राजकीय महिला महाविद्यालय गाजीपुर में निबंध एवं विचार अभिव्‍यक्ति प्रतियोगिता सम्‍पन्‍न

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गाजीपुर। राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गाजीपुर के मनोविज्ञान विभाग द्वारा परिषदीय प्रतियोगिताओं के अंतर्गत निबंध एवं विचार अभिव्यक्ति प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। दोनों प्रतियोगिताओं का शीर्षक ‘महाविद्यालय में छात्राओं की उपस्थिति – अनुपस्थिति के विविध आयाम’ था। कार्यक्रम में विषय प्रवर्तन करते हुए मनोविज्ञान के परिषद के प्रभारी डॉ शिव कुमार ने कहा कि महाविद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति या अनुपस्थित केवल एक शैक्षिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह व्यक्तिगत, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक परिवेश से गहराई से जुड़ा हुआ है। छात्राओं की उपस्थिति न केवल उनकी शैक्षिक उपलब्धियां एवं भावी जीवन को प्रभावित करती है बल्कि उनके समग्र विकास और समाज में उनकी भूमिका को भी तय करती है। छात्राओं ने बढ़-चढ़कर इन दोनों प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग किया तथा इस विषय पर खुले मन से अपने विचार प्रकट किए। सीखने की इच्छा, अध्ययन – ज्ञानार्जन में रुचि, उच्च प्रेरणा का होना, गहन ज्ञान की अभिलाषा, अभिभावकों का दबाव और समर्थन, अनुशासित जीवन, कक्षा शिक्षण का सर्वोत्तम होना, दोस्तों से मिलना तथा विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों में उत्साह के साथ शामिल होने का अवसर आदि कुछ प्रमुख कारण है जिन्हें छात्राओं द्वारा कक्षाओं एवं महाविद्यालय में उपस्थित के प्रमुख कारण के रूप में कारण के रूप में बताया गया। इसी प्रकार शिक्षा एवं अधिगम में रुचि न होना, भविष्य का कोई लक्ष्य ना होना, माता-पिता का अविश्वास एवं समर्थन की कमी, उचित पारिवारिक वातावरण का ना होना, शारीरिक एवं स्वास्थ्य कारण, पारिवारिक आयोजन, घरेलू कामकाज की जिम्मेदारी, कक्षा न करने की प्रवृत्ति, बोरिंग कक्षाएं या नीरस अध्यापन, मोबाइल फोन का रखना, 75% उपस्थिति का अनिवार्य ना होना, दोस्तों के ना आने पर स्वयं भी क्लास में ना आना, अत्याधिक दूरी एवं किराए पर खर्च, ड्रेस का साफ-सुथरा ना होना, तथा क्लास में आने के प्रति अभिभावकों की अनिच्छा आदि को कक्षाओं में अनुपस्थिति के प्रमुख कारण के रूप में छात्राओं द्वारा बताए गए। विचार अभिव्यक्ति प्रतियोगिता में शांति सोनी, महक, मानसी अग्रवाल ने क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान तथा सोनम कुमारी एवं मालती यादव ने प्रशंसित स्थान प्राप्त किया। इसी प्रकार निबंध प्रतियोगिता में मानसी अग्रवाल, मालती यादव एवं सुप्रिया शर्मा ने क्रमशः प्रथम द्वितीय एवं तृतीय स्थान तथा दीक्षा यादव एवं खुशबू चौहान ने प्रसंशित स्थान प्राप्त किया। डॉ दिवाकर मिश्रा, डॉ संगीता, डॉ निरंजन कुमार एवं नेहा कुमारी ने निर्णायक के रूप में कार्य किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अनीता कुमारी ने प्रतियोगिता के विषय की प्रशंसा करते हुए कहा कि अनुपस्थिति के विभिन्न आयामों को समझना और उनके समाधान की योजना बनाना एक सकारात्मक शैक्षिक पहल है। छात्राओं द्वारा दिए गए सुझावों का हम अपने महाविद्यालय में उपयोग करेंगे तथा हम छात्राओं एवं उनके अभिभावकों से यह अपेक्षा करेंगे कि वे अनुशासित तरीके से शिक्षण कार्य में सहभाग करें। क्योंकि आपकी उपस्थिति से ही न केवल आपके लक्ष्य और सपने पूरे होंगे बल्कि एक आदर्श समाज और देश का निर्माण भी हो सकेगा। कार्यक्रम में डॉ इकलाख, डॉ विकास सिंह, डॉ ओम शिवानी, डॉ रामनाथ, डॉ ओम शिवानी, डॉ अकबरे आजम डॉ मनीष सोनकर, डॉ पीयूष सिंह आदि शिक्षकगण एवं मनोविज्ञान परिषद से जुड़ी छात्राएं उपस्थित रही।

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