कालपी। सोमवार को घर में मौजूद महिला पर बंदरों के झुंड ने हमला कर दिया जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गयी है। परिजनों ने उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया है।
बंदरों की बढ़ती आबादी आम आदमी के लिए वर्षो से मुसीबत बनी है जिसमे कई लोगों की मौत का कारण ही बन्दर ही है और आलम यह है कि नगर में प्रतिदिन एक दर्जन से अधिक लोग इनके शिकार होते हैं इसी क्रम में सोमवार को नगर के मोहल्ला गणेशगँज निवासी आशा देवी उम्र लगभग 60 साल के ऊपर बंदरों ने हमला कर दिया है जिसमें उनके सिर में गंभीर चोटें आई है। परिजनों ने उन्हें गम्भीर हालत में अस्पताल में दाखिल कराया है। उनके अनुसार बंदरो ने उन पर हमला पहली बार नही किया है बल्कि इससे पहले भी एक बार बंदर उन्हें काट चुके है। समाजसेवी आदित्य नगाईच के मुताबिक यहा बंदरों का आतंक दिन प्रतिदिन बढ़ता जा रहा जिससे नगर के व्यापारी, जनता सहित सभी लोग परेशान है का आर्थिक नुकसान भी हो रहा है, मौका लगते ही बंदर सामान उठा ले जाते हैं, सामान छीन लेते है। आर्थिक नुकसान के साथ साथ शरीरिक कष्ट भी आम जनता को झेलना पड़ रहा है। बंदर इतने खूंखार हो गए है कि अक्सर काट लेते है। पूर्व में बंदरों के आतंक से कई लोगों की छत से गिरने से मौत तक हो चुकी है। कालपी के प्रमुख स्थान जैसे रेलवे स्टेशन जहाँ लगभग एक सैकड़ा बंदरो का जमावड़ा लगा रहता है तो टरननगँज बाजार में भी बन्दरो की संख्या कम नही है। इस समस्या से निजात दिलाए जाने के लिए लोगो ने पालिका प्रशासन से भी शिकायत की लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नहीं मिला है।