September 20, 2024
पर्यावरण संग उत्पादन का सहयात्री:बनारस रेल इंजन कारखाना
एस के श्रीवास्तव विकास:पहल टुडे
वाराणसी।बनारस रेल इंजन कारख़ाना पौराणिक नगर वाराणसी में स्थित एक अग्रणी औद्योगिक इकाई है। बरेका द्वारा निर्मित प्रथम डीजल-विद्युत रेल इंजन श्री लाल बहादुर शास्त्री द्वारा 03 जनवरी 1964 को राष्ट्र को समर्पित किया गया।इसके साथ ही बरेका ने घरेलू विनिर्माण उद्योग में प्रवेश किया।आज यह भारत ही नहीं दुनिया के अग्रणी रेल इंजन विनिर्माता बन गया है।बरेका निर्मित लोकोमोटिव न केवल भारत में बल्कि एशिया और अफ्रीका के कई अंतरराष्ट्रीय रेलवे प्रणालियों में सेवाएं प्रदान करते हैं।बरेका द्वारा निर्मित इंजन बांग्लादेश,श्रीलंका,म्यांमार,तंजानिया,सूडान,सेनेगल,माली,मलेशिया,वियतनाम,अंगोला और मोजाम्बिक में चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त बरेका भारत के विभिन्न इस्पात संयंत्रों,बिजली संयंत्रों और पोर्ट ट्रस्टों को भी इंजनों की आपूर्ति कर रहा है।कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ग्रीन ट्रेक्शन प्रदान करने के लिए,बरेका ने भारतीय रेलवे के लिए डीजल रेल इंजनों का निर्माण बंद कर वर्ष 2016 से विद्युत इंजनों का निर्माण प्रारंभ की,जिसमें अबतक कुल 1539 विद्युत रेल इंजन,7498 डीजल रेल इंजन,1 ड्यूल मोड,8 कनवर्जन मोड,गैर रेलवे ग्राहकों हेतु 633 रेल इंजन एवं अन्य देशों को निर्यात हेतु 172 रेल इंजन के उत्पाजदन के साथ ही अब तक कुल 9851 रेल इंजनों का उत्पादन कर चुका है।पर्यावरण संरक्षण हेत बरेका ने 1980 के दशक में ही दो ट्रीट्मेंट प्लांट मानव अपशिष्ट के उपचार के लिए 12 एमएलडी क्षमता युक्त सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) तथा दूषित एवं मिश्रित पेट्रोलियम तेल और लुब्रिकेंट(पीओएल) के उपचार के लिए 3 एमएलडी क्षमता युक्त औद्योगिक अपशिष्ट उपचार संयंत्र (आईईटीपी) स्थापित किया गया।पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली के लिए आईएसओ:14001 प्रमाणन प्राप्त है।बरेका को इस बात पर गर्व है कि यहां से निकलने वाला कोई भी सीवेज,चाहे उपचारित हो या अनुपचारित,गंगा नदी में नहीं छोड़ा जाता है। बरेका,जल संचयन एवं भूजल पुनर्भरण के लिए प्रतिबद्ध है।इसके अंतर्गत 425 से अधिक सोकपिट और 51 गहरे रिचार्ज कुओं का निर्माण किया गया है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व जल दिवस के अवसर पर जल संरक्षण के लिए ‘जल शक्ति अभियान कैच द रेन’ अभियान के अंतर्गत बरेका कंचनपुर कॉलोनी में एक जल संचयन तालाब का निर्माण किया गया है।बरेका परिसर में 100000 से अधिक छोटे-बड़े पेड़ हैं। इससे बरेका का लगभग 40% क्षेत्र हरा-भरा है।बरेका का हरा-भरा वातावरण,पर्यावरण संरक्षण के लिए कॉलोनी वासियों की जागरूकता एवं प्रतिबद्धता का गवाह है।बाहरी क्षेत्र से बरेका परिसर में प्रवेश करने पर तापमान में 3-4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट सहज ही महसूस की जा सकती है।सामाजिक एवं कल्याणकारी कार्यों में अग्रणी बनारस रेल इंजन कारखाना महिला कल्याण संगठन द्वारा परिसर में संचालित दिव्यांग बच्चों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण केन्द्र ‘चेतना’ विद्यालय हैं।जिसमें बरेका एवं उनके आस-पास के बच्चें को व्यावसायिक प्रशिक्षण देकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयत्न् किया जाता है।प्रशिक्षण के क्रम में इन्हें मोमबत्ती,मसाले,पेपर बैग,हर्बल गुलाल,हर्बल साबुन,पोटली बनाना,सिलाई इत्यादि का प्रशिक्षण दिया जाता है।विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों को आत्मनिर्भर बनाने में सहयोग प्राप्त हो रहा है।बरेका महिला कल्याण संगठन द्वारा ब्रांड बनारस बनाने का प्रयास माननीय प्रधानमंत्री जी के लोकल फॉर वोकल को समर्पित है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा बरेका विस्तारीकरण परियोजना का उद्घाटन दिसंबर 2014 में विस्तारीकरण परियोजना के पहले चरण का लाकार्पण अक्टूबर,2016 में एवं विश्व में प्रथम डीजल से विद्युत परिवर्तित WAGC3 10000 एचपी लोकोमोटिव को फरवरी, 2019 में राष्ट्र को समर्पित किया गया।रेल कौशल विकास योजना के तहत देश भर के कुल 50000 युवाओं को उनके कौशल,स्वरोजगार की क्षमता के साथ-साथ विभिन्नन उद्योगों में रोजगार क्षमता को बढाने हेतु विभिन्नर ट्रेडों में प्रशिक्षित किया जा रहा है,जिसमें बरेका नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करते हुए रोजगार परख पाठ्यक्रम तैयार कर अब तक कुल 21230 एवं बरेका द्वारा-797 युवाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है।इसके साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बरेका प्रवास से बरेका में उत्सव जैसा माहौल व्याप्त है।बरेका के सभी अधिकारी,कर्मचारी व उनके परिवारजन माननीय प्रधानमंत्री के स्वागत में पलकें फैलाए बैठे हैं।सम्पूर्ण बरेका परिसर रोशनी की जगमगाहट से चमक रहा है।बरेका परिवार में क्या छोटे क्या बड़े,जवान,महिलाएं,पुरुष एवं वृद्ध सभी अपने चहेते प्रधानमंत्री के बरेका आगमन से आनंदित है।

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