भदोही। कालीन निर्यातक आमिर हसन ने भारत टेक्स के समापन के दिन गुरुवार को कहा कि विश्व की मौजूदा हालात कुछ ठीक नहीं है। ऐसे समय मे बहुत कम लोग ही यात्रा कर रहे हैं। शायद इसी लिए भारत टेक्स में आयातकों की संख्या कम दर्ज हुई। हालांकि व्यापार के लिहाज से भारत टेक्स एक अच्छा मंच है। उत्तर प्रदेश पवेलियन तो बहुत ही अच्छा रहा।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि स्टाल काफी लगाए गए थे। सुविधा भी बहुत अच्छा व बढ़िया रहा। लेकिन भारत टेक्स से निर्यातकों को जो रिस्पांस मिलना चाहिए था। वह फिलहाल नहीं मिल सका। वैसे कोई भी प्रदर्शनी का आयोजन किया जाता है तो उसमें सबसे पहले खरीदार के पहुंचने की जरूरत होती है।
श्री आमिर ने कहा कि भारत टेक्स में स्टाल लगाने वालों की कमी नहीं थी। निर्यातकों के द्वारा अपने स्टालों पर विभिन्न प्रकार के कालीनों के सैंपल को डेवलप कर सजाया गया था। बिजनेश डीलिंग में कोई कमी नही रही। उन्होंने कहा कि इंडिया बहुत महान देश है। भारत के जो निर्यातक है वह बहुत ही मेहनत के साथ एक मंच पर उतरे है। लेकिन अफसोस की जो निर्यातकों को रिस्पांस इंटरनेशनल स्तर पर खरीदारों द्वारा मिलना चाहिए था वह नही मिल पाया। श्री आमिर ने कहा कि आयातकों को जिस हिसाब से आना चाहिए था। वह बहुत ही कम रहा। इस हिसाब से यह मेला बह ही अफसोसजनक रहा। मेले में पिछले तीन दिनों से एक भी ग्राहक नही आए। वह मेला ही क्या जहां बायर न हो। वह बिजनेश ही क्या जिसमे आर्डर न मिले। उन्होंने कहा कि इन सारी चीजें निर्यातकों को बहुत ही मायूस करने वाली रही। सारा आर्गनाइजेशन भारत टेक्स ने बहुत ही अच्छा वर्ड लेबल पर कराया। लेकिन विदेशी आयातकों को मेले में ले आने में असमर्थ रहे। खास तौर पर कार्पेट के और होम फर्निशिंग के आयातकों को नही ला पाए। बिना कस्टमर के मेला व सेलर बेकार होता है। उन्होंने कहा कि जब सरकार कालीन मेले का आयोजन कराए तो एक बार जरूर निर्यातकों से समझे कि मेला किस तरह आयोजित की जाए।