होंने तत्काल कोटे में प्रयास किया, लेकिन सुस्त सर्वर ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। थक-हारकर उन्होंने रोडवेज बस का सहारा लिया और दिल्ली रवाना हो गए।
आईआरसीटीसी वेबसाइट के सर्वर की सांसें पिछले तीन दिनों से फूल रही हैं। इसका खामियाजा पवन यादव जैसे लखनऊ के सैकड़ों यात्री रोजाना भुगत रहे हैं। अफसर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। वहीं, सर्वर के ठप होने का फायदा प्रतिबंधित सॉफ्टवेयर से टिकट बनाने वाले एजेंट उठा रहे हैं।
रेनु शुक्ल पुराना किला में रहती हैं। वह एक निजी कंपनी में काम करती हैं। उन्हें मुम्बई जाना था। बुधवार को उन्होंने तत्काल कोटे में टिकट का प्रयास किया लेकिन सुस्त सर्वर ने उन्हें धोखा दे दिया। बैंक से पैसा भी कट गया, सो अलग। रेनु ने बताया कि चारबाग स्थित गुरुनानक मार्केट में एक टिकट एजेंट से उन्होंने संपर्क किया, जिसने कन्फर्म टिकट बनाकर दिया। इसके एवज में उनसे तीन हजार रुपये अतिरिक्त लिए। आईआरसीटीसी वेबसाइट, सर्वर ठप होने का फायदा ऐसे ही एजेंट उठा रहे हैं। रेलवे को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है और यात्रियों को लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
139 पूछताछ सेवा कर रही टाइमपास
जीपीओ से सेवानिवृत्त हुए आरके पांडेय दून एक्सप्रेस से ऋषिकेश गए थे। वह बताते हैं कि ट्रेन 30 घंटे लेट थी। उन्होंने दर्जनों बार नेशनल ट्रेन इंक्वायरी सिस्टम (एनटीईएस) पर डिटेल तलाशी, पर उन्हें हताश होना पड़ा। 139 पर कॉल किया, तो वहां से भी निराशा हाथ लगी। कॉल रिसीव करने वाले आपस में बतियाते रहे। इतना ही नहीं 139 पर मैसेज करने के बाद भी उन्हें ट्रेन की सही जानकारी नहीं मिल सकी।
दो हफ्ते में दर्ज हुईं 1450 शिकायतें
उत्तर व पूर्वोत्तर रेलवे की ट्रेनों से यात्रा करने वालों को कन्फर्म टिकट नहीं मिल रहे हैं। वहीं, एप से टिकट बुक करने में पसीने छूट रहे हैं। आईआरसीटसी टिकट बुकिंग एप, एनटीईएस व पूछताछ सेवा से जुड़ी 1450 से अधिक शिकायतें पिछले 15 दिन में दर्ज हुई हैं, जिसका निस्तारण नहीं हुआ।