ललितपुर- डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर सक्षम द्वारा उनकी पुण्य तिथि पर घंटाघर प्रांगण पर उन्हें पुष्प अर्पण करें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गईं इस मौके पर सक्षम के महामंत्री अजय जैन साईकिल ने उनके देश के लिए दिये गए बलिदान को याद करते हुए कहा की
डा. मुखर्जी को याद किया जाता है, वह है जम्मू कश्मीर के भारत में पूर्ण विलय की माँग को लेकर उनके द्वारा किया गया सत्याग्रह एवं बलिदान। 1947 में भारत की स्वतन्त्रता के बाद गृहमन्त्री सरदार पटेल के प्रयास से सभी देसी रियासतों का भारत में पूर्ण विलय हो गया; पर प्रधानमन्त्री जवाहरलाल नेहरू के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण जम्मू कश्मीर का विलय पूर्ण नहीं हो पाया। उन्होंने वहाँ के शासक राजा हरिसिंह को हटाकर शेख अब्दुल्ला को सत्ता सौंप दी। शेख जम्मू कश्मीर को स्वतन्त्र बनाये रखने या पाकिस्तान में मिलाने के षड्यन्त्र में लगा था! ललितपुर सेवा ग्रुप के अध्यक्ष अंकुर जैन सानू बाबा ने कहा की
शेख ने जम्मू कश्मीर में आने वाले हर भारतीय को अनुमति पत्र लेना अनिवार्य कर दिया।
1953 में प्रजा परिषद तथा भारतीय जनसंघ ने इसके विरोध में सत्याग्रह किया। नेहरू तथा शेख ने पूरी ताकत से इस आन्दोलन को कुचलना चाहा; पर वे विफल रहे। पूरे देश में यह नारा गूँज उठा – एक देश में दो प्रधान, दो विधान, दो निशान: नहीं चलेंगे। इस मौके पर ललितपुर में उनकी एक प्रतिमा लगाये जाने की मांग भी की गईं इस मौके पर सक्षम जिलाध्यक्ष अक्षय अलया, डॉ तेजस्व श्रीवास्तव,संजीव सिंघई csc,दीपक जैन बॉबी,पीयूष मिली,युसूफ खान,रविंद्र मुनमुन,वीरेन्द सोनू, रवि प्रताप सिंह, रविंद्र सिँह, अभिषेक सोंनी, आदि उपस्तिथ रहे.