बिजनौर। जिलाधिकारी अंकित कुमार अग्रवाल ने कहा कि संवाद का मकसद है कि जनपद में उत्पादित बासमती धान का किसानों को अच्छा मूल्य मिले तथा इसके लिए जिला प्रशासन की ओर से प्रगतिशील कृषकों, निर्यातकों, कोर कमेटी एवं क्रेता आदि के साथ कृषि वैज्ञानिक एवं विशेषज्ञों के बीच संवाद कार्यक्रम कराया गया है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि इसके लिए बेहतर तालमेल बनायें। उन्होंने कहा कि अपनी खुशबू और स्वाद के लिए प्रसिद्ध बासमती चावल विश्वभर में खास पसंद किया जाता है। यह न केवल राष्ट्रीय, वरन अन्तर्राष्ट्रीय बाज़ारों में भी अत्यधिक मांग में है। जो कि अरबों डालरों का निर्यात उपलब्ध कराता है। इस विशेषता को देखते हुए बासमती चावल के निर्यात होने से धान उत्पादकों को फसल का लाभकारी मूल्य भी प्राप्त हो सकेगा साथ ही सरकार की मंशा है कि उपज का बड़ा फायदा कृषकों को मिले।
जिलाधिकारी ने बैठक में गहनता से चर्चा कर धान की पैदावार बढ़ाने के लिए उपयुक्त सभी पहलुओं पर मंथन कर कृषि विशेषज्ञों एवं वैज्ञानिकों को उक्त से संबंधित सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं की तकनीकी सहित विस्तृत जानकारी कृषकों को उपलब्ध कराने के दिशा निर्देश दिए।
उन्होंने जिला बिजनौर को जैविक खेती एवं खेती को औद्योगिक के रूप में विकसित करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए स्थानीय किसानों का आह्वान किया कि जैविक खेती के विकास के लिए आगे आएं। उन्होंने बासमती के पैदावार कृषकों का भी आह्वान किया कि जिले में बासमती की अधिक पैदावार करने के लिए अग्रसर हों उन्होंने पुनः बताया कि इसी उदेश्य से आयोजित आज बासमती धान के कृषक उत्पादन संगठनों एवं कृषकों व कोर कमेटी एवं क्रेता, निर्यातकों का खरीफ कृषक वैज्ञानिक आमने – सामने संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है। संवाद का एक मात्र उद्देश्य यही है कि स्थानीय किसान उनसे मार्गदर्शन प्राप्त करें और अपनी जिज्ञासाओं का समाधान करें।
जिलाधिकारी अंकित अग्रवाल कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित शनिवार को सब मिशन आन एग्रीकल्चर एक्सटेंशन (आत्मा) योजनार्गत बासमती धान के कृषक उत्पादन संगठनों एवं कृषकों व कोर कमेटी एवं क्रेता, निर्यातकों का खरीफ कृषक वैज्ञानिक संवाद कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे थे।
जिलाधिकारी ने संबंधित जिला स्तरीय अधिकारियों को स्पष्ट रूप से निर्देश देते हुए कहा कि जिला बिजनौर में बासमती चावल की पैदावार बढ़ाने, जैविक खेती रूप में खेती को विकसित करने में अपना योगदान दें और स्थानीय जागरूक किसानों को उचित मार्गदर्शन के साथ-साथ उनके उत्पादों की मार्केटिंग की भी व्यवस्था करें।
उन्होंने कृषि से संबंधित अन्य विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपने-अपने विभागों की प्रगति और उपलब्धियों पर आधारित, कृषि में अग्रणी लाभार्थियों के सुझावों की जानकारी एवं कृषि से संबंधित सलाह समय समय पर कृषकों को उपलब्ध करायें। ताकि इससे आम कृषक वर्ग भी प्रेरित हो सके और कृषि के विकास में अपना योगदान अदा कर सके। आयोजित संवाद कार्यक्रम में उपस्थित वैज्ञानिकों एवं विशेषज्ञों द्वारा बासमती धान के कृषक उत्पादन संगठनों एवं कृषकों व कोर कमेटी एवं क्रेता, निर्यातकों के अलावा जिले के प्रगतिशील किसानों, को आमंत्रित कर उनके विचारों से स्थानीय कृषक बंधुओं एवं जन सामान्य प्रेरणार्थ अवगत कराया गया। इस अवसर पर उप निदेशक कृषि गिरीश चन्द, जिला कृषि अधिकारी, जिला गन्ना अधिकारी, संबंधित अधिकारी के अलावा बासमती धान के कृषक उत्पादन संगठन, कृषक व कोर कमेटी, क्रेता, निर्यातक, कृषि विशेषज्ञ एवं वैज्ञानिक मौजूद रहें।