November 22, 2024

लोकसभा चुनाव 2024 में अब कुछ ही समय बाकी रह गया है। ऐसे में सभी दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। सीटों के हिसाब से बिहार को चुनाव में अहम राज्य माना जाता रहा है। यहां लोकसभा की कुल 40 सीटें हैं जिनपर भाजपा, जदयू और राजद का दबदबा रहता है। उम्मीद की जा रही है कि जदयू और राजद इस बार इंडिया अलायंस के तहत साथ चुनाव लड़ेंगे। इस बीच भाजपा ने बिहार में लव-कुश रथ यात्रा की शुरुआत की है। आपको बता दें कि ओबीसी जातियां कुर्मी और कोइरी को बिहार में लव-कुश समाज कहा जाता है जो कि नीतीश कुमार के वफादार वोटर माने जाते हैं। ये यात्रा शुरू तो राम मंदिर के नाम पर हुई है लेकिन इसके राजनीतिक महत्व भी निकाले जा रहे हैं। जानकार लोगों का कहना है कि यह केवल यात्रा ही नहीं नीतीश को उसी के घर में घेरने की तैयारी है ।

जैसा कि आपको पहले बताया घेरने की तैयारी भाजपा ने बिहार में निकली जा रही लव-कुश रथ यात्रा से कर दी है ।  भाजपा की बिहार इकाई के अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने मंगलवार को लव-कुश रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाई है। ये यात्रा अयोध्या पहुंचने से पहले बिहार के सभी 38 जिलों से होकर गुजरेगी। इस रथ यात्रा का पडाव माता सीता की जन्म स्थली सीतामढी के पुनौरा धाम और बक्सर में विश्वामित्र आश्रम जैसे रामायण से जुड़े स्थानों पर निर्धारित किया गया है।

भगवान राम और देवी सीता के पुत्रों के नाम पर निकाली गई लव-कुश रथ यात्रा को भाजपा द्वारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू के मूल आधार यानी लव-कुश समाज में सेंध लगाने के ही एक प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। बिहार में ओबीसी जातियां कुर्मी और कोइरी को यहां की राजनीतिक शब्दावली में लव-कुश कहा जाता रहा है जो नीतीश कुमार के कोर वोटर माने जाते हैं।

गौरतलब है कि नीतीश कुमार का लवकुश वोट से  सेंधमारी तो उसी दिन से शुरू हो गई थी जिस दिन नीतीश कुमार ने राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के साथ सरकार बनाई। एक हद तक इसका प्रभाव तो तीन विधान सभा के लिए हुए उपचुनाव में दिखा भी था। अब इस वोट को पूरी तरह कंट्रोल में लेने लिए भाजपा ने सम्राट चौधरी को प्रदेश अध्यक्ष बनाया और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एनडीए का घटक दल बनाया। अब भाजपा इस रथ के सहारे सभी जिलों की यात्रा कर 40 लोकसभा सीटों पर अपनी मजबूत स्थिति दिखलाएगी। कहानी अभी बाकी है। यह लवकुश रथ राज्य के सभी जिलों से होते हुए अयोध्या पहुंचेगी।

भाजपा अयोध्या मंदिर के उद्घाटन के पहले बिहार को राममय करने की रणनीति के तहत लवकुश रथ के सहारे सबके सिया, सबके राम स्लोगन के साथ अपने वोट बैंक को आक्रामक बनाएगी। साथ ही साथ नए वोट बैंक भी तैयार करेगी। वैसे भाजपा का मूल निशाना नीतीश कुमार के वोट बैंक को साधना है।भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी के करीबी और प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष सरोज रंजन पटेल इस लवकुश रथ के मुख्य सारथी बनेंगे। पटेल एक खास रणनीति के तहत कहते भी हैं कि 500 साल के लंबे संघर्ष और कई लोगों के बलिदान के बाद भगवान राम भव्य मंदिर में पहुंच रहे हैं। आज लव-कुश समाज कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए इस रथ यात्रा का आयोजन कर रही है। दावा यह भी कि यह हमारे पूर्वज मर्यादा पुरूषोत्तम रामचन्द्रजी के प्रति समर्पण और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सम्मान को समर्पित है यह लवकुश रथ यात्रा।

मिली जानकारी के अनुसार इस रथ यात्रा में दो रथ होंगे। इनमें एक पर हवन कुंड भी होगा। जिले के जिस क्षेत्र से यह रथ गुजरेगा श्रद्धालु अपनी निष्ठा और समर्पण के साथ अक्षत, चंदन और फूल भी समर्पित करेंगे। साथ ही प्रसाद चढ़ाएंगे और अंत में हवन खंड में हवन भी करेंगे। भाजपा का अनुमान है अयोध्या पहुंचने वाली इस रथ के हवन कुंड में हवन कर अपनी श्रद्धा भी प्रकट करेंगे। भाजपा इस भावनात्मक उभार के सहारे अपनी बात भी जानता के बीच ले जाएगी।

इसके साथ ही केंद्र सरकार ने गंगा नदी पर 4.56 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण की मंजूरी देकर बिहार को पहले चुनावी तोहफा दिया है। इस परियोजना की कुल लागत 3,064.45 करोड़ रुपये है। इसमें 2,233. 81 करोड़ रुपये की निर्माण लागत शामिल है। गंगा पर सिक्स लेन पुल से उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच यातायात और आसान हो जाएगा। इससे उत्तर बिहार के विकास को काफी गति मिलेगी।यह पुल बनेगा तो गंगा नदी पर दीघा से सोनपुर के बीच। मगर इस पुल से कई लोकसभा क्षेत्र पर प्रभाव पड़ने जा रहा है। कहा जा रहा है कि दीघा और सोनपुर के बीच नये पुल से बाधा दूर होगी। पुल बन जाने के बाद माल और वस्तुओं का परिवहन किया जा सकेगा। जिससे क्षेत्र की आर्थिक क्षमता सही तरीके से उपयोग हो सकेगा।

गौर करें तो यह सिक्स लेन पुल बुद्ध सर्किट वाले तमाम क्षेत्र की आर्थिक समृद्धि के कारण बनने जा रहे हैं। यह पुल पटना से राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 के माध्यम से औरंगाबाद और सोनपुर (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-31), छपरा, मोतिहारी (पूर्व-पश्चिम गलियारा पुराना राष्ट्रीय राजमार्ग-27)न, बेतिया (राष्ट्रीय राजमार्ग-727) स्वर्णिम चतुर्भुज गलियारे तक सीधी संपर्क सुविधा प्रदान करेगा।

यह भाजपा की चुनावी रणनीति का हिस्सा यह भी है कि चुनावी जंग के बिगुल फूंके जाने के पहले योजनाओं का अंबार लगाकर बिहार की जनता को प्रभावित कर पाए। कहा जा रहा है सिक्स लेन तो इस नए साल के प्रारंभ का तोहफा है। अभी और भी प्लानिंग के स्तर पर कई योजनाएं कतार में हैं। एक एक कर भाजपा योजनाओं को सतह पर लाकर बिहार में मजबूत आधार तैयार करना अभी शेष है।

जैसा कि आपको बता चुके है 1जनवरी  भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश कार्यालय से ‘लव कुश रथ यात्रा’ का शुभारंभ किया गया, जिसे प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने झंडी दिखाकर रथ को रवाना किया था । इस मौके पर पूर्व मंत्री प्रेम कुमार, पूर्व मंत्री नंदकिशोर यादव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इस दौरान सम्राट चौधरी ने कहा कि लव कुश समाज की ओर से यह लव कुश यात्रा निकाली गई है जो बिहार के सभी जिलों को होते हुए 22 जनवरी तक अयोध्या पहुंचेगी। इसमें सभी वर्ग भाग ले रहे है ।

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन समारोह में शामिल होने के लिए निमंत्रण के सवाल पर सम्राट चौधरी बताते है  कि विश्व हिंदू परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ। आरएन सिंह खुद सभी जगह निमंत्रण दे रहे हैं, हमारे पास भी कल आए थे। उन्होंने बताया कि वे महामहिम राज्यपाल तथा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को भी वह निमंत्रण देने गए हैं। इसके अलावा लालू प्रसाद यादव को भी निमंत्रण दिया गया है। उन्होंने कहा कि अब जाना और यह नहीं जाना तो यह वे लोग जानते हैं। उन्होंने कहा कि कौन क्या बोल रहा है। यह देखना उचित नहीं है। 1989 से हम लोग पूरा संघ परिवार लगा हुआ था। अब तो भगवान श्री राम स्थापित हो रहे हैं। वहां मस्जिद के अंसारी जी थे उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फूल माला से स्वागत किया। अब तो श्री राम प्रवेश करने वाले हैं।

वहीं, भाजपा  के प्रदेश अध्यक्ष ने लालू प्रसाद यादव पर हमला करते बताते है कि जिस लालू के सहारे नीतीश उछल रहे है और  लालू प्रसाद यादव भाजपा  पर सवाल खड़ा करते हैं।उसका जवाब यह है कि  लालू प्रसाद 1996 में जेल में  गए थे। उस वक्त जनता दल की सरकार थी। उस सरकार में वह मौजूद थे तो जब उनकी सरकार ने उन्हें जेल भेजा तो यह तो क्लियर है कि वह भ्रष्टाचारी हैं। उन्होंने कहा कि मैं साफ तौर पर कहता हूं कि आतंक के प्रतीक लालू प्रसाद, भ्रष्टाचार के प्रतीक लालू प्रसाद, बालू माफियाओं के प्रतीक लालू प्रसाद तो इन पर कार्रवाई नहीं होगी तो किस पर कार्रवाई होगी? उन्होंने कहा कि लालू यादव और नीतीश कुमार ‘इंडिया’ गठबंधन में दोनों साथ मिलकर चुनाव लड़े मेरा दावा है उनका खाता भी नहीं खुलने दिया जाएगा।

वहीं, आरजेडी विधायक फतेह बहादुर सिंह के पोस्टर पर भाजपा  कहना है कि  कि यह गुलाम मानसिकता की बात है। पहले अपनी पार्टी के लोगों से वह पूछे, राष्ट्रीय जनता दल में एक राजा एक रानी कई राजकुमार हैं तो पहले गुलाम पार्टी के लोग आजाद तो हो जाएं तब कुछ बात करें। आरजेडी में 26 सालों से एक ही राजा है और जहां राजा, रानी और राजकुमार तय हो वहां गुलामी होती है। भारतीय जनता पार्टी लोकतंत्र की पार्टी है। यहां यह नहीं पता है कि अगला अध्यक्ष कौन होगा, लेकिन आरजेडी में सब कुछ तय है। अंत में उन्होंने नीतीश कुमार पर हमला करते हुए कहा कि नीतीश कुमार  हम लोग के बड़े नेता रहे हैं। हम हाथ जोड़कर कहते हैं कि नीतीश कुमार को ‘इंडिया’ गठबंधन के लोगों ने प्रधानमंत्री का सपना दिखाया था। प्रधानमंत्री का उम्मीदवार तो बनाओं। कहां गए ‘इंडिया’ गठबंधन के लोग? उनको बताना चाहिए कि नीतीश बाबू कब प्रधानमंत्री के उम्मीदवार बनेंगे।

तुलना करने वाली  बात यह भी है कि  इस राजनीतिक घमासान के बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राज्य से बाहर चुनावी रैलियां और सभाएं करने जा रहे हैं, इधर हमलावर भाजपा  ने दनादन बिहार में 10 रैलियों का कार्यक्रम बना डाले है । इन रैलियों में पीएम मोदी समेत भाजपा  के तमाम प्रमुख रणनीतिकार इंडिया गठबंधन के विरुद्ध चुनावी शंखनाद करने जा रहे हैं। बिहार भाजपा  चार-चार लोकसभा सीट पर एक क्लस्टर बना रही है। इसी के तहत क्लस्टर मुख्यालय पर रैली कराने की तैयारी है। इसमें तीन रैली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, तीन केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, तीन राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और एक रैली रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की होगी। हालांकि, किस नेता की रैली कहां होगी यह अभी तय नहीं है पर नीतीश को भाजपा बुरी तरह बिहार में ही घेरने में सफल होंगे , और यदि नीतीश इंडिया गठबंधन के संयोजक भी बन जाते है तो वही कहावत चरितार्थ करेंगे कि’ हम तो डूबे सनम तुम्हे भी ले डूबेंगे ।

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