करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी नहीं मिल रही बिजली, अंधेरे में रह रहे लोग, गर्मी में पसीने से हो रहे तरबतर
कानपुर। केस्को को बिजली व्यवस्था को सुधारने, जर्जर लाइनों और ट्रांसफार्मरों को बदलने के लिए 52 करोड़ रुपये मिले हैं। आधे से अधिक धनराशि खर्च हो गई पर बिजली की समस्या जस की तस है। लोग फाल्ट की वजह से कटौती की वजह से गर्मी में बिलबिला रहे हैं। बारिश में बिजली व्यवस्था ठीक होने का दावा भी झूठा साबित हुआ।
महानगर में हर कोई बिजली की लचर व्यवस्था से परेशान है। बिजली कब, किस समय और कितने घंटों के लिए चली जाए इसका कोई भरोसा नहीं है। जबकि गर्मी में बिजली की व्यवस्था सुधारने के नाम पर केस्को के अधिकारी 52 करोड़ रुपये में से करीब आधी राशि खर्च कर चुके हैं। इस राशि से जर्जर तार, पुराने खंभे व मियाद पुरी कर चुके ट्रांसफार्मर बदले जा रहे हैं। कटौती देखकर अब लोग कहने लगे हैं कि कागज पर ही धनराशि खर्च हुई है। इस वजह से आए दिन फाल्ट हो रहा है और ट्रिपिंग की समस्या आ रही है।
हकीकत में कई जगहों पर जर्जर तार, ट्रांसफार्मर व खंभे लगे हुए हैं, जिनकी वजह से लोगों को बिजली 24 में से 22 घंटे भी मिलना मुश्किल हो रहा है। सैकड़ों बार ट्रिपिंग की भी समस्या हो रही है। इसके अलावा तारों को छू रहे पेड़ों की टहनियों की कटाई व छंटाई का काम भी काफी धीमा चल रहा।
जिन 30 सबस्टेशनों के करीब 18 करोड़ रुपये से आधुनिकीकरण के कार्य हुए, उन सबस्टेशनों में भी फॉल्ट की समस्या बरकरार है। शिकायतें पहुंचने पर केस्को के अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं। गर्मी में एसी व कूलर का लोड बढ़ने से फॉल्ट होने की बात कहकर अभियंता अपना पल्ला झाड़ रहे हैं।