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 सनातन एकता की प्रतीक तुलसी पूजन दिवस यात्रा में , 51000 तुलसी के पौधों का निःशुल्क होगा वितरण : विमल द्विवेदी 

 उन्नाव/ से है जहां हर वर्ष की भांति “नर सेवा नारायण सेवा “समिति उन्नाव द्धारा 25 दिसंबर को तुलसी पूजन दिवस यात्रा में 51000 तुलसी के पौधों का लोगो में  निःशुल्क वितरण के साथ खाटू श्याम जी सहित सनातन एकता व देश को समर्पित  सैकड़ो अनेक मनमोहक झांकियों के साथ महापुरुषों की  झांकियों के साथ सुसज्जित घोड़ो के साथ पूरी भव्यता से निकाली जाएगी। यात्रा दोपहर 12 बजे रामलीला मैदान से आवास विकास पटेल पार्क तक जाएगी यात्रा का शुभारम्भ पूज्य संतो व आचार्यो  द्धारा होगा। बता दे कि यात्रा की संक्षिप्त रूपरेखा प्रेस वार्ता कर नर सेवा नारायण सेवा समिति उन्नाव के संस्थापक एवम भाजपा नेता विमल द्विवेदी  ने बताया कि संस्था के पदाधिकारी अनवरत दो सप्ताह से अलग अलग बस्तियों में जनसम्पर्क अभियान चला रहे है जिसमे लोगो को तुलसी का पौधा व आमंत्रण पत्र देकर यात्रा में अधिक से अधिक संख्या में आने की अपील कर रहे है  यात्रा के दौरान भी तुलसी के पौधों का वितरण जारी रहेगा साथ ही ढोल नगाड़ों के साथ भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धेय अटल जी व महामना मदन मोहन मालवीय जी की जयंती के साथ गुरु गोविन्द सिंह  के चारो साहिबजादो का शहीदी दिवस को “वीर बाल दिवस ” भी मनाया जायेगा। साथ ही यात्रा में पूज्य बागेश्वर सरकार के महत्वपूर्ण संदेश सनातन एकता पद यात्रा को भी समर्थन प्रकट किया जाएगा। यात्रा के गंतव्य पटेल पार्क आवास विकास में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जा रहा है। भाजपा नेता विमल द्विवेदी ने कहा हर वर्ष की भांति जनपदवासियों से प्रस्तावित यात्रा में बड़ी संख्या में शामिल रहने की अपील की। उन्होंने अपील की केंद्र सरकार मिशनरियों के धर्मांतरण के खेल को रोकने के लिए धर्मांतरण पर केंद्रीय स्तर पर सख्त कानून बनाये, उन्होंने कहा धर्मांतरण किसी भी राष्ट्र को कमजोर करने का एक प्रभावशाली हथियार है,आज नार्थ ईस्ट इसका ज्वलन्त उदाहरण है जहां मिजोरम के सीएम अमेरिका में बैठ कर अलग ईसाई देश बनाने के मनसूबे खुल कर प्रगट कर चुके है इतिहास बताता है  क़ि में इसे मिसनरियो का एजेन्डा केवल सेवा की आड़ में धर्मांतरण करना है, पंजाब, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, तमिलनाडु, केरल व आँध्रप्रदेश आदि में जो हो रहा वो सभी को पता हैं। उन्होंने कहा स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था जब एक हिन्दू अपना धर्म बदलता है तो सनातन से एक व्यक्ति कम ही नही होता अपितु सनातन का एक शत्रु बढ़ जाता हैं।धर्मांतरण पर कानून बनाए बिना भारत एक राष्ट्र के रूप में नही बचाया जा सकता क्योंकि उदाहरण स्वरूप भारत के ही कभी भू भाग रहे पाकिस्तान और बांग्लादेश में हिन्दू संस्कृति के लगभग समाप्त हो जाने पर वहाँ के कबीलाई सोच आधारित अपराध की घटनाओं से हम रोज रूबरू होते हैं बांग्लादेश की हिन्दुओ के विरुद्ध ताजा हमलों की घटनाओं से हम हिन्दुओ को सबक लेना चाहिए और एक रहेंगे तो सेफ रहेंगे के सिद्धांत के साथ बटेंगे तो कटेंगे जैसे सत्यता से रूबरू कराने वाले नारों को नही भूलना चाहिए।

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