देहरादून
फर्जी कागजात बनाकर दूसरे की जमीन का सौदाकर साढ़े चार करोड़ रुपये हड़पने वाले गिरोह के एक और सदस्य को क्लेमेंटटाउन पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी शातिर किस्म का अपराधी है। उसके खिलाफ मेरठ में कई मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह के एक सदस्य को पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है।
क्लेमेंटटाउन एसओ शिशुपाल राणा ने बताया कि बीती 17 मई को अशोक अग्रवाल निवासी लक्ष्मणझूला जिला पौड़ी गढ़वाल ने तहरीर दी थी। बताया था कि उनके परिचित विजय कुमार गुप्ता एवं राधावल्लभ गुप्ता को भटनागर एवं वर्मा नाम के व्यक्तियों ने जमीन के सौदे के लिए रोहित पांडे और समीर कामयाब से मिलवाया। उन्होंने क्लेमेंटटाउन में मुख्य सहारनपुर रोड पर जमीन दिखाई। इसकी डील 11.50 करोड़ रुपये में तय की गई। इसके बाद उन्होंने 25 लाख बयाने के रूप में समीर कामयाब के खाते में और 5 लाख रुपये रोहित पांडे को नकद दे दिए।
रोहित पांडे ने बताया था कि उक्त संपत्ति समीर की मां फातिमा बेगम के नाम है। जमीन के कागजात वकील को दिखाने के बाद समीर कामयाब ने उनके नाम रजिस्ट्री कराई। इसके बाद उन्होंने समीर कामयाब के खाते में कुल 2 करोड़ 40 लाख और एक करोड़ 85 लाख रुपये विजय सारस्वत और रोहित पांडे को नकद दिए। जब कब्जा दिलाने के लिए कहा तो आरोपी टालमटोल करने लगे।
तहरीर के बाद समीर कामयाब, फातिमा, रोहित पांडे आदि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया और आरोपी समीर कामयाब को अगले ही दिन गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं, बुधवार को आरोपी रोहित पांडे को उसके मूल निवास पल्लवपुरम फेज-एक कैंट मेरठ से गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।
जमीन पर भूमाफिया जमाए हैं नजरें
सहारनपुर रोड से लगी उक्त जमीन डीके मित्तल निवासी क्लेमेंटटाउन की है। एसओ शिशुपाल राणा ने बताया कि डीके मित्तल और उनकी पत्नी सुशीला मित्तल की मृत्यु 2021 में कोरोना के दौरान हो गई। उनका कोई वारिस न होने के कारण भूमाफिया जमीन पर नजरें गढ़ाए हुए हैं। पूर्व में भी उक्त जमीन का बाबर हुमायूं नाम के व्यक्ति ने फर्जी दानपत्र के माध्यम से कूट रचित दस्तावेज तैयार कर नौ बार बेचा था। इस संबंध में डीके मित्तल ने भी वर्ष 2021 में मुकदमा दर्ज कराया था।