जसरा प्रयागराज।विकासखंड जसरा के अंतर्गत कंजासा गांव अपनी एक अलग पहचान बनाने में सुमार है क्योंकि जमुना के तट पर स्थित कन्जासा गांव निषाद राज का गढ़ है और निषाद राज का शासन होने के बावजूद निषाद महिलाओं की ऐसी दुर्दशा देखते ही बनती है । जिससे वहां की महिलाओं ने अपनी दुर्दशा सुनाते हुए कहा कि हमारे यहां का विकास कहीं खो गया है प्रदेश के मुख्यमंत्री विकास को जन्म देकर ब्लॉक के सक्षम अधिकारियों के सहयोग से प्रधान द्वारा गांव तक पहुंचा । परंतु गांव का भोला भाला विकास कहीं खो गया उसको आखिर गायब करने में किसका हाथ है यह एक अहम सवाल खड़ा कर रहा है जिससे गांव की गरीब महिला ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि हमारे गांव में लगभग 4 वर्षों से कभी सफाई हुई ही नहीं । जिससे हम लोग किसी तरह अपने सामने की नालियों को स्वतह साफ करते हैं । सफाई कर्मी का दर्शन दुर्लभ हो गया है यहां तक की कहने को तो हमारे गांव की महिला प्रधान है परंतु उनके पति प्रधानी का कार्य करते हैं आज तक हम लोगों ने महिला प्रधान का न तो चेहरा देखा है और ना ही नाम जानते हैं जिससे हम लोगों को आज तक शासन द्वारा दी गई कोई भी सुविधा उपलब्ध नहीं हो पाई है । यहां तक की सबसे छोटी सुविधा शौचालय के लिए भी हम लोगों को मिन्नतें करनी पड़ती हैं परंतु ग्राम के सेवादारों के कान में जूं ना रेंगने के कारण हम लोगों को खुले में सौंच के लिए बाहर जाना पड़ता है एवं रहने के लिए छप्पर कच्चे मकान में रहने को मजबूर हो गए हैं कुछ ग्रामीणों के अनुसार सरकार द्वारा गांव के विकास के लिए आए हुए धन को प्रधान द्वारा कहां लगाया गया क्योंकि गांव तो पहले जैसा जस का तस बना हुआ है कुछ ग्रामीणों के अनुसार केवल कागज में गांव का विकास चाहे वह इंटरलॉकिंग ही क्यों ना हो दिखा दिया गया । जिससे जल्द ही ग्रामीणों ने अधिकारियों के यहां शिकायती पत्र देने की बात कही । वहीं दूसरी ओर यदि देखा जाए तो गांव में महिला प्रधान होने के बावजूद महिला के पति प्रधानी का कार्य क्यों कर रहे हैं क्या कारण है क्या महिला प्रधान में योग्यता का अभाव है अथवा पुरुष द्वारा वर्चस्व दिखाकर प्रधान पद पर कब्जा किया गया यह भी अपने आप में सवाल खड़ा करते हुए ब्लॉक के सक्षम अधिकारियों की उदासीनता को प्रकट कर रहा है क्योंकि यदि देखा जाए तो अभी हाल ही में कुछ जगहों पर महिला प्रधान की जगह उनके पति द्वारा प्रधानी का कार्य करने पर उनको शासन द्वारा सजा भी सुनाई गई परंतु यहां पर क्यों अनदेखा किया जा रहा है यह सक्षम अधिकारियों पर प्रश्न चिह्न भी लगाने का कार्य कर रहा है