बच्चों के सामने उतारे कपड़े खिंचवाई तस्वीर फिर किया गंदा काम,परिजनों द्वारा हंगामे के बाद पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा आरोपी को हिरासत में लेकर जाँच पड़ताल किया शुरू
वाराणसी।महिलाओं ने बताया कि हमें इस बात की जानकारी बच्चों ने नहीं दी।तीनों ही बच्चे डर से सहमे हुए थे।मोहल्ले के एक व्यक्ति ने इन तीनों के आपस की बात सुनी और हमें बताया तब जाकर हमने पूछा तो मामला खुला।प्राप्त जानकारी के मुताबिक लंका थाने के संकटमोचन पुलिस चौकी क्षेत्र में रहने वाले सुबह-ए-बनारस संस्था के पदाधिकारी के द्वारा बच्चों से अप्राकृतिक दुष्कर्म का मामला सामने आया है।पीड़ित बच्चों की मां की तहरीर पर पुलिस ने पहले कार्यवाही नहीं की पर जब गुरुवार को महिलाओं ने थाने पर हंगामा किया तो पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उक्त व्यक्ति को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है।मामला बीते 20 जून का है।मुकदमा दर्ज कराने वाली महिला के अनुसार बिहार निवासी एक परिवार उसके घर के बगल में किराए पर रहता है।उस परिवार की महिला सुबह-ए-बनारस क्लब के पदाधिकारी सुनील शुक्ला के घर झाड़ू-पोछे का काम करती है।बीते 20 जून को महिला का 12 वर्षीय बेटा अपने 10 और 11 वर्षीय दोस्तों के साथ सुनील के घर गया था,जहां उन्होंने उन सभी को कॉपी-किताब देने के लिए बुलाया था।महिला ने आरोप लगाया कि सुनील ने कमरा बंद कर पहले कपड़े उतार दिए और बच्चों से ही अपनी तस्वीर खिंचवाई।इसके बाद बारी बारी से तीनों से अप्राकृतिक दुष्कर्म किया और सभी को जातिसूचक गाली देते हुए।जान से मारने की धमकी दी और भगा दिया।यह भी कहा कि कुछ किसी को बताया तो अंजाम भुगतना होगा।आरोप है कि सुनील ने और बच्चों को लेकर आने को कहा था।बच्चों ने परिजनों को बताया कि पहले उसने हम सभी को अश्लील वीडियो दिखाए और फिर हमारे कपड़े उतारकर हमारे साथ जबरदस्ती की।बच्चों को लेकर थाने पहुंची महिला ने कहा कि पुलिस ने इस मामले में शिथिलता बरती।हमने संकटमोचन चौकी पर जब शिकायत की तो पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की।थाने पर भी सुनवाई नहीं हुई।हंगामा करने पर कार्यवाही हुई है।इस सम्बन्ध में लंका थानाध्यक्ष अश्वनी पांडेय ने बताया कि तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।प्रभावी तरीके से पैरवी कर उसे कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।पुलिस ने पाक्सो और एससीएसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया है।