
कुशीनगर 29 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में श्रम प्रवर्तन अधिकारी अलंकृता उपाध्याय ने अवगत कराया है कि उ०प्र० को बाल श्रम से मुक्त कराने की कार्ययोजना के तहत बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 यथा संशोधित अधिनियम 2016 के अन्तर्गत आज जनपद के तहसील हाटा व कसया क्षेत्र में बाल व किशोर श्रमिक के चिन्हांकन का अभियान चलाया गया व 5 वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों पर कार्यरत पाये गये 5 बाल/किशोर श्रमिकों व 1 बैण्ड बाजा मालिक के अधीन कार्यरत पाये गये 3 बाल/किशोर श्रमिकों के सेवायोजकों पर अधिनियम के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही की गई। इस अभियान में श्रम प्रवर्तन अधिकारी अलंकृता उपाध्याय, श्रम प्रवर्तन अधिकारी महेन्द्र कुमार व रमेश गोड़ सम्मिलित रहें।
बाल श्रम संज्ञेय अपराध है। उक्त अधिनियम का उल्लंघन करने पर 6 माह से 2 वर्ष तक के कारावास व 20,000 से 50,000 रू० तक अर्थदण्ड का प्रावधान है।उपरोक्त के क्रम में जनपद के सेवायोजकों, कारखाना मालिकों, रोड लाइट, रथ बैण्ड बाजा, ईंट भट्ठा आदि संचालित करने वाले नियोजकों से अपेक्षा की जाती है कि वह बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध एवं विनियमन) अधिनियम 1986 यथा संशोधित अधिनियम 2016 के प्रावधानों का पालन करें व अधिनियम की धारा 3, 3 (क) व 14 का सारांश अपने प्रतिष्ठान पर सहज दृश्य स्थान पर सम्प्रदर्शित करें।