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गाजियाबाद। विधान परिषद के सत्र के दौरान दिनेश कुमार गोयल सदस्य विधान परिषद व विजय बहादुर पाठक सदस्य विधान परिषद द्वारा उ0प्र0 बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा संचालित स्कूलों के शिक्षकों के अंतर्जनपदीय स्थानान्तरण का विषय अनेक परिवारों के लिए गहन चिंताओं और जटिलताओं का कारण बन गया है विशेष रूप से ऐसे परिवारो के लिए जहां पति-पत्नी और माता-पिता अलग अलग जनपदों में तैनात है या निवास कर रहे है। ऐसी स्थिति में परिवार तथा बच्चों की क्या स्थिति होती है एक विचारणीय प्रश्न बन गया है इसके लिए सरकार और बेसिक शिक्षा विभाग को शिक्षकों और उनके परिवार की स्थिति को समझते हुए संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेते हुए शिक्षिका को उसके बच्चों तथा पति के साथ एक ही स्थान पर तैनाती पर विचार करते हुए वृद्ध माता-पिता की दयनीय स्थिति को भी देखते हुए शिक्षकों तथा उनके परिवार के साथ संवेदनशीलता दिखाएं जाने की आवश्यक है।
साथ ही बिजली संखी योजना महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान करने के उददेश्य से प्रारम्भ की गयी थी। बिजली सखी योजना के माध्यम से लोगों को बिजली का बिल जमा करने के लिए लम्बी-लम्बी लाईन में खडे़ होने से छुटकारा मिलता है। इस योजना से जुडी महिलाएं अपने परिवार का जीवन यापन मिलने वाली राशि से आसान बनाती रही है। विगत वर्षो में इस योजना से जुडी बडी संख्या में महिलाओं ने कई करोड रूपये बिजली बिल के रूप में जमा कराकर अपने लिए भी कमीशन के रूप में धन प्राप्त किया था। जिस संस्था के माध्यम सें महिलाओं को रोजगार की प्राप्ति हुई थी उस संस्था का नवीनीकरण विभागीय लापरवाही के चलते न होने के कारण आज बिजली सखी से जुडी बडी संख्या में महिलाएं बेरोजगार हो गई है उनकी आय का माध्यम बन्द हो जाने के कारण पारिवारिक आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। लोक महत्व के इन संवेदनशील विषयों पर सदन के समक्ष अविलम्बनीय कार्यवाही की मांग की गयी।