समाजवादी पार्टी के विधायक अबू आजमी ने बुधवार को घोषणा की कि वह “वंदे मातरम” का नारा नहीं लगाएंगे। उन्होंने छत्रपति संभाजी महाराज नगर में सांप्रदायिक स्थिति पर चर्चा के दौरान विधान सभा को सूचित किया कि उनका धर्म इस्लाम उन्हें राष्ट्रीय गीत गाने से रोकता है। आज़मी ने कथित तौर पर “वंदे मातरम” गीत बोलने से इनकार कर दिया और कहा कि उनका धर्म उन्हें ऐसा करने की अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि यदि भारत में रहना है तो ‘वन्दे मातरम्’ बोलना ही पड़ेगा। हम इसे नहीं कर सकते। भाजपा विधायकों द्वारा बयान पर कड़ी आपत्ति जताए जाने पर हंगामा मच गया। विवाद बढ़ने पर अबू आजमी ने कहा कि मैं ‘वंदे मंत्रम्’ का सम्मान करता हूं लेकिन मैं इसे पढ़ नहीं सकता क्योंकि मेरा धर्म कहता है कि हम ‘अल्लाह’ के अलावा किसी के सामने सिर नहीं झुका सकते।
भाजपा का निशाना
समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी के बयान पर बीजेपी के शहजाद पूनावाला ने कहा कि समाजवादी पार्टी I.N.D.I.A का हिस्सा है…और उसके विधायक महाराष्ट्र विधानसभा में कहते हैं कि मैं वंदे मातरम नहीं कहूंगा यह मेरे धर्म के खिलाफ है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि वो जाकर औरंगजेब के सामने सिर झुकाते हैं लेकिन वंदे मातरम कहने से कतराते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जो लोग अपने नाम पर भारत रखते हैं, उनका काम हमेशा भारत विरोधी ही क्यों होता है? समाजवादी पार्टी नेता अबू आजमी के बयान पर एनसीपी विधायक रोहित पवार ने कहा कि मुझे उनके सटीक बयान की जानकारी नहीं है, हालांकि, कोई भी किसी भी धर्म का हो, सभी को देश से प्यार और सम्मान करना चाहिए। मेरा मानना है कि किसी को भी देश के खिलाफ नहीं बोलना चाहिए।”
विधानसभा में क्या हुआ था
भाजीनगर जिले में हुए दंगे का मुद्दा उठाते हुए आजमी ने कहा कि वंदे मातरम का नारा लगाना उन्हें अस्वीकार्य है। उन्होंने कहा, कुछ लोग कहते हैं कि अगर भारत में रहना है तो वंदे मातरम बोलना ही होगा। हम ऐसा नहीं कर सकते। हम केवल एक ईश्वर में विश्वास करते हैं। आजमी के बयान पर भाजपा विधायकों ने कड़ी आपत्ति जताई और इसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने विधायकों से शांत रहने की अपील की और कहा, आजमी की टिप्पणियां विषय के लिए अप्रासंगिक हैं। उन्हें चर्चा के लिए सूचीबद्ध मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।’’ नार्वेकर की अपील के बाद भी हंगामा जारी रहा और इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही दस मिनट के लिए स्थगित कर दी।