भदोही। रोटहां परसीपुर में हबीबिया नेज़ामिया कमेटी द्वारा बीती रात 30 वां एक रोजा अज़ीमुश्शान गुम्बदे खजरा कांफ्रेंस मुनक़्क़ीद किया गया। कांफ्रेंस का आगाज कारी दीन अली ने कुरआन पाक की तिलावत से किया। कांफ्रेंस में इस्लाही तकरीर करते हुए हज़रत अल्लामा व मौलाना अख्तर हुसैन अलीमी ने कहा आज मुसलमान ज़िल्लत और रुसवाई की ज़िंदगी जी रहा है उसकी एक ही वजह है कि मुसलमान तरीक-ए-मुस्तफा जाने रहमत सलल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम छोड़ कर ईसाइयत और यहूदियत की ज़िंदगी को अपनाता हुआ नजर आ रहा है। मुसलमान गरीबी और बदहाली की ज़िंदगी जी रहा है। इसकी वजह हमने मुस्तफा जाने रहमत की सुन्नतों को छोड़ दिया। हमारे घरों के माहौल अब इस्लामी न रह गए। हमारी बच्चियां बाज़ारो में घूमती हुई नजर आ रही है। हमारे बच्चे इस्लामी लबो लिबास को छोड़ चौराहो की शान बनते हुए नज़र आ रहे है। हमारा पूरा मआशरा दुनिया की रंगीनियों में समा गया। इसलिए हम बदहाली और तंग दस्ती की ज़िंदगी जी रहे। हमने अपने किरदार को किरदारे मुस्तफा से दूर कर लिया। मौलाना ने कहा हमको तो दुनिया मे हुक्मरां बना कर भेजा गया, हमको दुनिया वालो के लिए रहबर बना कर भेजा गया। जब तक हम सच्चे, ईमानदार और इंसाफ परस्त व मुस्तफा जाने रहमत स.के बताए हुए रास्ते पर चलते थे। दुनिया पर हमारी हुक्मरानी हुआ करती थी दुनिया हमे सादिक़ और अमीन समझती थी। आज हमने तरिक़-ए-मुस्तफा जाने रहमत स.को छोड़ कर गुमराही की ज़िंदगी जी रहे है। कहा अपने बच्चो को इस्लामो सांचे में ढालो अपने मआशरे को सुन्नते खैरुल अनाम सलल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम के बताए हुए एक-एक अल्फ़ाज़ में ढालो। ज़िन्दगी संवरती हुई नजर आएगी। वहीं हज़रत अल्लामा व मौलाना मो. हम्माद रजा व मौलाना जिकरुल्लाह मक्की रिजवी, मौलाना मो.निसार बंगाल ने भी इस्लाही तकरीर कर लोगो के दिलो को मुनव्वर व मुजल्ला किया। शायरे इस्लाम एहसान शाकिर, अब्दुल वाहिद अंसारी मालेगांव, तसलीम रजा, शोएब रज़ा, ज़ाहिद रजा, अरक़म बनारसी, ताज हबीबी, बदरुद्दीन रोटहां व शमीम नूरी ने नाते शहे अबरार सलल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम पढ़ कर लोगो इश्के नबी में डुबो दिया। कांफ्रेंस की सरपरस्ती सूफी अज़ीज सुल्तान मियां ने किया, कांफ्रेंस के दूल्हा हजरत अल्लामा व मौलाना महफूज आलम ने बज्मे मुस्तफ़ा में आए हुए सामेइन का शुक्रिया अदा किया। कांफ्रेंस के रौनक रहे अल्हाज साबिर अली अंसारी, जेरे इनायत शम्स आलम अंसारी व जावेद अंसारी, जेरे सियादत मौलाना फैसल अशरफी रहे। वहीं इंतेजामिया कमेटी मो.अलाउद्दीन मंसूरी, मो.फ़िरोज़ मंसूरी, बीडीसी मो.अनवर मंसूरी, प्रधान मो.शाह आलम, हाजी यासर अंसारी, मो.रुस्तम मंसूरी, मो.अली मंसूरी, फैजान अंसारी, सेराज अंसारी, फ़िरोज़ अंसारी आदि लोगो ने कांफ्रेंस में दूर दराज से चल कर आए हुए आशिकाने रसूले अकरम सलल्लल्लाहु अलैहे वसल्लम की खिदमत में लगे रहे।