गाजीपुर,जखनिया। अक्षय नवमी पर लोगों ने आंवला की पूजा करते हुए पेड़ के नीचे खाना बनाकर परिवार के साथ खाया पुराणो के अनुसार अक्षय नवमी को महर्षि चय्वण ने आवला खाया था आज के दिन आंवला का सेवन करने से पुण्य में बढ़ोतरी होती है और पाप नष्ट होते हैं पद्म पुराण के अनुसार इसी दिन द्वापर युग की शुरुआत हुई थी अक्षय नवमी पर आवला के वृक्ष के पूजन का बड़ा महत्व है मान्यता है कि कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की नवमी में दान पुण्य करने से अन्य माह में पड़ने वाली नवमी से ज्यादा फलदाई होती है विधि विधान से पूजन करने से संतान की प्राप्ति होती है अक्षय नवमी के दिन आंवला वृक्ष के नीचे भोजन बनाकर भोजन करने का विधान है भोजन करने के दौरान अगर आवला का एक भी पत्ता खाने में गिर गया तो शुभ माना जाता है जखनिया शिव मंदिर पर सुबह से ही आवले के पेड़ के नीचे खाना बनाकर खाने का क्रम चलता रहा