हल्दौर। गांव छजुपुरा सादात में हज़रत इमाम मौहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम के यौमे पैदाइश के अवसर पर एक महफ़िले मुशायरा का आयोजन किया गया महफ़िल में उपस्थित शायरों ने हज़रत इमाम मौहम्मद बाकिर अलैहिस्सलाम की शान में एक से बढ़कर एक कलाम पढ़े । गुरुवार की देर शाम आयोजित कार्यक्रम के मीडिया प्रभारी शाही वास्ती ने जानकारी देते हुए बताया कि मौलाना सैय्यद मैहदी अब्बास ज़ैदी की अध्यक्षता तथा मौहम्मद मैहदी राजा के संचालन में आयोजित महफ़िल का आग़ाज़ मौलाना सैय्यद मैहदी अब्बास ज़ैदी द्वारा तिलावते कलामे पाक से हुआ तथा रौशन अब्बास ने नाते रसूल पढ़ी।
बन जाऊं जो अहमद का दरबान मदीने में हो जाऊं मैं जन्नत का रिज़वान मदीने में हाफ़िज़ नायाब हैदर ने पढ़ा कि – नामज़ पढ़नी है गर वारिसे नमाज़ के साथ अभी से डाल लो आदत नमाज़ पढ़ने की मौलाना मैहदी अब्बास ने कहा कि – ये जहां आपसे रौशन हुआ मेरे मौला आपही इल्म का मज़दर हैं मौहम्मद बाकिर
मौहम्मद रज़ा बड्डू ने पढ़ा – आज बाकिर जहां में आते हैं शोरे सलवात सब मचाते हैं मौहम्मद मेहदी राजा ने कहा – इल्मो हिकमत का समंदर हैं मौहम्मद बाकिर सूरत ए साकिए कौसर हैं मौहम्मद बाकिर सालिम ज़ैदी ने फरमाया बाकिर का चेहरा देख के अब्बास ने कहा पहली रजब को देख लिया चौधवीं का चाँद
आलम ज़ैदी ने पढ़ा कि – छुप नहीं सकता क़ातिले ज़ैहरा हर मुसलमान उसको जानता है महफ़िल में इनके अलावा रईस ज़ैदी ग़ुलाम अब्बास,अम्मार अली, मुन्तज़िर मैहदी, अरमान अली, यासिर ज़ैदी,सज्जाद ज़ैदी,ने भी कलाम पढ़े ।