जरवल/बहराइच। इंतजार की घड़ियां खत्म होने वाली है कैसरगंज लोकसभा का कौन होगा सांसद कौन गिरेगा औंधे मुंह बस चंद घंटों में पता चल जाएगा जिसके लिए लोगो को दिल थाम कर बैठना होगा। बता दे कैसरगंज लोकसभा से इस बार भाजपा ने बृज भूषण शरण सिंह को टिकट न देकर उनके बेटे करन भूषण सिंह पर दांव लगाया था।तो दूसरी तरफ इण्डिया गठबंधन ने सपा के सिंबल से भगतराम मिश्रा पर दांव खेला था जिससे चुनाव काफी दिलचस्प हो गया था। क्यों की ये सीट जो ब्राह्मण बाहुल्य सीट थी। जिससे सपा और भाजपा से सीधा मुक़ाबला हो गया। वैसे राजनीति के पंडितो की माने तो इस लोकसभा सीट का चुनाव विकास के मुद्दे से दूर केवल जातीय समीकरण का जिन्न पूरे चुनाव में दौड़ता रहा। ऊपर से वोटरो का मौन व्रत किसको अपना मत दिए किसको नही का आंकलन मतदान के अन्तिम दौर मे भी वोटरो ने चुप्पी साधे रखा जिससे जिसके सर पे सेहरा होगा कौन गिरेगा औंधे मुंह ये तो ई वी एम मशीन ही राज खोलेगी जिसका नेता ही नहीं आमजन भी बड़े बेसब्री से इंतजार कर रहा है।
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आप का क्या होगा जनाबे अली ?
जरवल। कैसरगंज लोकसभा चुनाव भाले ही किस करवट मे बदले पर ये भी पक्का है कि कही किसी प्रत्याशी का परिणाम खराब आया तो समझो वोट के ठेकेदारो की खैर तो कतई नहीं जो चुनाव के दौरान बड़े ही बड़बोले पन का रुख जो अख्तियार किए थे आज उनकी सांस फूल रही है।