बदल रहा है गोरखपुर: कुसम्ही से बैतालपुर तक तीसरी लाइन का सर्वे पूरा, अब बनेगी डीपीआर
गोरखपुर
गोरखपुर जंक्शन पर हर दिन 150 से अधिक सवारी ट्रेनें व 40 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन होता है। इसके चलते ट्रैक पर जाम रहता है। सुबह दिल्ली से गोरखपुर जंक्शन आने वाली एक के बाद एक ट्रेनों को ट्रैक खाली नहीं मिलती है। इसके चलते कई ट्रेनों को डोमिनगढ़ स्टेशन पर ही रोकना पड़ता है।
कुसम्ही से बैतालपुर के बीच बनने वाली 30 किलोमीटर लंबी तीसरी लाइन के सर्वे का काम पूरा हो गया है। इसकी रिपोर्ट संबंधित विभागों को चर्चा के लिए भेजी गई है। संशोधन के बाद सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। इसके अलावा डीपीआर बनाने का भी काम शुरू हो गया है। इस लाइन के दूसरे हिस्से डोमिनगढ़ से खलीलाबाद के बीच भी डीपीआर बनाया जा रहा है।
गोरखपुर जंक्शन पर हर दिन 150 से अधिक सवारी ट्रेनें व 40 से अधिक मालगाड़ियों का संचालन होता है। इसके चलते ट्रैक पर जाम रहता है। सुबह दिल्ली से गोरखपुर जंक्शन आने वाली एक के बाद एक ट्रेनों को ट्रैक खाली नहीं मिलती है। इसके चलते कई ट्रेनों को डोमिनगढ़ स्टेशन पर ही रोकना पड़ता है। शाम को भी यही हालत होती है।
इसे देखते हुए रेल प्रशासन ने पिछले साल डोमिनगढ़ से कुसम्ही तक तीसरी लाइन बनाने का निर्णय लिया था। पहले चरण में गोरखपुर कैंट से कुसम्ही के बीच कार्य शुरू हुआ था। इसके बाद तीसरी लाइन को खलीलाबाद से बैतालपुर तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया था। इसमें से कुसम्ही से बैतालपुर तक का हिस्सा वाराणसी रेल मंडल में है, जबकि डोमिनगढ़ से खलीलाबाद तक लखनऊ रेल मंडल के अधीन है। इसलिए दोनों के सर्वे के लिए अलग-अलग अभियंताओं को जिम्मेदारी दी गई है।
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त्योहार बाद शुरू होगा तीसरी लाइन का शेष कार्य
डोमिनगढ़ से कुसम्ही स्टेशन के बीच बनने वाली तीसरी लाइन का शेष कार्य 15 नवंबर के बाद शुरू होगा। अभी इस लाइन पर कैंट से कुसम्ही के बीच कार्य पूरा हुआ है। इसके बाद डोमिनगढ़ स्टेशन पर कार्य शुरू होगा। वहां काम पूरा होने के बाद डोमिनगढ़ से गोरखपुर जंक्शन और फिर गोरखपुर जंक्शन से कैंट स्टेशन के बीच के हिस्से का कार्य कराया जाएगा। रेलवे के वरिष्ठ अफसरों का कहना है कि दशहरा, दिवाली और छठ के चलते इधर ट्रेनों में भीड़ बहुत होती है। इसीलिए शेष कार्य अब 15 नवंबर के बाद शुरू कराए जाएंगे।