October 22, 2024
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उरई। जनता इंटर कॉलेज एट में विशेष काव्य संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें जनपद झाँसी एवं जालौन के सुविख्यात साहित्यकारों ने प्रतिभाग किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मोंठ से पधारे वरिष्ठ कवि रामनरेश रमन ने की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जिला प्रोबेशन अधिकारी डॉ. अमरेन्द्र पौत्स्यायन एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी श्री इफ्तिखार अहमद जी मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारंभ संजीव त्यागी द्वारा वाणी वंदना से हुआ।
कोटरा से आये शिवम सोनी ने पढ़ा “मुसाफ़िर अब किनारा काट लेंगे,किनारे पर सफीने लग रहे हैं” सिकरी व्यास के कवि रज्जन राजा ने काव्यपाठ करते हुए पढ़ा “छुपा तो लिए पाप तुमने बशर से, छुपाओगे कैसे ख़ुदा की नज़र से ” मोंठ से पधारे कवि अनूप शर्मा ‘अनुपम’ ने अपनी रचना पढ़ते हुए कहा ” तुम अनर्गल व्यूह शब्दों के रचो पर, हम खुली तुरपाइयाँ लिखते रहेंगे।” कोटरा कस्बे से आये ग़ज़लकार विवेक मिश्र ने पढ़ा “डर के सैय्याद से परिंदे ने, खुद ही पिंजरा संभाल रक्खा है” उरई के शायर अख़्तर जलील ने ग़ज़ल पढ़ते हुए कहा “झूठ का पेड़ तो बढ़ता है बड़ी तेज़ी से, सच ज़माने में परेशान बहुत होता है” मोंठ के रचनाकार रामेन्द्र सोनी ने पढ़ा “मुश्किलें आयेंगी तुमको आज़माने के लिए, राही चलना ही पड़ेगा राह पाने के लिए।”
कार्यक्रम का संचालन कर रहे सुपरिचित कवि पुष्पेन्द्र ‘पुष्प’ ने पढ़ा “सवेरे भूलता तो घर पहुँचता, मगर मैं शाम का भूला हुआ हूँ” जिला कार्यक्रम अधिकारी इफ्तिखार अहमद ने पढ़ा “हर एक शख़्स के दिल में हज़ार नफ़रत है, हबीब तुमको मोहब्बत से कौन देखेगा।” ऐट के वरिष्ठ कवि दिव्य यादव ने बुंदेली रचनायें सुनाकर खूब वाहवाही लूटी। विशिष्ट अतिथि के रूप में पधारे जिला प्रोबेशन अधिकारी अमरेन्द्र पौत्स्यायन ने काव्यपाठ करते हुए पढ़ा “चंद सांसों की कहानी है धड़कता जीवन कुछ रहे याद कुछ गुमनाम सा कट जाता है” काव्य संध्या की अध्यक्षता कर रहे जनपद झाँसी के वरिष्ठ कवि रामनरेश रमन ने कहा “बूढ़ा बरगद गांव के देख रहा हालात। जिसने झेले अनगिनत शीत ग्रीष्म बरसात। कार्यक्रम का संयोजन चर्चित खंड काव्य ‘अष्ट बलिदानी’ के रचयिता संजीव त्यागी ने किया। इस अवसर पर जनता इंटर कालेज के कई प्राध्यापक एवं ऐट कस्बे के दर्जनों साहित्य प्रेमी उपस्थित रहे।

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