September 16, 2024

आजकल माइग्रेन की समस्या बहुत आम हो गई है। खराब लाइफस्टाइल, जंक फूड का सेवन, सही समय पर नहीं सोना, लैपटॉप के सामने घंटों बैठे कर काम करना आदि के कारण यह समस्या और बढ़ जाती है। माइग्रेन में सिर के एक हिस्से में दर्द होना, आंखे भारी होना, उल्टी और चक्कर जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। मानसून के मौसम में वायुमंडल में अधिक दबाव होने के कारण माइग्रेन और बढ़ जाता है। इसके साथ ही इस मौसम में ह्यूमिडिटी अधिक बढ़ जाती है, जिससे बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन का खतरा भी बढ़ जाता है, जो माइग्रेन को ट्रिगर करता है। इसके अलावा धूल से भी एलर्जी होने से व्यक्ति की माइग्रेन की समस्या बढ़ जाती है। संतुलित आहार, स्वस्थ जीवनशैली से माइग्रेन के दर्द को नियंत्रण में रखा जा सकता है।

हाइड्रेट रहें

मानसून में ह्यूमिडिटी बढ़ जाती है, जिस कारण डिहाइड्रेशन हो जाता है। इसलिए मानसून में ज्यादा से ज्यादा पानी पीना चाहिए। एक दिन कम से कम आठ लीटर पानी जरूर पीना चाहिए। पानी की कमी माइग्रेन को ट्रिगर करती है। आप पानी के अलावा जूस और सूप जैसे तरल पदार्थ का भी सेवन कर सकते हैं। हालांकि किसी भी ऐसे तरल पदार्थ से दूर रहें, जो आपके माइग्रेन को ट्रिगर कर सकता है।

घर के अंदर के वातावरण पर नियंत्रण रखें

माइग्रेन का दर्द न बढ़े इसलिए घर के अंदर के वातावरण को कंट्रोल करना बहुत जरूरी है। घर में डीह्यूमिडिफ़ायर या एयर कंडीशनर का उपयोग करें। इससे नमी के स्तर को नियंत्रित करने में मदद मिलगी, इसके साथ ही बैक्टीरियल और फंगल इन्फेक्शन में भी कमी आएगी। वहीं बाथरूम और किचन को साफ रखें ताकि बैक्टीरियल और फंगल इनफेक्शन न हों।

रूटीन बनाएं

माइग्रेन का दर्द न बढ़े, इसके लिए एक रूटीन बनाएं और इसी को फॉलो करें। सही समय पर सोएं, संतुलित आहार लें और स्ट्रेस फ्री रहें। मानसून के सीजन में जीवनशैली में बदलाव करने से माइग्रेन की संभावना कम करने में मदद मिल सकती है।

ट्रिगर्स को पहचानें और उनसे बचाव करें

मानसून में माइग्रेन को बढ़ाने वाली चीजों को पहचानें। इनकी पहचान करने के बाद आपनी जीवनशैली में जरूरी बदलाव लाएं। इसमें तेज गंध, कुछ खाद्य पदार्थ शामिल हो सकते हैं, जो लगातार माइग्रेन को ट्रिगर करते हैं। ट्रिगर्स पर नियंत्रित करने के लिए अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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