हेलिकॉप्टर से काशी विश्वनाथ में पहली बार पुष्प वर्षा:डीएम-कमिश्नर ने बरसाए फूल दिव्यांग को गोद में लेकर जवान ने कराया दर्शन
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे
वाराणसी।सावन के पहले सोमवार को काशी विश्वनाथ में जल चढ़ाने के लिए भक्तों को हुजूम उमड़ा।विश्वनाथ मंदिर में पहली बार हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा हुई है।हेलिकॉप्टर में बैठकर कमिश्नर कौशल राज शर्मा,डीएम एस राजलिंगम और पुलिस कमिश्नर अशोक मुथा जैन ने शिव भक्तों पर फूल बरसाए हैं।वहीं पुलिस के एक जवान ने दिव्यांग भक्त को गोद में उठाकर दर्शन कराया।विश्वनाथ मंदिर में अब तक ढाई लाख श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक किया है।यह सिलसिला अभी जारी है।माना जा रहा है कि पूरे दिन छह से सात लाख श्रद्धालु और कावंड़िए दर्शन करेंगे।काशी विश्वनाथ में पहली बार भक्तों पर पुष्प वर्षा की गई है।दिव्यांग शिवभक्तों को अपने गोद में उठाकर दर्शन कराता पुलिस का जवान।यादव बंधुओं का जत्था जलाभिषेक के लिए पहुंच गया है।यादव बंधु ने परंपरागत तरीके से चांदी व पीतल के कलश में जल भरकर कलश यात्रा निकालकर विश्वनाथ धाम पहुंचे।शिव स्वरूप के साथ भक्त पहुंच रहे हैं साथ में यादव समुदाय के लोग जलाभिषेक के लिए काशी विश्वनाथ धाम में मौजूद हैं।काशी विश्वनाथ धाम में चार रास्तों से शिवभक्तों को एंट्री दी जा रही है।सुबह तीन बजे से लाइनें लग चुकी थीं।भक्त बोले दर्शन के बाद तरोताजा महसूस कर रहे भक्तों ने कहा कि रातभर लाइन में खड़े रहने पर थकान लग गई थी।मगर दर्शन के बाद तरोताजा महसूस कर रहे हैं।इससे पहले रविवार की रात को बाबा विश्वनाथ का दरबार दूधिया रोशनी और झालरों से चमचमा उठा था।वाराणसी के कमिश्नर कौशल राज शर्मा ने बताया कि मंदिर में सुगम दर्शन,वीआईपी दर्शन और मंगला आरती छोड़कर सभी आरती के टिकट नहीं काटे जा रहे हैं।केवल आम भक्तों के दर्शन-पूजन की व्यवस्था है।काशी विश्वनाथ धाम में मुस्लिम समाज के लोग भी पहुंचे हैं। उन्होंने भक्तों पर फूल से वर्षा की।बाबा विश्वनाथ के गर्भगृह के चारों द्वार से झांकी दर्शन और पाइप द्वारा जलाभिषेक,दुग्धाभिषेक और फूल चढ़ाया जा रहा है।बाबा विश्वनाथ के चल प्रतिमा का खास श्रृंगार किया गया है।मंदिर प्रशासन ने प्रवेश द्वार के बाद आधे घंटे में दर्शन कराने का टारगेट सेट किया है।भक्तों को गर्भगृह के पास महज दो से चार सेकेंड तक ही रोका जा रहा है।सावन के पहले सोमवार की बाबा श्री काशी विश्वनाथ की मंगला आरती हुई।शिव का श्रृंगार हुआ।