यूपी की झोली भरेगा विश्वकप: ऑनलाइन गेमिंग में प्रदेश नंबर वन, विश्वकप के दौरान 1,800 करोड़ के लगेंगे दांव
लखनऊ
ऑनलाइन गेमिंग रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑनलाइन गेमिंग में नंबर वन यूपी में लखनऊ, कानपुर वाराणसी, गाजियाबाद और इलाहाबाद में खिलाड़ियों की हिस्सेदारी 36 फीसदी है।
देश में ऑनलाइन गेम खेलने में उत्तर प्रदेश नंबर वन है। विश्वकप के सीजन ने इस बुखार को और बढ़ा दिया है। एक अक्तूबर से ऑनलाइन गेमिंग पर प्रदेश में 28 फीसदी जीएसटी लग गया है। अकेले यूपी में ही खेलों पर इस साल 6,000 करोड़ रुपये के दांव लगने का अनुमान है। इनमें से 1,800 करोड़ रुपये तो सिर्फ विश्वकप सीजन में लगाए जाने का अनुमान है। गेमिंग उद्योग से राज्यकर विभाग को करीब 1,700 करोड़ रुपये राजस्व मिलने की उम्मीद है, जो पहली बार होगा।
प्रदेश में एक अक्तूबर, 2023 से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, लॉटरी और घुड़सवारी पर 28 फीसदी जीएसटी लागू हो गया है। इसी महीने विश्वकप क्रिकेट का आगाज भी हो गया है। देश से बाहर स्थित कोई भी कंपनी अगर धन लेकर किसी को ऑनलाइन गेम खेलने की सुविधा दे रही है तो भी टैक्स लगेगा। जीएसटी केवल इंट्री लेवल पर लगेगा। यानी पहला दांव लगाने के लिए जमा की गई रकम पर टैक्स देना होगा। दांव जीतने पर बढ़ी हुई राशि से खेलने पर टैक्स नहीं देना पड़ेगा।
ऑनलाइन गेमिंग रिपोर्ट के मुताबिक देश में ऑनलाइन गेमिंग में नंबर वन यूपी में लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गाजियाबाद और इलाहाबाद में खिलाड़ियों की हिस्सेदारी 36 फीसदी है। इनमें लखनऊ नंबर वन है। वहीं, देश में दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र, तीसरे पर राजस्थान, चौथे पर बिहार और पांचवें पर पश्चिम बंगाल है।
20 एप व वेबसाइटरों की हो रही सूक्ष्म निगरानी
प्रदेश में 28 फीसदी जीएसटी का अध्यादेश लागू होने के बाद राज्यकर विभाग ने लगभग 20 से अधिक ऑनलाइन गेमिंग एप व वेबसाइटों पर सूक्ष्म निगरानी रखनी शुरू कर दी है। एक-एक एप व वेबसाइट का डाटा तैयार किया जा रहा है। विश्वकप को देखते हुए सर्वाधिक दांव क्रिकेट से जुड़े ऑनलाइन खेलों में लगेगा। विभाग की नजर केवल बड़े शहरों पर ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों पर भी है।
खिलाड़ियों ने ऑनलाइन गेम में कमाए 70 हजार करोड़ रुपये
गेमिंग उद्योग सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक है। वर्ष 2022 तक देश में गेमिंग बाजार 260 करोड़ डॉलर तक हो गया था, जो वर्ष 2027 तक 860 करोड़ डॉलर तक पहुंच जाएगा। देश में इस वर्ष करीब 45 करोड़ ऑनलाइन खिलाड़ी हो जाएंगे। जबकि पिछले वर्ष इनकी संख्या लगभग 42 करोड़ थीं। 20 एप व वेबसाइटों से जुड़े इन खिलाड़ियों ने पिछले तीन साल में लगभग 70 हजार करोड़ रुपये की कमाई की है। ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म मोबाइल प्रीमियर लीग (एमपीएल) के मुताबिक भारत 1,500 करोड़ बार एप डाउनलोड करके दुनिया में मोबाइल गेम्स का सबसे बड़ा उपभोक्ता बन चुका है।