गाजीपुर। जिले में चर्चित पूर्वांचल को को-आपरेटिव बैंक लिमिटेड लंका गाजीपुर का लाइसेंस आखिरकार 15 जून को निरस्त कर दिया गया है।
बताते चलें कि गत वर्ष पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक लंका गाजीपुर दिवालिया घोषित हो गया था। इस पर बैंक के खातेदारों ने अपने धन की वापसी के लिए बैंक कार्यालय पर हंगामा शुरू कर दिया। स्थिति से अवगत होने के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों ने बैंक के प्रबंधतंत्र को बर्खास्त कर उप निबंऊ को-आपरेटिव गाजीपुर को प्रशासक नियुक्त किया। प्रशासक ने बैंक के राम बाबू शाण्डिल्य व विवेक पांडेय सहित करीब पांच लोगों के खिलाफ सदर कोतवाली में धोखाधड़ी का अभियोग पंजीकृत कराया।
उप निबंऊ को-आपरेटिव गाजीपुर
ने उक्त बैंक के सभी खाता धारकों को सूचित किया कि पांच लाख तक सभी जमा खाते धारकों का पैसा लौटाया जायेगा। इसके लिए खाताधारक अपना डिटेल बैंक में जमा कर दें। इस सूचना पर हजारों खाताधारकों ने अपना फार्म भर कर पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक के मुख्यालय में जमा किया और इसमें से प्रथम किस्त के रुप में अधिकांश लोगों को भुगतान भी हो गया। रिजर्व बैंक के अनुसार पांच लाख तक के जमा सभी खाताधारकों की प्रथम किस्त जारी कर दी गयी है, शेष धनराशि डीआईसीजीसी के माध्यम से भुगतान हो जायेंगे। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने यह भी निर्देशित किया कि प्रशासनिक रिसिवर के जरिए पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक गाजीपुर के सभी बकायेदारों से ऋण वसूली का भी कार्य होगा। अब लोकसभा चुनाव सम्पन्न होने के बाद उप निबंधक को-आपरेटिव ने बैंक के बकायेदारों को वसूली के लिए नोटिस भेज दिया । इस पर आगे की कार्रवाई होने से पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक ने पूर्वाचल को-आपरेटिव बैंक का लाइसेंस ही निरस्त कर दिया और रिसिवर के जरिए ऋण वसूली का आदेश जारी किया। उप निबंधक को-आपरेटिव अंसल कुमार ने पूर्वांचल को-आपरेटिव बैंक का लाइसेंस रिजर्व बैंक आफ इंडिया द्वारा निरस्त करने की पुष्टि की है। बैंक का लाइसेंस निरस्त होने के बाद इस प्रकरण को लेकर तरह तरह की चर्चाओं का बाजार गर्म है।