लखनऊ
प्रदेश में अगले साल से सभी कार्मिकों के ट्रांसफर ऑनलाइन ही होंगे। इसके लिए सभी विभागों को मानव संपदा पोर्टल के जरिये कार्मिकों को चिह्नित करने और मेरिट निर्धारण की प्रक्रिया 31 मार्च तक पूरी करनी होगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री की ओर से कड़े निर्देश जारी किए गए हैं।
अपर मुख्य सचिव, मुख्यमंत्री एसपी गोयल ने इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के सेवा संबंधी प्रकरणों के निस्तारण में पारदर्शिता सुनिश्चित करना शासन की प्राथमिकता में है। इसी के तहत मेरिट आधारित ऑनलाइन ट्रांसफर किए जाने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
ऑनलाइन स्थानांतरण के लिए आवश्यक है कि सभी कार्मिकों का डाटा मानव संपदा पोर्टल पर सत्यापित हो जाए और कार्मिक भी इस पोर्टल का नियमित रूप से प्रयोग करने की आदत डालें। इस संबंध में 17 अगस्त 2022 को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद भी विस्तृत निर्देश जारी किए गए थे।
मानव संपदा पोर्टल पर कार्मिकों का ब्यौरा अपडेट करने के आदेश
स्थानांतरण वर्ष-2023 में 8 विभागों बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा, दुग्ध विकास, पशुधन, मत्स्य, पिछड़ा वर्ग कल्याण, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और सिंचाई एवं जल संसाधन ने ही मानव संपदा पोर्टल का प्रयोग कर मेरिट आधारित ऑनलाइन स्थानांतरण किे जाने की प्रक्रिया का आंशिक रूप से पालन किया। यहां बता दें कि प्रदेश में कुल 93 राजकीय विभाग हैं।
मुख्यमंत्री ने सभी विभागों से अपेक्षा की है कि वर्ष 2024 में नियुक्ति और गृह विभाग को छोड़कर सभी विभाग मानव संपदा पोर्टल का इस्तेमाल करते हुए मेरिट आधारित ऑनलाइन स्थानांतरण करें। सभी विभागों से कहा गया है कि वे ऊपर दिए गए निर्देशों का पालन सुनिश्चित करें।
विभागों को 31 अक्तूबर 2022 से पोर्टल के माध्यम से करने थे काम
एनआईसी ने मानव संपदा पोर्टल पर कार्य ग्रहण व कार्यमुक्ति, अवकाश, मेरिट आधारित ऑनलाइन ट्रांसफर सिस्टम, एसीआर, प्रशिक्षण, ई-सर्विस बुक, संपत्ति ब्यौरा, ऑनलाइन परफॉर्मेंस आकलन और पे रोल सिस्टम आदि सुविधाएं उपलब्ध करा दी हैं।
अगस्त 2022 में सभी विभागों को निर्देश दिए गए थे कि 31 अक्तूबर 2022 से अपने अधिकतम काम मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से करें। भौतिक रूप से न्यूनतम कार्य ही किए जाएं।
इससे पहले पोस्टिंग प्रोफाइल, दिव्यांगता, पति-पत्नी के सरकारी सेवा में होने और गंभीर बीमारी आदि का ब्यौरा भी मानव संपदा पोर्टल पर सत्यापित कर लेने के लिए कहा गया था, लेकिन अधिकतर विभागों ने इस ओर ध्यान नहीं दिया।