नई दिल्ली
स्थिर व्यापक आर्थिक बुनियादी फंडामेंटल से प्रेरित होकर पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिये शेयर बाजार में जून के अंत तक 1.13 लाख करोड़ का निवेश हुआ है। यह पांच साल का शीर्ष स्तर है। इस निवेश में इक्विटी, डेट और हाइब्रिड प्रतिभूतियां शामिल हैं। इससे पहले जनवरी, 2018 में 1.19 लाख करोड़ निवेश था।
सेबी के आंकड़ों के मुताबिक, यह लगातार चौथा महीना है जब पी-नोट्स का निवेश बढ़ा है। इनके निवेश का कुल मूल्य जून में 1.11 लाख करोड़ रहा है। मई में यह 1.04 लाख करोड़, अप्रैल अंत में 95,911 करोड़, मार्च में 88,600 करोड़ और फरवरी में 88,398 करोड़ रुपये था। पी-नोट्स पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को जारी किए जाते हैं जो सीधे खुद को पंजीकृत किए बिना भारतीय शेयर बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं।
खाद्य तेल आयात जुलाई में रिकॉर्ड 17.6 लाख टन
देश के खाद्य तेल के आयात में जबरदस्त तेजी आई है। यह जुलाई में बढ़कर रिकॉर्ड 17.6 लाख टन पर पहुंच गया। दरअसल, रिफाइनर्स आने वाले त्योहारी मौसम की तैयारी के लिए तेलों का भंडार रख रहे हैं, जिससे आयात में तेजी आई है। दुनिया के सबसे बड़े वनस्पति तेल आयातक भारत की अधिक खरीद से इंडोनेशिया व मलयेशिया में पाम तेल भंडार को कम करने में मदद मिल सकती है।
317 लाख टन रह सकता है चीनी का उत्पादन
बारिश की कमी और एथेनॉल में गन्ने के अधिक मिलावट से अगले सीजन में भी चीनी उत्पादन घटकर करीब 317 लाख टन रह सकता है। इंडियन शुगर मिल एसोसिएशन (इस्मा) ने कहा, चालू सीजन में भी चीनी के उत्पादन में कमी दर्ज की गई है। 2023-24 के अक्तूबर-सितंबर में चीनी का उत्पादन 316.80 लाख टन रहने का अनुमान है। चालू सीजन में उत्पादन 328 लाख टन रहने का अनुमान है। हालांकि, अगले सीजन में यह खपत से 42 लाख टन ज्यादा रह सकता है। देश में चीनी की घरेलू खपत 275 लाख टन है। 2023-24 के दौरान एथेनॉल में करीब 45 लाख टन चीनी मिलाए जाने का अनुमान है।