नई दिल्ली
फिच रेटिंग्स ने अमेरिकी सरकार की क्रेडिट रेटिंग को एएए से घटाकर एए+ कर दिया है, जिसके लिए “शासन के मानकों में लगातार गिरावट” का हवाला दिया गया है। यह गिरावट हाल के ऋण सीमा नाटक के बाद आई है, जहां सांसद इस साल की शुरुआत में ऋण सीमा सौदे पर अंतिम मिनट तक बातचीत कर रहे थे, जिससे देश की पहली चूक का खतरा था।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, 6 जनवरी का विद्रोह भी इसका एक प्रमुख योगदान कारक था। इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने सीएनएन को बताया कि बाइडन प्रशासन के अधिकारियों के साथ बैठक में फिच रेटिंग्स के प्रतिनिधियों ने छह जनवरी के विद्रोह को बार-बार एक महत्वपूर्ण चिंता के रूप में रेखांकित किया क्योंकि यह अमेरिकी शासन से संबंधित मामला है। रेटिंग में कमी के पीछे अपने तर्क को समझाते हुए फिच ने कहा, ‘अगले तीन साल में राजकोषीय स्थिति में गिरावट, सरकार पर कर्ज का बोझ बढ़ने और पिछले दो दशकों में ‘एए’ और ‘एएए’ रेटिंग वाले समकक्षों की तुलना में शासन में गिरावट का जिक्र किया गया है।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, फिच ने कहा कि रेटिंग घटाने का निर्णय केवल नवीनतम ऋण सीमा गतिरोध के कारण नहीं लिया गया है, बल्कि “राजकोषीय और ऋण मामलों” के संबंध में पिछले 20 वर्षों में शासन के मानकों में लगातार गिरावट” के कारण भी लिया गया है। इस घटनाक्रम पर बाइडन प्रशासन के अधिकारियों ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है।
वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने मंगलवार को एक बयान में कहा, “मैं फिच रेटिंग्स के फैसले से पूरी तरह असहमत हूं।” उन्होंने कहा, ‘फिच रेटिंग्स की ओर से किया गया बदलाव मनमाना और पुराने आंकड़ों पर आधारित है।’
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरिन जीन-पियरे ने एक बयान में कहा कि “हम इस फैसले से दृढ़ता से असहमत हैं।” उन्होंने फिच की कार्यप्रणाली पर चिंता जताई। सीएनएन ने पियरे के हवाले से कहा, ‘यह स्पष्ट है कि रिपब्लिकन अधिकारियों की ओर से चरमपंथ, चीयरलीडिंग डिफॉल्ट, शासन और लोकतंत्र को कमजोर करने और अमीरों व निगमों के लिए घाटे को कम करने की मांग हमारी अर्थव्यवस्था के लिए एक निरंतर खतरा है।
सीनेट में बहुमत के नेता चक शूमर ने रेटिंग कम करने के लिए रिपब्लिकन पार्टी को जिम्मेदार ठहराते हुए एक बयान में कहा कि उनके लापरवाह रवैये और चूक के साथ छेड़छाड़ के देश के लिए नकारात्मक परिणाम होंगे।