भदोही। आशिके रसूल हुजूर मुजाहिदे मिल्लत का दीवाना कारी गुलाम महमूद हबीबी सोमवार को दुनिया-ए-फानी से कुच कर गए। उनकी मिट्टी बाद नमाज जोहर उनके आबाई वाले कब्रिस्तान में पड़ी। मिट्टी में उमड़े उल्मा-ए-दीन, हुफ्फाज-ए-कराम से लेकर राजनीतिक व सामाजिक हस्तियों ने नम आंखों के साथ शिरकत की। कारी गुलाम महमूद हबीबी एक सच्चे आशिके रसूल व सच्चे आले रसूल थे और हुजूर मुजाहिदे मिल्लत के चहेते मुरीददैन में से थे। उन्होंने अपनी पूरी ज़िंदगी दीनी दुनियावी से लेकर दुनियावी दुनिया तक के सफर में मजहबे इस्लाम के परचम को बुलन्दो बाला करते रहे। जब भी कोई गुस्ताखे रसूल सर बुलंद करता तो श्री हबीबी उसे मुंह तोड़ जवाब देते रहे। उन्होंने मरकजी सीरत कमेटी को सींचा, रबीउल अव्वल के जुलूसे आका सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते रहे। रुअते हेलाल कमेटी के फैसले में उनकी राय ली जाती रही। हुफ्फाज़ो कि बागबानी करने वाले उस्तादुल हुफ्फाज हाजी हाफिज अब्दुल हमीद के बहोत ही चहेते रहे यही वजह रही कि श्री हबीबी उनके पोते उस्तादुल हुफ्फाज हाजी हाफिज परवेज उर्फ अच्छे मियां को काजी-ए-शहर के नियुक्ति पर सबसे पहला मोहर कारी गुलाम महमूद हबीबी ने ही लगाया जो आज श्री अच्छे मियां को काजी-ए-शहर से पूरा भदोही जानता है। कारी गुलाम महमूद हबीबी एक सच्चे हुसैनी भी थे। जब भदोही के कुछ लोगो ने मोहर्रम में ताजिया व अखाड़ा के खिलाफ हुए तो श्री हबीबी ने ही सच्चे हुसैनी होने का सबूत पेश करते हुए उन चंद लोगो की आवाज को नेस्तनाबूद करने का काम किया। श्री हबीबी एक जमींदार घराने से ताल्लुक रखते रहे लेकिन उनकी पूरी ज़िंदगी सुन्नते खैरुल अनाम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम के बताए हुए रास्ते पर बहुत ही सादगी से गुजरी। श्री हबीबी के दुनिया-ए-फानी से कूच कर जाने का मलाल पूरा शहर ही नही अन्य जनपदों के लोगो को हुआ। मिट्टी में हजरत अल्लामा व मौलाना फैसल अशरफी, हजरत अल्लामा व मौलाना अब्दुल समद जियाई, मौलाना महफूज हबीबी, मौलाना फजले रसूल, मौलाना हाफिज मआज़ मिस्बाही, मौलाना अकरम रजा, मौलाना नजम खां, हाफिज अशफ़ाक़ रब्बानी, हाफिज गुलाम मुस्तफ़ा हबीबी, हाफिज आबिद हुसैन, हाफिज शहनवाज, हाफिज अब्दुल माबूद, हाफिज अली रजा, शायरे इस्लाम फ़ैयाज़ भदोहवी, सैयारे कमर, हाजी आज़ाद खां बापू, जावेद आसिम, जुनेद अंसारी, सहित सपा प्रदेश सचिव आरिफ सिद्दीकी, विधायक ज़ाहिद बेग, अली शेर खां, महबूब बेग, अमजद खां, मोहम्मद अली सिद्दीकी, सरवर सिद्दीकी, हाजी मुमताज़ राइन, सैयद नियाज़ अहमद, फरीद बेग, सुनील राइन, नुरैन खां, निर्यातक हाजी यूसुफ इमाम सिद्दीकी, हाजी इश्तियाक अहमद हबीबी, निर्यातक एजाज अहमद अंसारी, आरिफ खां, फरहत अंसारी, हाजी एहतेशाम अहमद सिद्दीकी, इमाम बेग, नफीस डायर, राजू डायर, इदरीस खां, मजीद अहमद, नसीम खां, सलीम अंसारी, बेलाल खां, मोहर्रम खां आदि रहे। वहीं कारी गुलाम महमूद हबीबी के साहबज़ादे शायरे इस्लाम नेहाल हबीबी व उनके घर वालो के लिए लोगो ने सब्र करने की दुआ की।