माता-पिता का ख्याल न रखने पर संपत्ति से होंगे बेदखल, नियमावली में संशोधन पर लग सकती है मुहर
लखनऊ
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें माता-पिता भरण पोषण नियमावली में संशोधन के लिए बिंदु 22 पर कुछ और उप नियम जोड़े जाएंगे। इसके तहत एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्युनल को यह अधिकार होगा कि वह माता-पिता का ध्यान न रखने वाले बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल
बुजुर्ग माता-पिता का ख्याल न रखने वाली संतान संपत्ति से बेदखल हो सकती है। इसके लिए उत्तर प्रदेश माता-पिता भरण-पोषण एवं कल्याण नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव पर मंगलवार को कैबिनेट की बैठक में मुहर लग सकती है। इसके अलावा 19 शहरों में पीएमई ई-बस सेवा शुरू करने समेत कई महत्वपूर्ण प्रस्ताव भी कैबिनेट के सामने रखे जाने की उम्मीद है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को कैबिनेट की बैठक होगी। इसमें माता-पिता भरण पोषण नियमावली में संशोधन के लिए बिंदु 22 पर कुछ और उप नियम जोड़े जाएंगे। इसके तहत एसडीएम की अध्यक्षता में गठित ट्रिब्युनल को यह अधिकार होगा कि वह माता-पिता का ध्यान न रखने वाले बच्चों को उनकी संपत्ति से बेदखल कर सकें। इस फैसले को लागू करवाने की जिम्मेदारी भी एसडीएम की होगी, जिसमें पुलिस भी मदद करेगी। फैसले के खिलाफ अपील डीएम की अध्यक्षता में गठित अधिकरण में की जा सकेगी।
प्रदेश सरकार 17 नगर निगमों समेत 19 शहरों में ई-बसें चलाने जा रही है। ये बसें पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत चलाई जाएंगी। नगर विकास विभाग के इस प्रस्ताव पर भी कैबिनेट से मंजूरी दी जा सकती है। प्रस्ताव के मुताबिक, शहरों में 150-150, मध्यम शहरों में 100-100 और छोटे शहरों में 50-50 बसें चलाए जाने की योजना है। इसके अलावा शहरी क्षेत्रों में सड़क निर्माण से संबंधित सीएम ग्रिड योजना के नाम से नई योजना को भी मंजूरी दी जा सकती है। इसके अलावा सहकारी गन्ना समितियों और धान-गेहूं खरीद के लिए सहकारी समितियों को सरकारी बैंक गारंटी के प्रस्तावों को भी स्वीकृति मिल सकती है। प्रदेश में बन रहे एक्सप्रेस-वे के किनारे औद्योगिक गलियारों के विकास तथा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे व गंगा एक्सप्रेस-वे को आगे बढ़ाने से संबंधित प्रस्तावों को भी मंजूरी मिल सकती है।
सड़क दुर्घटना में मृत्यु पर मिलेगा पांच लाख रुपये मुआवजा
सड़क दुर्घटना में यात्रियों की मृत्यु होने पर आश्रितों को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। बशर्ते दुर्घटना में उस वाहन चालक की गलती साबित न हो जिसमें यात्री यात्रा कर रहे थे। परिवहन विभाग की ओर से सड़क दुर्घटना जांच योजना लागू की जा रही है। मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में इसका प्रस्ताव मंजूर हो सकता है।
प्रदेश में हर साल हजारों सड़क दुर्घटना होती है। सड़क दुर्घटनाओं में करीब 20 हजार से अधिक लोगों की मृत्यु होती है। विभाग ने सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर पांच लाख रुपये मुआवजा देने की योजना तैयार की है। मुआवजा देने से पहले दुर्घटना की जांच की जाएगी। जांच में यदि यह स्पष्ट हुआ है कि मृतक यात्री जिस वाहन में सवार थे, दुर्घटना में उस वाहन चालक की गलती नहीं थी तब ही मुआवजा दिया जाएगा।